लखनऊ: बोकारो ऑक्सीजन लेने के लिए गुरुवार सुबह लखनऊ से तीन खाली टैंकर के साथ रवाना हुई. ऑक्सीजन एक्सप्रेस शनिवार को ऑक्सीजन लेकर लखनऊ आ सकती है. लखनऊ से वाराणसी के रास्ते ट्रेन बोकारो भेजी गई है. रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस ट्रेन को लखनऊ से भेजा है.
ऊंचे टैंकरों को भेजने में ओएचई बनी बाधक
रेलवे की एक रैक में सात मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों के भेजने का प्लान था. बुधवार रात 11 बजे रैक का एक हिस्सा लखनऊ के चारबाग़ रेलवे स्टेशन से उतरेटिया तक भेजा गया, जबकि चार और ऑक्सीजन टैंकरों को रैक पर लाद दिया गया. देर रात उत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी फिर चारबाग़ पहुंचे. सामने आया कि चार ऑक्सीजन टैंकरों की ऊंचाई मानक से कहीं ज्यादा है. ओएचई की हाई वोल्टेज लाइन से टैंकरों के छूने का खतरा पैदा हो गया. यही नहीं तेज गति से ऑक्सीजन एक्सप्रेस को चलाने में रुकावट भी पैदा कर रही है. कई बार के परीक्षण के बाद भी जब अधिक ऊंचाई वाले ऑक्सीजन टैंकरों को ले जाने में रेलवे प्रशासन सफल न हुआ तो इसकी सूचना अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को दी गई.
देर रात अपर मुख्य सचिव भी चारबाग़ रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर पहुंचे. इस बीच तेज आंधी और बारिश के चलते रेलवे को अपना काम रोकना पड़ा. आखिर चार ऑक्सीजन टैंकरों को हटाकर तीन टैंकरों वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस को बोकारो रवाना करने का फैसला लिया गया.
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डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि चार हजार हॉर्स पावर के इंजन के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस रवाना की गई. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रेलवे ने सुलतानपुर होकर ट्रेन को रवाना किया. वाराणसी से जब ऑक्सीजन एक्सप्रेस निकली तो रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. गुरुवार रात करीब नौ बजे तक यह बोकारो पहुंची. अब बोकारो में टैंकरों को अनलोड कर प्लांट भेजा जाएगा. यहां पर एक ऑक्सीजन टैंकर भरने में एक घंटे का वक्त लगेगा.
कम ऊंचाई वाले टैंकरों की मांग
डीआरएम संजय त्रिपाठी के मुताबिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस शनिवार को लखनऊ आ जाएगी. अब कम ऊंचाई वाले टैंकरों की मांग की है, जैसे ही वह ऑक्सीजन टैंकर आ जाएंगे, उनको मालगाड़ी में लादकर बोकारो भेज दिया जाएगा.