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योगी सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोतरी कर दिया जोरों का झटका, लोगों में निराशा

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक बार फिर बिजली दरों में बढ़ोतरी करने के बाद आम लोगों को जोरों का झटका लगा है. पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे प्रदेश के आम लोगों को एक बार फिर से बिजली दरों में बढ़ोतरी कर महंगाई का झटका दिया गया है. इस महंगाई ने एक बार फिर से लोगों की कमर तोड़ दी है.

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Published : Sep 4, 2019, 3:01 PM IST

बिजली दरों में बढ़ोतरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की ओर से बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने मुहर लगा दी. बढ़ी हुई बिजली दरों से घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली का जोरदार करंट लगा है. घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें 8 से 12 फीसद तक महंगी हो गई हैं. बिजली के टैरिफ में 11.69 फीसद की बढ़ोतरी पर नियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब हर माह आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी.

बिजली दरों की बढ़ोतरी पर लोगों की राय.

बिजली विभाग की नई दरों से जहां गरीबों और किसानों की जेब पर महंगाई की मार पड़ेगी, वहीं औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार नहीं डाला गया है. औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के टैरिफ में सिर्फ पांच से 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में सबसे ज्यादा भार शहरी अनुसूची के कृषक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिन्हें अब पहले की तुलना में नौ फीसद ज्यादा, वहीं ग्रामीण किसानों को 15 फीसद तक ज्यादा बिजली का भुगतान करना होगा.

इसे भी पढ़ें- अब CISF की जगह UP POLICE के जवान संभालेंगे प्रदेश के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था

घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में आठ से 12 फीसद तक अतिरिक्त बिल चुकाना होगा. इससे निश्चित तौर पर आम जनता का बजट बिगड़ना तय है. नियामक आयोग ने सिर्फ लाइफलाइन उपभोक्ताओं को ही राहत दी है. लाइफ लाइन उपभोक्ताओं को प्रति माह 50 रुपये प्रति किलो वाट और 3 रुपये प्रति किलो वाट एनर्जी चार्ज पहले की ही तरह देय होगा. घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों की बिजली दरों में नियामक आयोग ने जहां बढ़ोतरी की है, वहीं एलएलवी 6 और एचवी 1 श्रेणी के उपभोक्ताओं के स्लैब में कमी की है.

बिजली की बढ़ी दरों पर ईटीवी भारत ने राजधानी के लोगों से बात की तो वहां के लोग इस बढ़ोतरी से परेशान और हताश दिखे. राजधानी के लोगों का कहना है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद उनकी रोजमर्रा की चीजें भी अब आसान नहीं रहेंगी. ये लोग पहले से ही जीवन में काफी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. लोगों के जीवन में बिजली दरों में बढ़ोतरी ने एक बार फिर से तमाम दिक्कतों को पैदा कर दिया है, जिसकी वजह से आमजन में बिजली दर की बढ़ोतरी से खासी निराशा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की ओर से बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने मुहर लगा दी. बढ़ी हुई बिजली दरों से घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली का जोरदार करंट लगा है. घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें 8 से 12 फीसद तक महंगी हो गई हैं. बिजली के टैरिफ में 11.69 फीसद की बढ़ोतरी पर नियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब हर माह आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी.

बिजली दरों की बढ़ोतरी पर लोगों की राय.

बिजली विभाग की नई दरों से जहां गरीबों और किसानों की जेब पर महंगाई की मार पड़ेगी, वहीं औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार नहीं डाला गया है. औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के टैरिफ में सिर्फ पांच से 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में सबसे ज्यादा भार शहरी अनुसूची के कृषक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिन्हें अब पहले की तुलना में नौ फीसद ज्यादा, वहीं ग्रामीण किसानों को 15 फीसद तक ज्यादा बिजली का भुगतान करना होगा.

