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प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

बीजेपी नेता वरुण गांधी के अपनी ही पार्टी पर तीखे प्रहार के बाद मां-बेटे को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में स्थान नहीं मिला. इससे साफ जाहिर है, कि बीजेपी की आला कमान को मां मेनका व बेटा वरुण गांधी के तेवर पसंद नहीं आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की मांग है, कि पार्टी को मां-बेटे का कद बढ़ाना चाहिए, रिपोर्ट पढ़िए..

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा
प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा
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Published : Oct 11, 2021, 11:09 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 2:34 PM IST

सुलतानपुर : लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद चर्चा में आए बीजेपी नेता व पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी और उनकी मां व सुलतानपुर की सांसद मेनका गांधी को बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया है. बीजेपी की आला कमान द्वारा वरुण और मेनका का कद न बढ़ाने के बाद राजनीतिक महकमें चर्चाएं तेज हो गईं हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा के बाद से राजनीतिक महकमें में कई कयास लगाए जा रहे हैं. यूपी के इस चुनावी समर में वरुण गांधी क्या स्टैंड लेते हैं, इसका अभी इंतजार है.

मां-बेटे को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान न मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने इस बारे में प्रबुद्ध जनों की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की. बातचीत के दौरान प्रबुद्ध वर्ग ने ईटीवी भारत को बताया, कि मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बाहर नहीं होना चाहिए था. लोगों का मानना है, कि मेनका व वरूण गांधी का कद बीजेपी को बढ़ाना चाहिए था. इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक वार्ष्णेय ने बाताया, कि सुलतानपुर की सांसद व पूर्व कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी का कद निश्चित रूप से बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, कि मेनका गांधी स्वभाव की धनी हैं वह सभी से मिलतीं हैं. मेनका गांधी बिना किसी भेद-भाव के सभी के लिए काम करतीं हैं. बीजेपी को उनका कद बढ़ाना चाहिए था, ताकि प्रदेश भर के लोगों की वह मदद कर सकें.

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

समाजसेवी व अपराध निरोधक समिति के अध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह का कहना है, कि सांसद मेनका गांधी का राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय मंत्रिमंडल में होना आवश्यक है. उन्होंने सुलतानपुर के विकास के लिए बहुत से कार्य किए हैं. पिछले कई वर्षों से मेनका गांधी के मुकाबले किसी नेता ने जिले में विकास कार्य नहीं कराए हैं.

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

लखीमपुर घटना एवं बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम ने मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र सुलतानपुर में कई लोगों से उनकी प्रतिक्रिया जानी. इस दौरान लोगों ने मेनका गांधी की जमकर तारीफ की. कुछ लोगों ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति को लखीमपुर हिंसा से जोड़कर देखा.

पटकथा लेखिक मल्लिका राजपूत ने ईटीवी भारत को बताया, कि मेनका गांधी वन्य जीव प्रेमी हैं. मेनका गांधी ने सुलतानपुर में कई सराहनीय कार्य किए हैं. पटकथा लेखिक मल्लिका राजपूत का कहना है, कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मेनका गांधी का शामिल न होने दुखद है. यह पार्टी के अंदर का निर्णय है, वह इस मामले में कटाक्ष नहीं करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, कि यदि लखीमपुर की घटना में मोहरा बनाकर मेनका गांधी कद नहीं बढ़ाया गया है तो वह दुखद है. लखीमपुर हिंसा में जिन किसानों की मौत हुई है, वह भी बेहद दुखद था. ऐसे में वरुण और मेनका गांधी का किसानों के पक्ष में खड़ा होना लाजमी है.

ईटीवी भारत की टीम ने प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से बातचीत के दौरान सुलतानपुर से सांसद व पूर्व कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी की क्षवि को लोकप्रिय पाया. मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल न किए जाने का लोगों ने खासा विरोध किया. वहीं इस मामले पर खुद मेनका गांधी ने कहा, कि उन्हे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है. मेनका गांधी ने बताया, कि वह बीते 25 सालों से राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में हैं. अब, जब पार्टी ने उन्हें इस कमेटी में शामिल नहीं किया है तो उन्हें इस बात से कोई समस्या नहीं है.

पीलीभीत के नागरिक बोले- बीजेपी को भुगतना होगा खामियाजा

बीजेपी नेता व पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी बीते कुछ दिनों से किसानों के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं. बीजेपी की आला कमान को वरुण गांधी के तेवर रास नहीं आ रहे हैं. बता दें, कि सांसद वरुण गांधी ने गन्ना मूल्य बढ़ाने व किसानों कि अन्य कई समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने की किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराने की मांग की थी. इसके अलावा लखीमपुर हिंसा मामले में भी वरुण गांधी ट्वीट कर चुके हैं.

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

अपनी ही पार्टी के खिलाफ कड़े तेवरों के चलते वरुण गांधी व उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया जाननी चाही. इस दौरान स्थानीय लोगों ने वरुण और मेनका गांधी के पक्ष में बात की. लोगों का कहना है, कि वरुण गांधी ने किसानों के हित में बात की तो बीजेपी उन्हें साइडलाइन कर रही है. बीजेपी का वरुण गांधी को साइड करना निहायत ही गलत है.

स्थानीय लोगों ने बताया, कि सांसद वरुण गांधी किसानों के हित के लिए खड़े होते रहे हैं. बीजेपी सांसद वरुण गांधी और मेनका गांधी को साइडलाइन किए जाने के सवाल पर स्थानीय लोगों ने कहा, कि बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना होगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है, कि किसानों के समर्थन की बात कहकर वरुण गांधी बीजेपी के वोट बैंक को बचा रहे हैं. लोगों का कहना है, कि वरुण और मेनका गांधी को साइडलाइन करके बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व गेम खेल रहा है.

