लखनऊ: लंबित विवेचना का जल्द से जल्द निवारण कर अपराधियों के दंड दिलाने की प्रक्रिया को प्रभावी करने के लिए विभाग की तरफ से दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. इस विषय पर सभी थानों पर विवेचना इकाई का गठन किया जाएगा. एक विवेचना इकाई में 6 लोग शामिल होंगे, जिसमें एक उपनिरीक्षक, एक आरक्षी, एक महिला आरक्षी और अन्य पुरुष आरक्षित होंगे.
जारी किए गए आदेश के अनुसार, अपराध इकाई 50 लाख से अधिक के आर्थिक धोखाधड़ी के अपराध, जाली मुद्रा, आईटी एक्ट, स्पेशल रिपोर्ट प्रकरण, राष्ट्र के विरुद्ध किए गए कार्य, एनडीपीएस अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, हथियार तस्करी सहित धारा 406, 460, 408, 409, 420, 420, 465, 467, 471, 427 की विवेचना करेगी.
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विभाग में यह व्यवस्था कमिश्नर प्रणाली लागू करने के बाद राजधानी लखनऊ और नोएडा सहित पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी. इस आदेश के तहत विवेचना इकाई में कम से कम 6 सदस्य रहेंगे. टीम के प्रभारी के अलावा एक उपनिरीक्षक, एक आरक्षी, एक महिला आरक्षी को शामिल किया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर महिला आरक्षी की संख्या 3 तक बढ़ाई जा सकती है. विवेचना इकाई में तैनात सभी उपनिरीक्षक ओ 1 वर्ष में कम से कम 40 मामलों की विवेचना करनी होगी.