लखनऊः राजधानी में कोविड मरीजों के अलावा नॉन-कोविड मरीजों को भी इलाज मिलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अब यदि किसी मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है, लेकिन उसको सांस फूलने की समस्या के साथ ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो तो उसे तत्काल कोविड हॉस्पिटल में शिफ्ट कराया जाएगा. यहां उसे संभावित यानि प्रिजम्टिव कोरोना वार्ड में रखते हुए कोरोना पॉजिटिव मानते हुए इलाज किया जाएगा. यह निर्देश रविवार को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी ने जारी किया है. इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी.
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कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलाज करें
गौरतलब है कि राजधानी में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें मरीज की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी कोरोना के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. मरीज के फेफड़े में संक्रमण होने के कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसकी वजह से ऑक्सीजन लेवल कम भी कम होने लगता है. ऐसे मरीजों का नॉन कोविड अस्पताल में इलाज बेहतर ढंग से नहीं मिलने के कारण उनकी जान तक पर बन आती है. इन प्रकरणों को देखते हुए महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी ने सभी सीएमओ व अस्पतालों के सीएमएस को निर्देश दिया कि बुखार, जुखाम व सांस फूलने की समस्या के साथ मरीज अस्पताल आते हैं तो तत्काल उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए. जहां उनकी एंटीजन व आरटी-पीसीआर जांच की जाए. एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनका सैंपल आरटीपीसीआर के लिए भेजा जाए. यदि उनमें कोरोना के लक्षण न हो तो वार्ड में शिफ्ट करें. यदि कोरोना के लक्षण मिलते हैं, तो मरीज को कोविड हॉस्पिटल भेज दिया जाए. कोविड अस्पताल में मरीज को संभावित कोरोना वार्ड में भर्ती किया जाए. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीज का इलाज किया जाए.