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गणतंत्र दिवस के बारे में कितना जानते हैं आप?

ईटीवी भारत की टीम ने गणतंत्र दिवस पर इस दिन का महत्व जानने के लिए लोगों से इससे संबंधित कुछ सवाल किए. उन सवालों के जवाब कुछ यूं आए, जिनको सुनकर आप हंस तो पड़ेंगे, लेकिन साथ में लोगों की यह हालत देख हैरान भी होंगे.

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क्या जानते हैं लोग गणतंत्र दिवस के बारे में.
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Published : Jan 25, 2020, 7:36 PM IST

लखनऊः गणतंत्र दिवस, वह दिन जब देश का संविधान लागू हुआ था. इस वर्ष देश अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. हर साल की तरह देश के लोग पूरी देशभक्ति के साथ इस साल भी भारत माता को नमन कर तिरंगे का सम्मान करते हुए देशभक्ति के रंग में रंगे दिखाई देंगे.

इस दिन का महत्व लोगों से जानने के लिए ईटीवी भारत ने लोगों से बात की. उनसे जानना चाहा कि 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस का क्या महत्व है. लोगों से गणतंत्र दिवस से संबंधित कुछ सवाल किए गए. उन सवालों के जवाब ऐसे आए मानों भारत से नहीं किसी और दुनिया से वह सवाल तालूकात रखते हों.

क्या जानते हैं लोग गणतंत्र दिवस के बारे में.

ईटीवी भारत की टीम पहुंची वाराणसी
जिले में लोगों से गणतंत्र दिवस के बारे में बात की गई, जिसमें उनसे पूछा गया कि आखिर 26 जनवरी क्यों मनाते हैं, 26 जनवरी और 15 अगस्त में अंतर क्या है और हमारे देश का संविधान लिखने वाला कौन है.

इन सवालों का जवाब हमने इस उम्मीद के साथ मांगा कि भारतीयता के रंग में रंगकर 26 जनवरी मनाने वाले लोगों को इन सवालों के जवाब पता होंगे, लेकिन जब सवाल रखने शुरू किए तो कोई माइक देखकर भागने लगा तो किसी ने हाथ धोकर लौट कर आने पर सवाल का जवाब देने की बात कही. हालात तो यह हुए कि कुछ लोग माइक हटाने के लिए हाथापाई तक पर उतारू हो गए.

जब हम पहुंचे बुलन्दशहर
यहां भी हमने लोगों से वही सवाल किए और लोगों के अजब-गजब जवाब हमें यहां पर भी सुनने को मिले. युवाओं से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के बारे में जानकारी ली तो काफी चौंकाने वाले जवाब सामने आए. कुछ नौजवानों ने जो जवाब दिए वो हैरान करने वाले थे तो वहीं कुछ को देश की आजादी से लेकर संविधान लागू होने तक की तारीख भी याद नहीं थी.

बताते हैं कानपुर देहात के लोगों का हाल
ईटीवी भारत के सवाल सुनकर मानों लोगों के तोते उड़ गए. सवाल के जवाब ऐसे दे रहे थे मानों सवाल देश के गणतंत्र दिवस का नहीं किसी और ग्रह के बारे में पूछ लिया हो. मजे की बात यह है कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को लेकर कन्फ्यूजन हर किसी के मन में दिखा. किसी ने 26 जनवरी को भारत की आजादी का दिन बताया तो किसी ने इसे गणतंत्र दिवस बता कर ही अपना पल्ला झाड़ लिया.

हद तो तब हो गई जब संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में पूछे जाने पर लोग कन्नी काटने लगे. कुछ तो ऐसे भी दिखे जिनको संविधान के बारे में ही नहीं पता था. कुल मिलाकर 26 जनवरी को मनाए जाने की वजह और इसके पीछे की पूरी कहानी न ही युवाओं को पता थी और न ही बड़े उम्र के लोगों को.

लखनऊः गणतंत्र दिवस, वह दिन जब देश का संविधान लागू हुआ था. इस वर्ष देश अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. हर साल की तरह देश के लोग पूरी देशभक्ति के साथ इस साल भी भारत माता को नमन कर तिरंगे का सम्मान करते हुए देशभक्ति के रंग में रंगे दिखाई देंगे.

इस दिन का महत्व लोगों से जानने के लिए ईटीवी भारत ने लोगों से बात की. उनसे जानना चाहा कि 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस का क्या महत्व है. लोगों से गणतंत्र दिवस से संबंधित कुछ सवाल किए गए. उन सवालों के जवाब ऐसे आए मानों भारत से नहीं किसी और दुनिया से वह सवाल तालूकात रखते हों.

क्या जानते हैं लोग गणतंत्र दिवस के बारे में.

ईटीवी भारत की टीम पहुंची वाराणसी
जिले में लोगों से गणतंत्र दिवस के बारे में बात की गई, जिसमें उनसे पूछा गया कि आखिर 26 जनवरी क्यों मनाते हैं, 26 जनवरी और 15 अगस्त में अंतर क्या है और हमारे देश का संविधान लिखने वाला कौन है.

इन सवालों का जवाब हमने इस उम्मीद के साथ मांगा कि भारतीयता के रंग में रंगकर 26 जनवरी मनाने वाले लोगों को इन सवालों के जवाब पता होंगे, लेकिन जब सवाल रखने शुरू किए तो कोई माइक देखकर भागने लगा तो किसी ने हाथ धोकर लौट कर आने पर सवाल का जवाब देने की बात कही. हालात तो यह हुए कि कुछ लोग माइक हटाने के लिए हाथापाई तक पर उतारू हो गए.

