लखनऊ : नियुक्ति विभाग का आदेश न मानने के आरोप में पीसीएस अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित किया गया है. गाजीपुर में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात शैलेंद्र प्रताप सिंह का ट्रांसफर बनारस किया गया था, लेकिन आरोप है कि उन्होंने ज्वाइन नहीं किया और बिना बताए गायब हो गए. पहले से चल रही विभागीय जांच और अब अनुशासनहीनता के आरोप में नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश कुमार चतुर्वेदी ने निलंबित करने का आदेश जारी किया है.
गाजीपुर से वाराणसी किया गया था तबादला : निलंबन के बाद इस मामले की जांच नियुक्ति विभाग में बैठा दी है और निकट भविष्य में उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. गाजियाबाद यमुना अथॉरिटी और ऐसे ही महत्वपूर्ण विभागों में तैनात रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह का तबादला गाजीपुर से वाराणसी किया गया था. इसके बाद में वह बिना बताए ही गायब हो गए थे. नियुक्ति विभाग का आदेश न मानने के आरोप में पीसीएस अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह निलंबित किया गया.
यमुना अथारिटी के विशेष कार्य अधिकारी भी रहे : इससे पहले शैलेंद्र प्रताप सिंह यमुना अथारिटी के विशेष कार्य अधिकारी भी रहे. जहां कुछ मामलों में उनके खिलाफ जांच की जा रही थी. वैश्विक महामारी के दौरान में गाजियाबाद में बतौर एसडीएम तैनात रहने के दौरान उन्होंने बेहतरीन काम किया था. जिसकी तारीफ की गई थी. इस दौरान वह और उनकी पत्नी दोनों संक्रमित भी हो गए थे. दो दिन पहले उनका ट्रांसफर किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने नए पद पर तैनाती नहीं की. जिसकी वजह से नियुक्ति विभाग ने तत्काल उनके निलंबन का आदेश कर दिया है.
यह भी पढ़ें : मोदी सरकार ने विपक्ष के 141 सांसदों को क्यों किया निलंबित, जानें वजह
यह भी पढ़ें : आज फिर हंगामा करने के कारण लोकसभा से 49 और राज्यसभा से आठ सांसद निलंबित