जमशेदपुरः रेलमार्ग से देश के विभिन्न प्रदेशों में कोरोना काल में संक्रमितों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन भेजी जा रही है. बुधवार को जमशेदपुर से आठवें चरण में देश के तीन अलग-अलग शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई. पहली बार हैदराबाद के लिए जीवन रक्षक ट्रेन के जरिये 120 टन मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई है.
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कोरोना के दूसरे चरण में ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है. कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत भी हो रही है. देश में कई ऐसे प्रदेश हैं, जहां ऑक्सीजन प्लांट है. वहां से ही अन्य राज्यों में रेलमार्ग और सड़क मार्ग से ऑक्सीजन भेजी जा रही है. जमशेदपुर के टाटानगर गुड्स यार्ड से रेलमार्ग के जरिये लगातार ऑक्सीजन प्रदेश के साथ-साथ देश के कई राज्यों में भेजी जा रही है. आठवें चरण में बुधवार की देर रात तीन खेप लखनऊ, कानपुर और हैदराबाद के लिए मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई.
ऑक्सीजन भेजने के लिए बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
जमशेदपुर के बर्मामाइंस क्षेत्र में स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट से 20 टन की क्षमता वाले 2 टैंक के जरिये कुल 40 टन मेडिकल ऑक्सीजन को कानपुर भेजी गई. वहीं 10 छोटे टैंक में कुल 80 टन मेडिकल ऑक्सीजन लखनऊ भेजी गई, जबकि पहली बार हैदराबाद के लिए 20 टन की क्षमता वाले 6 टैंक में कुल 120 टन मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गई है. आरपीएफ की निगरानी में जीवन रक्षक ट्रेन के जरिये ऑक्सीजन भेजी जा रही है. ट्रेन मार्ग में कोई रुकावट ना हो इसके लिए रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है.