जब हम पहुंचे बुलन्दशहर
यहां भी हमने लोगों से वही सवाल किए और लोगों के अजब-गजब जवाब हमें यहां पर भी सुनने को मिले. युवाओं से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के बारे में जानकारी ली तो काफी चौंकाने वाले जवाब सामने आए. कुछ नौजवानों ने जो जवाब दिए वो हैरान करने वाले थे तो वहीं कुछ को देश की आजादी से लेकर संविधान लागू होने तक की तारीख भी याद नहीं थी.

बताते हैं कानपुर देहात के लोगों का हाल
ईटीवी भारत के सवाल सुनकर मानों लोगों के तोते उड़ गए. सवाल के जवाब ऐसे दे रहे थे मानों सवाल देश के गणतंत्र दिवस का नहीं किसी और ग्रह के बारे में पूछ लिया हो. मजे की बात यह है कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को लेकर कन्फ्यूजन हर किसी के मन में दिखा. किसी ने 26 जनवरी को भारत की आजादी का दिन बताया तो किसी ने इसे गणतंत्र दिवस बता कर ही अपना पल्ला झाड़ लिया.

हद तो तब हो गई जब संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में पूछे जाने पर लोग कन्नी काटने लगे. कुछ तो ऐसे भी दिखे जिनको संविधान के बारे में ही नहीं पता था. कुल मिलाकर 26 जनवरी को मनाए जाने की वजह और इसके पीछे की पूरी कहानी न ही युवाओं को पता थी और न ही बड़े उम्र के लोगों को.

Intro:नोट_ये इनपुट स्पेशल प्रोग्राम रिपब्लिक डे स्पेशल पर ऑफिस के आदेश अनुसार करवाया गया है..जिसे भेजा गया है...

एंकर_भारत देश के निवासी है..पर सवालों से अनजान है..तो वही पर चंद लोग ही थोड़े बहुत जानकर है...यू पी के जनपद कानपुर देहात में आज etv भारत की टीम ने जनपद की अलग अलग गलियों में घूमकर पूछे लोगो से देश के बारे में अहम सवाल..कुछ ने दिए सही जबाब तो कुछ के तोते उड़ते नजर आए..ये हाल था..जानकार बुजुर्गों का..तो आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा...देखे etv भारत पर कानपुर देहात से ये स्पेशल प्रोग्राम रिपब्लिक डे स्पेशल पर उड़े लोगो के तोते....


Body:वी0ओ0_जैसे ही आज हमारी टीम etv भारत ने अपने स्पेशल प्रोग्राम रिपब्लिक डे स्पेशल पर कानपुर देहात के लोगो के बीच जाकर लोगो से रूबरू हुए तो..वही पर लोगो के उड़े तोते..हमारी टीम ने कानपुर देहात की पहली गली अकबरपुर में जब पहले शख्स से रूबरू हुए..तो हमारी टीम का सवाल था..
1_गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस में क्या अंतर है?..2_गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?..3_सम्बिधान किसने लिखा?..4_भीम राव अंबेडकर कौन है?..
पहले युवक शख्स ने सारे सवालों का जबाब दिया..तो कई के मायने भी नही पता थे..उसके बाद हमारी etv भारत की टीम की मुलाकात हुई एक और राहगीर से..उन जनाब का जबाब ऐसा था की आप भी सोचेगे ये साहेब जैसे भारत मे नही किसी और गृह में रहते है..उन्होंने बताया की गणतंत्र दिवस को हमारा देश आजाद हुआ था..पहले तो सवाल ऐसा बर्ताव किया जैसे कि किसी और देश के बारे में हमारी etv भारत की टीम ने पूछ लिया हो...

वाइट_शौरभ सिंह (राहगीर कानपुर देहात)

वाइट_अंसार खान (राहगीर कानपुर देहात)


Conclusion:वी0ओ0_etv भारत की टीम के सवाल सुनकर बड़े बड़ो के तोते उड़ते नजर आए..इसके बाद हमारी टीम ने कानपुर देहात की हाईटेक सिटी भोगनीपुर विधानसभा के पुखरायां नगर पालिका के कस्बे का रुख किया वहा पर हमारी टीम को ऐसे ऐसे लोगो से मुलाकात हुई की लग रहा था की जो सवाल पूछे जा रहे है..किसी और दुनिया से आये है..हमारी मुलाकात हुई सबसे बुजुर्ग इंसान से जिन्होंने कहा की हम ये नही बता पाएंगे की गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस में क्या अंतर है..जब हमारी टीम ने सवाल पूछा की भीम राव अंबेडकर कौन है?..तो उनका जबाब था बसपा पार्टी के संथापक थे...और उन्होंने बताया की गणतंत्र दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है..उसके बाद मील दूसरे शख्स से तो उन्होंने सभी सवालों के जबाब सही दिए...जब हमारी टीम ने एक और राहगीर के पास पहुची तो उनका जबाब ऐसा था..की उन्हें कुछ नही पता..तो वही हमारी मुलाकात हुई एक विहारी बाबू से जिन्होंने सारे सवालों का जबाब अपने अंदाज में दिए..तो वही पर राहगीर महिलाएं भी etv भारत के सवालों का जबाब नही दे पाई....

वाइट_सुरेश (पुखरायां के राहगीर)

वाइट_सुरेंद्र कुमार (पुखरायां के राहगीर)

वाइट_राजेन्द्र सिंह (पुखरायां के राहगीर)

वाइट_विहारी बाबू

वाइट_कुसुम देवी (पुखरायां के राहगीर)

Date- 9_1_2020

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

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