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निलंबन से संतुष्ट नहीं पर्सनल लॉ बोर्ड, पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग

हिंदुस्तान में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पैगम्बर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में प्रतिक्रिया जाहिर की है.

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Published : Jun 6, 2022, 7:30 PM IST

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

लखनऊः पैगम्बर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी से देश ही में नहीं बल्कि विश्व स्तर पर लोगों की नाराजगी देखी जा रही है. हिंदुस्तान में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी अब इस मामले पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. बोर्ड ने भारतीय जनता पार्टी की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए हजरत मोहम्मद पर टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

सोमवार को जारी पर्सनल लॉ बोर्ड के एक बयान में कहा गया कि पिछले दिनों देश की सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पैगम्बर पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की. इसने देश के सभी मुसलमानों को सख्त तकलीफ पहुंचाई और वैश्विक स्तर पर भी इसके कारण देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. इस पृष्ठभूमि में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना निश्चित रुप से अच्छी बात है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. बोर्ड ने कहा कि यह बात आवश्यक है कि ऐसे कुकृत्य करने वालों को कठोर दण्ड दिया जाए, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये और ऐसा कानून बनाया जाए जो विभिन्न धर्मों के पवित्र व्यक्तित्वों (आस्था के प्रतीकों) के अपमान को निंदनीय अपराध घोषित करता हो और उस पर तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई हो सके.

पढ़ेंः भड़काऊ बयान देने के मामले में साध्वी अन्नपूर्णा भारती के खिलाफ मुकदमा दर्ज

कानपुर मामले पर भी बोर्ड का बयान आया सामने

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इन विचारों को व्यक्त करते हुए ईशनिंदा (गुस्ताखान-ए-रिसालत) के विरुद्ध प्रदर्शन को जायज और स्वाभाविक कहा और उनको खिराज-ए-तहसीन पेश किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध जिस प्रकार एकतरफा और भेदभावपूर्ण कार्रवाई की जा रही है वह बेहद अफसोसनाक और निंदनीय है.

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लखनऊः पैगम्बर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी से देश ही में नहीं बल्कि विश्व स्तर पर लोगों की नाराजगी देखी जा रही है. हिंदुस्तान में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी अब इस मामले पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. बोर्ड ने भारतीय जनता पार्टी की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए हजरत मोहम्मद पर टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

सोमवार को जारी पर्सनल लॉ बोर्ड के एक बयान में कहा गया कि पिछले दिनों देश की सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पैगम्बर पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की. इसने देश के सभी मुसलमानों को सख्त तकलीफ पहुंचाई और वैश्विक स्तर पर भी इसके कारण देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. इस पृष्ठभूमि में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना निश्चित रुप से अच्छी बात है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. बोर्ड ने कहा कि यह बात आवश्यक है कि ऐसे कुकृत्य करने वालों को कठोर दण्ड दिया जाए, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये और ऐसा कानून बनाया जाए जो विभिन्न धर्मों के पवित्र व्यक्तित्वों (आस्था के प्रतीकों) के अपमान को निंदनीय अपराध घोषित करता हो और उस पर तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई हो सके.

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इन विचारों को व्यक्त करते हुए ईशनिंदा (गुस्ताखान-ए-रिसालत) के विरुद्ध प्रदर्शन को जायज और स्वाभाविक कहा और उनको खिराज-ए-तहसीन पेश किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध जिस प्रकार एकतरफा और भेदभावपूर्ण कार्रवाई की जा रही है वह बेहद अफसोसनाक और निंदनीय है.

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