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गिरधारी एनकाउंटर की जांच की मांग वाली याचिका खारिज, पुलिस को मिली राहत

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुए गिरधारी उर्फ कन्हैया विश्वकर्मा के एनकाउंटर मामले में लखनऊ पुलिस को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में सीबीआई अथवा कमीशन गठित कर जांच कराने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच.
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Published : Mar 9, 2021, 9:15 PM IST

लखनऊः गिरधारी उर्फ कन्हैया विश्वकर्मा के एनकाउंटर मामले में लखनऊ पुलिस को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में सीबीआई अथवा कमीशन गठित कर जांच कराने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने यह निर्णय याचिका को वापस लिए जाने के आधार पर दिया है.

ये भी पढ़ेंः गिरधारी एनकाउंटर: कोर्ट ने कहा- नहीं हुआ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन

इस आधार पर खारिज की याचिका
याचिका को खारिज करने का आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा की याचिक पर पारित किया है. याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने दलील दी कि सर्वोच्च न्यायालय में भी याची के ही भाई ने एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. वह जनहित याचिका सर्वोच्च न्यायालय में फिलहाल विचाराधीन है. इसके बाद याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध न्यायालय से किया. इसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने वापस लेने के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया है.

ये है मामला

उल्लेखनीय है कि 14/15 फरवरी की रात को गिरधारी को कथित पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया था. पुलिस का कहना है कि उसने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर पुलिस टीम पर फायर करते हुए भागने की कोशिश की थी. इस दौरान आत्मरक्षा में पुलिस टीम ने गोलियां चलाईं. इससे वह मारा गया. इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर भी हाईकोर्ट रोक लगा चुका है.

लखनऊः गिरधारी उर्फ कन्हैया विश्वकर्मा के एनकाउंटर मामले में लखनऊ पुलिस को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में सीबीआई अथवा कमीशन गठित कर जांच कराने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने यह निर्णय याचिका को वापस लिए जाने के आधार पर दिया है.

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इस आधार पर खारिज की याचिका
याचिका को खारिज करने का आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा की याचिक पर पारित किया है. याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने दलील दी कि सर्वोच्च न्यायालय में भी याची के ही भाई ने एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. वह जनहित याचिका सर्वोच्च न्यायालय में फिलहाल विचाराधीन है. इसके बाद याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध न्यायालय से किया. इसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने वापस लेने के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया है.

ये है मामला

उल्लेखनीय है कि 14/15 फरवरी की रात को गिरधारी को कथित पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया था. पुलिस का कहना है कि उसने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर पुलिस टीम पर फायर करते हुए भागने की कोशिश की थी. इस दौरान आत्मरक्षा में पुलिस टीम ने गोलियां चलाईं. इससे वह मारा गया. इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर भी हाईकोर्ट रोक लगा चुका है.

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