इसे पढ़ें- बीजेपी को नहीं रास आए मां-बेटे के तीखे तेवर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वरूण और मेनका हुए गायब

सुलतानपुर : लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद चर्चा में आए बीजेपी नेता व पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी और उनकी मां व सुलतानपुर की सांसद मेनका गांधी को बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया है. बीजेपी की आला कमान द्वारा वरुण और मेनका का कद न बढ़ाने के बाद राजनीतिक महकमें चर्चाएं तेज हो गईं हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा के बाद से राजनीतिक महकमें में कई कयास लगाए जा रहे हैं. यूपी के इस चुनावी समर में वरुण गांधी क्या स्टैंड लेते हैं, इसका अभी इंतजार है.

मां-बेटे को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान न मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने इस बारे में प्रबुद्ध जनों की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की. बातचीत के दौरान प्रबुद्ध वर्ग ने ईटीवी भारत को बताया, कि मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बाहर नहीं होना चाहिए था. लोगों का मानना है, कि मेनका व वरूण गांधी का कद बीजेपी को बढ़ाना चाहिए था. इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक वार्ष्णेय ने बाताया, कि सुलतानपुर की सांसद व पूर्व कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी का कद निश्चित रूप से बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, कि मेनका गांधी स्वभाव की धनी हैं वह सभी से मिलतीं हैं. मेनका गांधी बिना किसी भेद-भाव के सभी के लिए काम करतीं हैं. बीजेपी को उनका कद बढ़ाना चाहिए था, ताकि प्रदेश भर के लोगों की वह मदद कर सकें.

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

समाजसेवी व अपराध निरोधक समिति के अध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह का कहना है, कि सांसद मेनका गांधी का राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय मंत्रिमंडल में होना आवश्यक है. उन्होंने सुलतानपुर के विकास के लिए बहुत से कार्य किए हैं. पिछले कई वर्षों से मेनका गांधी के मुकाबले किसी नेता ने जिले में विकास कार्य नहीं कराए हैं.

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

लखीमपुर घटना एवं बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम ने मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र सुलतानपुर में कई लोगों से उनकी प्रतिक्रिया जानी. इस दौरान लोगों ने मेनका गांधी की जमकर तारीफ की. कुछ लोगों ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति को लखीमपुर हिंसा से जोड़कर देखा.

पटकथा लेखिक मल्लिका राजपूत ने ईटीवी भारत को बताया, कि मेनका गांधी वन्य जीव प्रेमी हैं. मेनका गांधी ने सुलतानपुर में कई सराहनीय कार्य किए हैं. पटकथा लेखिक मल्लिका राजपूत का कहना है, कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मेनका गांधी का शामिल न होने दुखद है. यह पार्टी के अंदर का निर्णय है, वह इस मामले में कटाक्ष नहीं करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, कि यदि लखीमपुर की घटना में मोहरा बनाकर मेनका गांधी कद नहीं बढ़ाया गया है तो वह दुखद है. लखीमपुर हिंसा में जिन किसानों की मौत हुई है, वह भी बेहद दुखद था. ऐसे में वरुण और मेनका गांधी का किसानों के पक्ष में खड़ा होना लाजमी है.

ईटीवी भारत की टीम ने प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से बातचीत के दौरान सुलतानपुर से सांसद व पूर्व कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी की क्षवि को लोकप्रिय पाया. मेनका गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल न किए जाने का लोगों ने खासा विरोध किया. वहीं इस मामले पर खुद मेनका गांधी ने कहा, कि उन्हे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है. मेनका गांधी ने बताया, कि वह बीते 25 सालों से राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में हैं. अब, जब पार्टी ने उन्हें इस कमेटी में शामिल नहीं किया है तो उन्हें इस बात से कोई समस्या नहीं है.

पीलीभीत के नागरिक बोले- बीजेपी को भुगतना होगा खामियाजा

बीजेपी नेता व पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी बीते कुछ दिनों से किसानों के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं. बीजेपी की आला कमान को वरुण गांधी के तेवर रास नहीं आ रहे हैं. बता दें, कि सांसद वरुण गांधी ने गन्ना मूल्य बढ़ाने व किसानों कि अन्य कई समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने की किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराने की मांग की थी. इसके अलावा लखीमपुर हिंसा मामले में भी वरुण गांधी ट्वीट कर चुके हैं.

प्रबुद्ध जन की आवाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर नहीं होना चाहिए था मेनका गांधी का चेहरा

अपनी ही पार्टी के खिलाफ कड़े तेवरों के चलते वरुण गांधी व उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया जाननी चाही. इस दौरान स्थानीय लोगों ने वरुण और मेनका गांधी के पक्ष में बात की. लोगों का कहना है, कि वरुण गांधी ने किसानों के हित में बात की तो बीजेपी उन्हें साइडलाइन कर रही है. बीजेपी का वरुण गांधी को साइड करना निहायत ही गलत है.

स्थानीय लोगों ने बताया, कि सांसद वरुण गांधी किसानों के हित के लिए खड़े होते रहे हैं. बीजेपी सांसद वरुण गांधी और मेनका गांधी को साइडलाइन किए जाने के सवाल पर स्थानीय लोगों ने कहा, कि बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना होगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है, कि किसानों के समर्थन की बात कहकर वरुण गांधी बीजेपी के वोट बैंक को बचा रहे हैं. लोगों का कहना है, कि वरुण और मेनका गांधी को साइडलाइन करके बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व गेम खेल रहा है.

इसे पढ़ें- बीजेपी को नहीं रास आए मां-बेटे के तीखे तेवर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वरूण और मेनका हुए गायब

Last Updated : Oct 12, 2021, 2:34 PM IST
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