लखनऊ: राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव, नए निर्माण हो रहे बिल्डिंग पर ग्रीन नेट और कूड़े का उचित निपटारा किया जाना चाहिए. राजधानी के आईआईएम रोड पर ना ही पानी का छिड़काव किया जाता है और ना ही प्रदूषण को रोकने के लिए कोई उपाय किया जा रहा है.
उड़ती धूल से लोग परेशान
राजधानी के आईआईएम रोड पर पूरे दिन सड़कों पर पड़ी मिट्टी-धूल गाड़ियों के पहियों से उड़ती रहती है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक तरफ राहगीरों को भी धूल से परेशानी होती है, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर लगी सब्जी की दुकानों में भी धूल भर जाती है. स्थानीय सब्जी विक्रेता बताते हैं कि रात भर यहां मिट्टी के ओवरलोडेड डंपर गुजरते हैं. इस दौरान सड़कों पर मिट्टी गिरती है और दिन भर इसी हालत में रहते हुए पर्यावरण को प्रदूषित करती रहती है.
प्रशासन का कोई ध्यान नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन भर मिट्टी और धूल रहने से परेशानियां होती हैं लेकिन न तो प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करता है और न ही नगर निगम की ओर से कोई छिड़काव किया जाता है. मामले में डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने बताया कि आरटीओ विभाग से पता किया जाएगा कि किन-किन गाड़ियों को मिट्टी ढोने के लिए चलाने के लिए परमिशन दी गई है. वहीं दूसरी ओर रात के समय में स्पेशल टीम लगाकर परखा जाएगा कि किस तरह की गाड़ियां सड़कों पर ओवरलोड मिट्टी ले जाकर गिरा रही हैं. ऐसे ट्रक चालकों पर कार्रवाई की जाएगी.