लखनऊ: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 24 घंटे की हड़ताल का असर राजधानी में साफ दिख रहा है. निजी अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सेंटर बंद होने से मरीज सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं. शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों के बाहर मरीजों का मेला देखने को मिला.
फैसले के खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शुक्रवार को 24 घंटे की हड़ताल करने का आह्वान किया था. इसका असर आज सुबह से ही लखनऊ शहर में दिखाई दे रहा है. प्राइवेट अस्पतालों में इलाज न मिलने और जांच न होने से मरीज परेशान दिखाई दे रहे हैं. तीमारदार अपने-अपने मरीजों को लेकर सरकारी अस्पताल की तरफ भाग रहे हैं.
जानिए राजधानी का हाल
राजधानी के बलरामपुर हॉस्पिटल, डफरिन महिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, केजीएमयू और क्वीन मैरी हॉस्पिटल सहित शहर के सभी सरकारी अस्पतालों पर मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है. शहर के डायग्नोस्टिक सेंटर बंद होने से मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है. गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी से जुड़ी जांच कराने के लिए डफरिन और क्वीन मैरी हॉस्पिटल गेट पर भीड़ लगाकर बाहर खड़ी हैं. वहीं अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, ब्लड जांच, शुगर की जांच कराने वाले लोग भी जांच न होने से परेशान दिखाई दे रहे हैं.
12 घंटे की हड़ताल
बता दें कि आयुर्वेदिक स्नातक चिकित्सकों को भी सर्जरी की अनुमति दिए जाने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की. IMA की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी गैर-आपातकालीन और गैर-कोविड मेडिकल सेवाएं ठप रहेंगी.
आपातकालीन सेवाओं पर असर नहीं
हालांकि 12 घंटे की हड़ताल के दौरान सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी. सभी आपातकालीन सेवाओं की तरह COVID अस्पताल, ICU, दुर्घटना और मैटरनिटी होम्स और नवजात आईसीयू हमेशा की तरह काम करेगा. IMA का भी दावा है कि हड़ताल की वजह से न ही कोरोना मरीजों का इलाज प्रभावित होगा और न ही आपातकालीन सेवाओं पर कोई असर पड़ेगा.