लखनऊ : उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग की तरफ से कोल्ड स्टोरेज संचालकों के लिए एक आदेश जारी किया गया है. इसके तहत अब प्राइवेट कोल्ड स्टोर संचालक किसी भी स्थान पर सड़ी गली सब्जियों या आलू को नहीं फेंक पाएंगे. अब उन्हें इसके लिए अलग से प्लांट बनवाना होगा. साइंटिफिक तरीके से बनने वाले इस प्लांट में सड़ी-गली सब्जियों के जरिए कंपोस्ट खाद तैयार करनी होगी. कोल्ड स्टोरेज संचालकों को इसके लिए एक्सपर्ट्स की सलाह लेनी होगी. उद्यान विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों को लिए इसके लिए निर्देशित कर दिया है. ऐसा करने के लिए दो माह का समय दिया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में करीब 198 निजी कोल्ड स्टोरेज हैं. इनमें हर साल तकरीबन 140 से 150 लाख मीट्रिक टन आलू स्टोर किया जाता है. करीब 50 लाख मीट्रिक टन अन्य तरह की सब्जियां भी स्टोर की जाती हैं. इसमें करीब दो से तीन प्रतिशत सब्जियां कई बार अलग-अलग कारणों से खराब हो जाती हैं. इन्हें कुछ कोल्ड स्टोरेज संचालक सड़कों के किनारे फेंकवा देते हैं तो कुछ गड्ढा खोदकर मिट्टी में दबा देते हैं. अब इस पर उद्यान विभाग ने पाबंदी लगाने का फैसला लिया है. विभाग का तर्क है मिट्टी में उपलब्ध धातु और रसायनों को ऐसी सड़ी गली सब्जियां प्रभावित करती हैं. इससे मिट्टी और भूजल दूषित होता है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश के बाद सरकार इस मुद्दे पर सख्ती बरत रही है. उद्यान विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि सड़ी सब्जियों के निस्तारण के लिए साइंटिफिक तरीका अपनाया जाए. सड़ी सब्जियों और आलू को बाहर न फेंका जाए. शीतग्रह के अंदर भी ढेर न लगाया जाए. कोल्ड स्टोरेज में ही प्लांट बनाया जाए. एक्सपर्ट्स की निगरानी में तैयार होने वाली कंपोस्ट खाद किसानों को उपलब्ध कराई जाए. इससे कोल्ड स्टोरेज की इनकम होगी. कंपोस्ट की गई खाद का रिकॉर्ड भी कोल्ड स्टोरेज अपने पास रखेंगे.
प्रमुख सचिव उद्यान के निर्देश पर कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल का कहना है कि आमतौर पर कोल्ड स्टोरेज में आलू और अन्य तरह की सब्जियां फेंकने की नौबत नहीं आती है. अगर कुछ दिक्कत होती भी है तो उसे कंपोस्ट बनाया जाता है. सरकार की तरफ से जो दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं उनका पालन जरूर कराया जाएगा. जैसे ही आदेश मिलेगा, जिला प्रशासन को वास्तविक स्थिति से वाकिफ कराया जाएगा.
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कोल्ड स्टोरेज संचालकों पर कसा गया शिकंजा, बाहर नहीं फेंक सकेंगे सड़ी गली सब्जियां
Private cold store in UP : कोल्ड स्टोरेज में प्लांट बनाकर किसानों को उपलब्ध कराई जाए कंपोस्ट खाद.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 11, 2024, 6:52 PM IST
लखनऊ : उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग की तरफ से कोल्ड स्टोरेज संचालकों के लिए एक आदेश जारी किया गया है. इसके तहत अब प्राइवेट कोल्ड स्टोर संचालक किसी भी स्थान पर सड़ी गली सब्जियों या आलू को नहीं फेंक पाएंगे. अब उन्हें इसके लिए अलग से प्लांट बनवाना होगा. साइंटिफिक तरीके से बनने वाले इस प्लांट में सड़ी-गली सब्जियों के जरिए कंपोस्ट खाद तैयार करनी होगी. कोल्ड स्टोरेज संचालकों को इसके लिए एक्सपर्ट्स की सलाह लेनी होगी. उद्यान विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों को लिए इसके लिए निर्देशित कर दिया है. ऐसा करने के लिए दो माह का समय दिया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में करीब 198 निजी कोल्ड स्टोरेज हैं. इनमें हर साल तकरीबन 140 से 150 लाख मीट्रिक टन आलू स्टोर किया जाता है. करीब 50 लाख मीट्रिक टन अन्य तरह की सब्जियां भी स्टोर की जाती हैं. इसमें करीब दो से तीन प्रतिशत सब्जियां कई बार अलग-अलग कारणों से खराब हो जाती हैं. इन्हें कुछ कोल्ड स्टोरेज संचालक सड़कों के किनारे फेंकवा देते हैं तो कुछ गड्ढा खोदकर मिट्टी में दबा देते हैं. अब इस पर उद्यान विभाग ने पाबंदी लगाने का फैसला लिया है. विभाग का तर्क है मिट्टी में उपलब्ध धातु और रसायनों को ऐसी सड़ी गली सब्जियां प्रभावित करती हैं. इससे मिट्टी और भूजल दूषित होता है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश के बाद सरकार इस मुद्दे पर सख्ती बरत रही है. उद्यान विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि सड़ी सब्जियों के निस्तारण के लिए साइंटिफिक तरीका अपनाया जाए. सड़ी सब्जियों और आलू को बाहर न फेंका जाए. शीतग्रह के अंदर भी ढेर न लगाया जाए. कोल्ड स्टोरेज में ही प्लांट बनाया जाए. एक्सपर्ट्स की निगरानी में तैयार होने वाली कंपोस्ट खाद किसानों को उपलब्ध कराई जाए. इससे कोल्ड स्टोरेज की इनकम होगी. कंपोस्ट की गई खाद का रिकॉर्ड भी कोल्ड स्टोरेज अपने पास रखेंगे.
प्रमुख सचिव उद्यान के निर्देश पर कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल का कहना है कि आमतौर पर कोल्ड स्टोरेज में आलू और अन्य तरह की सब्जियां फेंकने की नौबत नहीं आती है. अगर कुछ दिक्कत होती भी है तो उसे कंपोस्ट बनाया जाता है. सरकार की तरफ से जो दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं उनका पालन जरूर कराया जाएगा. जैसे ही आदेश मिलेगा, जिला प्रशासन को वास्तविक स्थिति से वाकिफ कराया जाएगा.
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