लखनऊ: देश के पीएम व उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर नल, हर घर जल' योजना में भ्रष्टाचार हो रहा है. 9 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट को कराया जा रहा है. बुंदेलखंड में इस प्रोजेक्ट के तहत जिस कंपनी को काम सौंपा गया है, वह पहले से ही ब्लैक लिस्टेड हैं. यह कहना है बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के संरक्षक अनिल शर्मा का. यह बात उन्होंने राजधानी स्थित प्रेस क्लब में कही.
नियमों का हो रहा उल्लंघन
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के संरक्षक अनिल शर्मा ने बताया कि अलबत्ता निर्धारण के लिए मांगों की पॉलिसी, जिसमें कंपनियों को ब्लैक लिस्ट और उपयुक्त पाए जाने के संबंधित नियम बताए थे. उन्हीं का घोर उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके चलते ऐसी कंपनियां उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा जारी किए ठेकों में सेंध लगा चुकी हैं.
जांच फेल
उन्होंने बताया कि पूर्व में जल निगम द्वारा कराए गए काम की जांच कराई गई थी. जांच संस्था मैसेर्स क्राउन इंडिया एजेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली ने की थी. जांच पूरी तरीके से फेल पाई गई थी. यह संस्था विश्वस्तरीय संस्था है. यह संस्था कंपनियों से खरीदे गए पाइप व अन्य चीजों की गुणवत्ता की जांच करती है.
उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों में जैसे मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर में भी इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है. हम लोग पिछले दिनों स्वच्छ पेयजल पर रिसर्च कर रहे थे, तो पता चला कि विभाग में कंपनियों को काम देने के लिए रातों-रात पॉलिसी ही बदल डाली है. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.