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लखनऊ: निजी अस्पताल पर लगा मरीज को बंधक बनाने का आरोप - lucknow news

लखनऊ जिले के एक निजी अस्पताल में एक मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है. परिवारवालों ने डॉक्टरों द्वारा गलत व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है. आरोप है कि रात भर उनकी बच्ची को भर्ती कराया गया, जब इसका कारण पूछा गया तो डॉक्टर ने बुरा बर्ताव किया.

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निजी अस्पताल पर लगा मरीज को बंधक बनाने का आरोप
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Published : Jan 25, 2020, 4:52 AM IST

लखनऊ: जिले के निजी अस्पताल में मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है. काफी मशक्कत के बाद परिजन अपने मरीज को वहां से किसी तरह छुड़ा करके निकल पाए. केजीएमयू में दलालों ने मरीज को केजीएमयू से बलरामपुर रेफर किए जाने के बीच में ही परिवार जनों को बरगला कर ठाकुरगंज के निजी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर पहुंचा दिया.

निजी अस्पताल पर लगा मरीज को बंधक बनाने का आरोप.
दरअसल, काकोरी निवासी अनुज तिवारी की बच्ची गिरकर चोटिल हो गई थी. परिजन उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. जहां से प्राथमिक इलाज के बाद बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया था. तीमारदार मरीज को लेकर निकले और बाहर खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने की बात कर बैठ गए. परिवार जनों के मुताबिक एंबुलेंस चालक ने रास्ते में ही बलरामपुर अस्पताल में बेहतर इलाज ना मिलने का झांसा देकर उन्हें बरगला दिया. इसके बाद एम्बुलेंस से सीधा एक निजी अस्पताल में जा पहुंचे. जहां पर इलाज ना होने और 20,000 खर्च भी हो जाने पर परिवार जनों ने मरीज को दूसरी जगह रेफर करने को कहा लेकिन उन्होंने बात अनसुनी कर दी. इस मामले में मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.

लखनऊ: जिले के निजी अस्पताल में मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है. काफी मशक्कत के बाद परिजन अपने मरीज को वहां से किसी तरह छुड़ा करके निकल पाए. केजीएमयू में दलालों ने मरीज को केजीएमयू से बलरामपुर रेफर किए जाने के बीच में ही परिवार जनों को बरगला कर ठाकुरगंज के निजी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर पहुंचा दिया.

निजी अस्पताल पर लगा मरीज को बंधक बनाने का आरोप.
दरअसल, काकोरी निवासी अनुज तिवारी की बच्ची गिरकर चोटिल हो गई थी. परिजन उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. जहां से प्राथमिक इलाज के बाद बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया था. तीमारदार मरीज को लेकर निकले और बाहर खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने की बात कर बैठ गए. परिवार जनों के मुताबिक एंबुलेंस चालक ने रास्ते में ही बलरामपुर अस्पताल में बेहतर इलाज ना मिलने का झांसा देकर उन्हें बरगला दिया. इसके बाद एम्बुलेंस से सीधा एक निजी अस्पताल में जा पहुंचे. जहां पर इलाज ना होने और 20,000 खर्च भी हो जाने पर परिवार जनों ने मरीज को दूसरी जगह रेफर करने को कहा लेकिन उन्होंने बात अनसुनी कर दी. इस मामले में मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.
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लखनऊ में निजी अस्पतालों का कहर थमता नहीं दिख रहा।दरअसल एक नया मामला सामने आया है कि एक निजी अस्पताल द्वारा मरीज को बंधक बना लिया गया और काफी मशक्कत के बाद परिजन अपने मरीज को वहां से किसी तरह छुड़ा करके निकल पाए।




Body:केजीएमयू में एंबुलेंस दलालों का मकड़जाल खत्म नहीं हो रहा है। इस बीच दलाल ने मासूम मरीज को केजीएमयू से बलरामपुर रेफेर किये जाने के बीच में ही परिवार जनों को बरगला कर ठाकुरगंज के निजी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर पहुंचा दिया।निजी अस्पताल में रात परिवारजनों से मोटी रकम वसूली। परिवारीजनों का आरोप है कि अस्पताल कर्मचारियों ने बंधक बना लिया। इस पर परिजनों ने हंगामा किया तो अस्पताल प्रशासन ने मरीज को छोड़ दिया। हालांकि परिजनों ने मामले पर शिकायत की है। दरअसल काकोरी निवासी अनुज तिवारी की गिरकर चोटिल हो गई थी।परिजन उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे।जहां से शुरुआती इलाज हालत में बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया था।तीमारदार वहां से निकले और बाहर खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने की बात कर बैठ गए। परिवारजनों के मुताबिक एंबुलेंस चालक ने रास्ते में ही बलरामपुर अस्पताल में बेहतर इलाज ना मिलने का झांसा देकर उन्हें बरगला दिया। इसके बाद एम्बुलेंस से सीधा एक निजी अस्पताल में जा पहुंचे। जहां पर इलाज ना होने और 20000 खर्च भी हो जाने पर परिवार जनों ने मरीज को दूसरी जगह रेफर करने को कहा लेकिन उन्होंने अनसुनी कर दी।

बाइट- उमा शंकर तिवारी,परिजन
बाइट- डॉ नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ,लखनऊ




Conclusion:हालांकि मुख्यचिकित्सा अधिकारी लखनऊ द्वारा मामले पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।लेकिन ऐसे में सवाल है की आखिर निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम कब लगेगी ?


एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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