लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने पिकप भवन में मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों को उत्कृष्ट श्रेणी की सुविधाएं प्राप्त होंगी. इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे की जद में आने वाले जिलों में औद्योगीकरण को रफ्तार भी मिलेगी.
594 किमी होगी गंगा एक्सप्रेस वे की लंबाई
कैबिनेट मंत्री महाना ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे की लम्बाई लगभग 594 किलोमीटर होगी. यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा और इसे आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा. इसमें 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से वाहन चल सकेंगे. इसके किनारे शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी का निर्माण, गंगा नदी पर 960 मीटर एवं राम गंगा नदी पर 720 मीटर पुल प्रस्तावित है. इस एक्सप्रेस-वे पर मेरठ एवं प्रयागराज में एक-एक टोल प्लाजा तथा इसमें 15 रैंप के टोल प्लाजा का निर्माण किया जाना है. इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के किनारे नौ जन सुविधा परिसर का भी निर्माण कराया जायेगा. इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36410 करोड़ रुपये है. इसमें से भूमि अधिग्रहण के लिए 9255 करोड़ रुपये व्यय होंगे.
12 पैकेज में होगा निर्माण
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि 12 पैकेजों में बांटकर कर गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जायेगा. इस परियोजना के बन जाने से 529 ग्राम आच्छादित होंगे. एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु लगभग 7800 सौ हेक्टेयर भूमि का अधिगृहण किया जायेगा. उन्होंने कहा कि परियोजना के वित्त पोषण के लिए राज्य सरकार ने वर्तमान वित्तीय बजट में 1855 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसके अतिरिक्त हडको से 2900 करोड़ का ऋण लिया जायेगा. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे मुद्रीकरण से 4500 करोड़ रुपये का वित्त पोषण प्राप्त होगा.
पीपीपी मॉडल पर बनेगा एक्सप्रेस वे
अपर मुख्य सचिव एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए प्रस्तावित जनपद वार संरेखण, परियोजना एवं अनुमानित लागत का सैद्धांतिक अनुमोदन कैबिनेट से प्राप्त किया जाना है. इसके अतिरिक्त परियोजना के तहत वित्तीय पोषण हेतु सम्भावनाएं तलाश करने के लिए पीपीपी मॉडल पर निवेशकों से रूचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करने हेतु प्रक्रिया का ड्राफ्ट तैयार कराया जा चुका है. शीघ्र ही इसको भी कैबिनेट के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त यूपीडा के लिए तकनीकी परामर्शी एवं ट्रांजेक्शन परामर्शी की सेवाएं प्राप्त करने, विलेखीकरण के लिए स्टाम्प ड्यूटी माफ किये जाने तथा गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के वित्त पोषण हेतु विदेशी निवेश की सम्भावनएं तलाश करने के लिए प्रस्तावित प्रक्रिया पर सैद्धांतिक अनुमोदन प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है.