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लखनऊ: फादर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह - पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन

यूपी के लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में मंगलवार को जयंती समारोह का आयोजन किया गया. ये समारोह पद्मश्री डॉ. एसआर रंगनाथन के जयंती के रुप में किया गया.

पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह
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Published : Aug 13, 2019, 11:53 PM IST

लखनऊ: सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में आज पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह आयोजित किया गया. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एनआर सत्यनारायण उपस्थित रहे.

पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह.
जयंती समारोह का आयोजन:कार्यक्रम के दौरान वेब ऑफ साइंस विषय पर आधारित एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें नई दिल्ली से आये सीनियर सलूशन कंसलटेंट विश्व शर्मा समेत एनबीआरआई के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे प्रोफेसर एनआर सत्यनारायण ने बताया कि पद्मश्री डॉ. एसआर रंगनाथन को भारत में लाइब्रेरी साइंस के जनक के रूप में जाना जाता है.

वह भारत में लाइब्रेरी मूवमेंट के भी प्रणेता रहे थे. उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों के पुस्तकालय का मसौदा तैयार किया, और उसका अनुपालन आज तक किया जा रहा है. सत्यनारायण ने बताया कि रंगनाथन ने भारतीय पुस्तकालय संगठन की स्थापना की जो पुस्तकालय संगठन के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में भारत का प्रतिनिधित्व करता है. रंगनाथन ने ही लाइब्रेरी साइंस के पांच नियमों की स्थापना की थी. साथ ही कोलन कैटेगरी जैसी कई चीजें लाइब्रेरी की गाइडलाइन में शामिल की, जिसे आज विश्व भर की लाइब्रेरी में स्वीकारा जाता है.

इसे भी पढ़ें:-लखनऊ: सिलेंडर फटने से घायल हुए भाजपा जिलाध्यक्ष केजीएमयू के शताब्दी में भर्ती

आज यहां पर फादर ऑफ द लाइब्रेरी साइंस कहे जाने वाले पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की जयंती समारोह का आयोजन किया गया है. रंगनाथन जी का पूरा जीवन लाइब्रेरी साइंस के प्रति समर्पित था. उन्होंने ही एक लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित ढंग से रखने का तरीका भी एजाज किया, जिसको आज तक लाइब्रेरी में अपनाया जाता है.
-एम एल केन, टेक्निकल ऑफिसर एनबीआरआई

लखनऊ: सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में आज पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह आयोजित किया गया. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एनआर सत्यनारायण उपस्थित रहे.

पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह.
जयंती समारोह का आयोजन:कार्यक्रम के दौरान वेब ऑफ साइंस विषय पर आधारित एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें नई दिल्ली से आये सीनियर सलूशन कंसलटेंट विश्व शर्मा समेत एनबीआरआई के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे प्रोफेसर एनआर सत्यनारायण ने बताया कि पद्मश्री डॉ. एसआर रंगनाथन को भारत में लाइब्रेरी साइंस के जनक के रूप में जाना जाता है.

वह भारत में लाइब्रेरी मूवमेंट के भी प्रणेता रहे थे. उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों के पुस्तकालय का मसौदा तैयार किया, और उसका अनुपालन आज तक किया जा रहा है. सत्यनारायण ने बताया कि रंगनाथन ने भारतीय पुस्तकालय संगठन की स्थापना की जो पुस्तकालय संगठन के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में भारत का प्रतिनिधित्व करता है. रंगनाथन ने ही लाइब्रेरी साइंस के पांच नियमों की स्थापना की थी. साथ ही कोलन कैटेगरी जैसी कई चीजें लाइब्रेरी की गाइडलाइन में शामिल की, जिसे आज विश्व भर की लाइब्रेरी में स्वीकारा जाता है.

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आज यहां पर फादर ऑफ द लाइब्रेरी साइंस कहे जाने वाले पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की जयंती समारोह का आयोजन किया गया है. रंगनाथन जी का पूरा जीवन लाइब्रेरी साइंस के प्रति समर्पित था. उन्होंने ही एक लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित ढंग से रखने का तरीका भी एजाज किया, जिसको आज तक लाइब्रेरी में अपनाया जाता है.
-एम एल केन, टेक्निकल ऑफिसर एनबीआरआई

Intro:लखनऊ सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में आज पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन का जयंती समारोह आयोजित किया गया इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एनआर सत्यनारायण उपस्थित रहे।


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आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर एनबीआरआई के प्रिंसिपल टेक्निकल ऑफिसर एम एल कैन ने बताया कि आज यहां पर फादर ऑफ द लाइब्रेरी साइंस कहे जाने वाले पद्मश्री डॉ एस आर रंगनाथन की जयंती समारोह का आयोजन किया गया है रंगनाथन जी का पूरा जीवन लाइब्रेरी साइंस के प्रति समर्पित था उन्होंने ही एक लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित ढंग से रखने का तरीका भी एजाज किया था जिसको आज तक लाइब्रेरी में अपनाया जाता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे प्रोफेसर एनआर सत्यनारायण ने बताया कि पद्मश्री डॉ एसआर रंगनाथन को भारत में लाइब्रेरी साइंस के जनक के रूप में जाना जाता है वह भारत में लाइब्रेरी मूवमेंट के भी प्रणेता रहे थे उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों के पुस्तकालय का मसौदा तैयार किया और उसका अनुपालन आज तक किया जा रहा है सत्यनारायण ने बताया कि रंगनाथन ने भारतीय पुस्तकालय संगठन की स्थापना की जो पुस्तकालय संगठन के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में भारत का प्रतिनिधित्व करता है रंगनाथन ने ही लाइब्रेरी साइंस के 5 नियमों की स्थापना की साथ ही कोलन कैटेगरी जैसी कई चीजें लाइब्रेरी की गाइडलाइन में शामिल की जिसे विश्व भर की लाइब्रेरी में स्वीकारा जाता है।


Conclusion:इस अवसर पर वेब ऑफ़ साइंस विषय पर आधारित एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें नई दिल्ली से आये सीनियर सलूशन कंसलटेंट विश्व शर्मा समेत एनबीआरआई के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।

बाइट- एम एल केन, प्रिंसिपल टेक्निकल ऑफिसर एनबीआरआई
बाइट- डॉक्टर एनआर सत्यनारायण, पूर्व विभागाध्यक्ष, लाइब्रेरी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय

रामांशी मिश्रा
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