इसे भी पढ़ें- अब CISF की जगह UP POLICE के जवान संभालेंगे प्रदेश के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था

घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में आठ से 12 फीसद तक अतिरिक्त बिल चुकाना होगा. इससे निश्चित तौर पर आम जनता का बजट बिगड़ना तय है. नियामक आयोग ने सिर्फ लाइफलाइन उपभोक्ताओं को ही राहत दी है. लाइफ लाइन उपभोक्ताओं को प्रति माह 50 रुपये प्रति किलो वाट और 3 रुपये प्रति किलो वाट एनर्जी चार्ज पहले की ही तरह देय होगा. घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों की बिजली दरों में नियामक आयोग ने जहां बढ़ोतरी की है, वहीं एलएलवी 6 और एचवी 1 श्रेणी के उपभोक्ताओं के स्लैब में कमी की है.

बिजली की बढ़ी दरों पर ईटीवी भारत ने राजधानी के लोगों से बात की तो वहां के लोग इस बढ़ोतरी से परेशान और हताश दिखे. राजधानी के लोगों का कहना है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद उनकी रोजमर्रा की चीजें भी अब आसान नहीं रहेंगी. ये लोग पहले से ही जीवन में काफी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. लोगों के जीवन में बिजली दरों में बढ़ोतरी ने एक बार फिर से तमाम दिक्कतों को पैदा कर दिया है, जिसकी वजह से आमजन में बिजली दर की बढ़ोतरी से खासी निराशा है.

Intro:घरेलू उपभोक्ताओं को लगा बिजली का जोरदार करंट, 12%तक महंगी हुई बिजली

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मंगलवार शाम उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने मुहर लगा दी। नियामक आयोग ने प्रदेश में बिजली की नई दरें जारी कर दीं। बढ़ी हुई बिजली दरों से घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली का ज़ोरदार करंट लगा है। घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली आठ से 12 फीसद तक महंगी हो गई है। बिजली के टैरिफ में 11.69 फीसद की बढ़ोतरी पर नियामक आयोग ने मंजूरी दे दी । इसके बाद अब हर माह महंगाई की मार झेल रही आम जनता का बजट महंगी बिजली बिगाड़ेगी। गरीब उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों को भी बिजली दरों में राहत नहीं दी गई है। किसानों की भी बिजली दर नौ फीसद से लेकर 15 फीसद तक बढ़ा दी गई। हालांकि नियामक आयोग ने लाइफलाइन उपभोक्ताओं को टैरिफ में राहत जरूर दी है। उनके टैरिफ में कोई परिवर्तन नहीं किया है।


Body:बिजली विभाग की नई बिजली दरों से जहां गरीबों और किसानों की जेब पर भार पड़ेगा, वहीं औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार नहीं डाला गया। औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के टैरिफ में सिर्फ पांच से 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा भार शहरी अनुसूची के कृषक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिन्हें अब पहले की तुलना में नौ फीसद ज्यादा, वहीं ग्रामीण किसानों को 15 फीसद तक ज्यादा बिजली का भुगतान करना होगा। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में आठ से 12 फीसद तक अतिरिक्त बिल चुकाना होगा। इससे निश्चित तौर पर आम जनता का बजट बिगड़ना तय है। नियामक आयोग ने सिर्फ लाइफलाइन उपभोक्ताओं को ही राहत दी है। लाइफ लाइन उपभोक्ताओं को प्रति माह ₹50 प्रति किलो वाट और ₹3 प्रति किलो वाट एनर्जी चार्ज पहले ही की तरह देय होगा।


Conclusion:जहां घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों की बिजली दरों में नियामक आयोग ने बढ़ोतरी की है, वहीं एलएलवी 6 और एचवी 1 श्रेणी के उपभोक्ताओं के स्लैब में कमी की है। सभी कनेक्टेड लोड का फिक्स चार्ज सामान रखते हुए यह कमी की गई है।

अखिल पांडेय, 9336864096, लखनऊ
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