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लखनऊ वासियों को नहीं है 'ओमीक्रोन' का खौफ, बिना मास्क घूमते दिखे लोग, महिला अस्पतालों का हाल बुरा

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर राजधानी लखनऊ के लोग लापरवाह दिखाई दे रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम सच्चाई जानने के लिए ग्राऊंड पर पहुंची तो अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए ही नजर आए. वहीं, राजधानी के बड़े सरकारी महिला अस्पतालों का भी हाल खस्ता दिखा.

कोरोना.
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Published : Dec 9, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Dec 9, 2021, 10:08 AM IST

लखनऊ: एक बार फिर से कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट (ओमीक्रॉन) के मरीज सामने आ रहे हैं. प्रदेश में बीते दिनों कोरोना वायरस की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ के बड़े सरकारी महिला अस्पतालों का हाल खस्ता है. वहां की व्यवस्थाओं को देखते हुए ऐसा लग रहा है मानो कोरोना है ही नहीं.

ईटीवी भारत ने क्वीन मेरी महिला अस्पताल के बाहर कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर लोगों की क्या तैयारियां है. उसे लेकर लोगों से बातचीत की. लखनऊ में इन दिनों धारा 144 लगी हुई है ऐसे में जहां पर एक साथ 4 व्यक्तियों का खड़ा होना मना है. वहीं, महिला अस्पताल के बाहर जमकर भीड़ लग रही है. यहां लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर लोग यहां बिना मास्क लगाए दिखाई दिए. हालांकि टोकने पर कई लोगों ने मास्क लगाया.

जानकारी देती संवाददाता.

इन दिनों क्वीन मेरी महिला अस्पतालों में भीषण भीड़ देखने को मिल रही है. दरअसल, एक मरीज के साथ 7 से 8 तीमारदार अस्पताल में मौजूद हैं. साथ ही मरीजों की संख्या तो इन दिनों बढ़ी है. महिला अस्पताल का होल्डिंग एरिया बेहद छोटा है. जिसकी वजह से एक लाइन से तीमारदार चादर बिछाकर होल्डिंग एरिया में एक साथ बैठे हैं. ऐसे में कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है.

वहीं, अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी कर्मचारी या स्टाफ यह कोशिश नहीं कर रहा है कि तीमारदारों को मास्क लगाने के लिए कहा जाए. लोग भी जागरूक नहीं हैं जबकि अस्पताल के कई जगहों पर बड़े-बड़े शब्दों में बोर्ड पर लिखा है 'दो गज दूरी, मास्क है जरूरी' लेकिन इसके बावजूद भी लोग नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. यह हाल सिर्फ एक अस्पताल का नहीं बल्कि ऐसा ही हाल शहर के तमाम बड़े सरकारी अस्पतालों का है.

सैनिटाइजेशन भी हुआ बंद

कर्मचारी और स्टाफ से बातचीत करने के बाद पता चला गया इन दिनों अस्पतालों में सैनिटाइजेशन का काम नहीं चल रहा है. बीते 4 महीनों में पहले जब कोरोना वायरस के मरीज रोजाना 500-600 आ रहे थे. उस समय अस्पताल में 3 से 4 बार सैनिटाइजेशन होता था. जहां बार-बार साफ सफाई होती थी, लेकिन इस समय अस्पतालों में सैनिटाइजेशन तो छोड़िए अस्पताल की ओपीडी भी चल रही है और होल्डिंग एरिया में तीमारदारों के साथ लावारिस कुत्ते घूम रहे हैं. वहीं, सारे मसले पर क्वीन मैरी अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एसपी जयसवार का कहना है कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि यहां सफाई नहीं होती. यहां 3 टाइम बराबर सफाई होती है. लोगों को भी थोड़ा सा जागरूक होना चाहिए. उन्हें टोका भी जाता है, लेकिन लोग मानते नहीं हैं. आपके बोलने पर एक बार फिर हमने कर्मचारी स्टाफ को अलर्ट कर दिया है और उन्हें साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.

इसे भी पढे़ं- लखनऊ: लाॅकडाउन के बीच अमीनाबाद पुलिस की लापरवाही, दुकानें खुलने से उमड़ी भीड़

लखनऊ: एक बार फिर से कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट (ओमीक्रॉन) के मरीज सामने आ रहे हैं. प्रदेश में बीते दिनों कोरोना वायरस की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ के बड़े सरकारी महिला अस्पतालों का हाल खस्ता है. वहां की व्यवस्थाओं को देखते हुए ऐसा लग रहा है मानो कोरोना है ही नहीं.

ईटीवी भारत ने क्वीन मेरी महिला अस्पताल के बाहर कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर लोगों की क्या तैयारियां है. उसे लेकर लोगों से बातचीत की. लखनऊ में इन दिनों धारा 144 लगी हुई है ऐसे में जहां पर एक साथ 4 व्यक्तियों का खड़ा होना मना है. वहीं, महिला अस्पताल के बाहर जमकर भीड़ लग रही है. यहां लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर लोग यहां बिना मास्क लगाए दिखाई दिए. हालांकि टोकने पर कई लोगों ने मास्क लगाया.

जानकारी देती संवाददाता.

इन दिनों क्वीन मेरी महिला अस्पतालों में भीषण भीड़ देखने को मिल रही है. दरअसल, एक मरीज के साथ 7 से 8 तीमारदार अस्पताल में मौजूद हैं. साथ ही मरीजों की संख्या तो इन दिनों बढ़ी है. महिला अस्पताल का होल्डिंग एरिया बेहद छोटा है. जिसकी वजह से एक लाइन से तीमारदार चादर बिछाकर होल्डिंग एरिया में एक साथ बैठे हैं. ऐसे में कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है.

वहीं, अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी कर्मचारी या स्टाफ यह कोशिश नहीं कर रहा है कि तीमारदारों को मास्क लगाने के लिए कहा जाए. लोग भी जागरूक नहीं हैं जबकि अस्पताल के कई जगहों पर बड़े-बड़े शब्दों में बोर्ड पर लिखा है 'दो गज दूरी, मास्क है जरूरी' लेकिन इसके बावजूद भी लोग नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. यह हाल सिर्फ एक अस्पताल का नहीं बल्कि ऐसा ही हाल शहर के तमाम बड़े सरकारी अस्पतालों का है.

सैनिटाइजेशन भी हुआ बंद

कर्मचारी और स्टाफ से बातचीत करने के बाद पता चला गया इन दिनों अस्पतालों में सैनिटाइजेशन का काम नहीं चल रहा है. बीते 4 महीनों में पहले जब कोरोना वायरस के मरीज रोजाना 500-600 आ रहे थे. उस समय अस्पताल में 3 से 4 बार सैनिटाइजेशन होता था. जहां बार-बार साफ सफाई होती थी, लेकिन इस समय अस्पतालों में सैनिटाइजेशन तो छोड़िए अस्पताल की ओपीडी भी चल रही है और होल्डिंग एरिया में तीमारदारों के साथ लावारिस कुत्ते घूम रहे हैं. वहीं, सारे मसले पर क्वीन मैरी अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एसपी जयसवार का कहना है कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि यहां सफाई नहीं होती. यहां 3 टाइम बराबर सफाई होती है. लोगों को भी थोड़ा सा जागरूक होना चाहिए. उन्हें टोका भी जाता है, लेकिन लोग मानते नहीं हैं. आपके बोलने पर एक बार फिर हमने कर्मचारी स्टाफ को अलर्ट कर दिया है और उन्हें साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.

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Last Updated : Dec 9, 2021, 10:08 AM IST
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