लखनऊ: राजधानी के लोहिया संस्थान में अस्पताल का विलय किया गया था. उम्मीद थी कि हालात सुधरेंगे लेकिन संस्थान में अस्पताल के विलय हो जाने के बाद हालात बद से बदतर हो चले हैं. जिसकी वजह से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ओपीडी में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या भी आधी रह गई है.
डॉक्टरों और संस्थान के बीच नहीं बन रहा समन्वय
लोहिया संस्थान में आने वाले मरीजों को उम्मीद थी कि विलय के बाद इलाज बेहतर तरीके से संस्थान में मिलने लगेगा, लेकिन उनकी उम्मीदों पर संस्थान की कार्यशैली खरा नहीं उतर पा रही. बीते पांच दिनों से डॉक्टर अपने मनमाने समय पर अस्पताल में पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि संस्थान और अस्पताल के डॉक्टरों के बीच भी समन्वय न होने की वजह से दिक्कतें आ रही हैं. हालांकि डॉक्टरों की ड्यूटी तय कर दी गई है लेकिन बावजूद उसके डॉक्टर तय समय पर अस्पताल में नहीं पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.