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यूपी कैबिनेट से स्वकर निर्धारण प्रणाली को मिली मंजूरी - स्वकर निर्धारण प्रणाली को मंजूरी

उत्तर प्रदेश सरकार अब छोटे शहरों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी स्वकर प्रणाली के तहत गृहकर की वसूली करेगी. भवन स्वामी अब स्वयं अपना गृहकर निर्धारण कर सकेंगे.

यूपी के छोटे शहरों में भी स्वकर निर्धारण प्रणाली को मंजूरी
यूपी के छोटे शहरों में भी स्वकर निर्धारण प्रणाली को मंजूरी
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Published : Mar 17, 2021, 9:47 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में अब छोटे शहरों की नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी स्वकर प्रणाली के तहत गृहकर की वसूली की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार की रात हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली 2021 को मंजूरी दी गई है.

पहले नहीं थी कोई नियमावली

नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भवन या भूमि के वार्षिक मूल्य पर कर लगाने की अभी तक कोई नियमावली नहीं थी. नियमावली नहीं होने की वजह से ही उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर निर्धारण की प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ही उत्तर प्रदेश नगर पालिका भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर नियमावली 2021 को मंजूरी प्रदान की गई है. नियमावली जारी होने के बाद नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में क्षेत्रवार किराया दर तय किया जाएगा.

नये नियमों से आएगी पारदर्शिता

नई नियमावली में पुराने मकान मालिकों को बड़ी राहत दी गई है. 10 साल से पुराने भवनों में अगर भवन मकान मालिक स्वयं रह रहा है तो उसे 25 प्रतिशत छूट मिलेगी. वहीं 10 से 20 साल पर 32.5 प्रतिशत और 20 साल से अधिक पुराने भवन पर 40 फीसदी तक की छूट दिए जाने की व्यवस्था की गई है. अगर ऐसे भवनों में मकान मालिक नहीं रहता है और किराए पर दे रखा है तो 10 साल पुराने मकान पर 25 फीसदी, 10 से 20 साल पुराने मकान पर 12.5 फीसदी अधिक गृहकर लिया जाएगा, जबकि 20 साल पुराने भवनों पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लिया जाएगा.

लखनऊ: प्रदेश में अब छोटे शहरों की नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी स्वकर प्रणाली के तहत गृहकर की वसूली की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार की रात हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली 2021 को मंजूरी दी गई है.

पहले नहीं थी कोई नियमावली

नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भवन या भूमि के वार्षिक मूल्य पर कर लगाने की अभी तक कोई नियमावली नहीं थी. नियमावली नहीं होने की वजह से ही उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर निर्धारण की प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ही उत्तर प्रदेश नगर पालिका भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर नियमावली 2021 को मंजूरी प्रदान की गई है. नियमावली जारी होने के बाद नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में क्षेत्रवार किराया दर तय किया जाएगा.

नये नियमों से आएगी पारदर्शिता

नई नियमावली में पुराने मकान मालिकों को बड़ी राहत दी गई है. 10 साल से पुराने भवनों में अगर भवन मकान मालिक स्वयं रह रहा है तो उसे 25 प्रतिशत छूट मिलेगी. वहीं 10 से 20 साल पर 32.5 प्रतिशत और 20 साल से अधिक पुराने भवन पर 40 फीसदी तक की छूट दिए जाने की व्यवस्था की गई है. अगर ऐसे भवनों में मकान मालिक नहीं रहता है और किराए पर दे रखा है तो 10 साल पुराने मकान पर 25 फीसदी, 10 से 20 साल पुराने मकान पर 12.5 फीसदी अधिक गृहकर लिया जाएगा, जबकि 20 साल पुराने भवनों पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लिया जाएगा.

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