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वेतन कटौती को लेकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, आज भी करेंगे आंदोलन

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने बुधवार को अचानक कामकाज ठप कर दिया और प्रदर्शन करने लगे. कर्मचारियों का कहना है कि बायोमीट्रिक अटेंडेंस की वजह से उनकी छुट्ट्यिों का वेतन भी काट दिया गया है. इस बाबत संबंधित अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं. मजबूरन उन्हें प्रदर्शन का रास्ता चुनना पड़ रहा है. कर्मचारी गुरुवार को भी धरना प्रदर्शन करेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 3:13 PM IST

Updated : Dec 21, 2023, 7:40 AM IST

केजीएमयू में प्रदर्शन करते आउटसोर्सिंग कर्मचारी.

लखनऊ : केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन में कटौती होने के कारण बुधवार को प्रदर्शन किया. आउटसोर्सिंग कर्मचारी बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से मिली सैलरी की वजह से केजीएमयू प्रशासन से नाराज हैं. कर्मचारियों के प्रदर्शन के कारण ओपीडी सेवाएं घंटों बाधित रहीं. काउंटर्स को छोड़कर आउटसोर्सिंग कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हो गए. इसके चलते ज्यादातर ओपीडी संचालित नहीं हो सकीं. कर्मचारी गुरुवार को भी धरना प्रदर्शन करेंगे.

कर्मचारियों की इन मांगों पर सहमति

  • आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश, राजपत्रित अवकाश मिलेंगे. इस दौरान वेतन में कटौती नहीं होगी. बोनस भी दिया जाएगा.
  • 28 दिन की डयूटी पर 32 दिन तक ही ओवर टाइमिंग का वेतन प्राप्त होगा. उससे अधिक के लिए एजेंसी के द्वारा रिलीवर लगाया जाएगा.
  • ईपीएफ/ईएसआईसी में अनियमितता की जांच होगी.
  • चिकित्सा विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
  • ईएसआईसी के इलाज के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय में डिस्पेंसरी खोले जाने की बात सामने आई है.

बता दें, मेडिकल कॉलेज में परमानेंट स्टाफ से अधिक आउटसोर्सिंग स्टाफ तैनात है. प्रदर्शन में शामिल होने के चलते करीब पांच हजार कर्मचारियों ने कामकाज ठप करने का फैसला लिया है. इसके पीछे का कारण केजीएमयू में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस महीने में पूरा वेतन न मिलना है. कर्मचारियों का कहना है कि उनको जो भुगतान दिया गया है, उसमें बड़ी कटौती की गई है. यह कटौती बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से होने के कारण बताई जा रही है. कर्मचारियों को एक महीने में मिलने वाली चार छुट्टियां का वेतन भी काट लिया गया है.

मरीजों को नहीं मिला इलाज
गोंडा से संतोष कुमार अपने 6 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर आए थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यहां पर प्रदर्शन चल रहा है. इसके चलते उन्हें घंटों का इंतजार करना पड़ा. बच्चे के पिता संतोष कुमार ने बताया कि बच्चे की तबीयत बेहद नाजुक है. अस्पताल में जब से आए हैं तब से कोई न कोई दिक्कत हो रही है. अभी तक मरीज को भर्ती नहीं कर पाए हैं. बच्चे की तबीयत काफी खराब है. बहुत डर लग रहा है. हाथ पैर जोड़ रहे हैं लेकिन कोई हमारी विनती सुनने को तैयार नहीं है. वहींं, रायबरेली से शैलजा चतुर्वेदी अपने पति का इलाज करने के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंची. शैलजा ने बताया कि सुबह से यहां पर प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन के चलते अभी तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया है.


कंपनी को केजीएमयू प्रशासन ने ठहाराया जिम्मेदार
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की वेतन कटौती के लिए कंपनी जेम वेंचर्स को केजीएमयू प्रशासन ने जिम्मेदार ठहराया है. एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि केजीएमयू प्रशासन कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है. संविदा कर्मचारी की ओर से बताई गई समस्या को गंभीरता से लिया है और उसका हर स्तर पर समाधान कराया जाएगा. संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था ज़ेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं. ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है. इसकी जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत भुगतान करें.

यह भी पढ़ें : KGMU लखनऊ की चिकित्सा व्यवस्था ठप, कर्मचारियों ने ओपीडी में जड़ा ताला

लखनऊ: KGMU के इंटर्न डॉक्टरों ने वाइस चांसलर को ज्ञापन सौंपकर रखी मांगे

केजीएमयू में प्रदर्शन करते आउटसोर्सिंग कर्मचारी.

लखनऊ : केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन में कटौती होने के कारण बुधवार को प्रदर्शन किया. आउटसोर्सिंग कर्मचारी बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से मिली सैलरी की वजह से केजीएमयू प्रशासन से नाराज हैं. कर्मचारियों के प्रदर्शन के कारण ओपीडी सेवाएं घंटों बाधित रहीं. काउंटर्स को छोड़कर आउटसोर्सिंग कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हो गए. इसके चलते ज्यादातर ओपीडी संचालित नहीं हो सकीं. कर्मचारी गुरुवार को भी धरना प्रदर्शन करेंगे.

कर्मचारियों की इन मांगों पर सहमति

  • आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश, राजपत्रित अवकाश मिलेंगे. इस दौरान वेतन में कटौती नहीं होगी. बोनस भी दिया जाएगा.
  • 28 दिन की डयूटी पर 32 दिन तक ही ओवर टाइमिंग का वेतन प्राप्त होगा. उससे अधिक के लिए एजेंसी के द्वारा रिलीवर लगाया जाएगा.
  • ईपीएफ/ईएसआईसी में अनियमितता की जांच होगी.
  • चिकित्सा विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
  • ईएसआईसी के इलाज के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय में डिस्पेंसरी खोले जाने की बात सामने आई है.

बता दें, मेडिकल कॉलेज में परमानेंट स्टाफ से अधिक आउटसोर्सिंग स्टाफ तैनात है. प्रदर्शन में शामिल होने के चलते करीब पांच हजार कर्मचारियों ने कामकाज ठप करने का फैसला लिया है. इसके पीछे का कारण केजीएमयू में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस महीने में पूरा वेतन न मिलना है. कर्मचारियों का कहना है कि उनको जो भुगतान दिया गया है, उसमें बड़ी कटौती की गई है. यह कटौती बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से होने के कारण बताई जा रही है. कर्मचारियों को एक महीने में मिलने वाली चार छुट्टियां का वेतन भी काट लिया गया है.

मरीजों को नहीं मिला इलाज
गोंडा से संतोष कुमार अपने 6 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर आए थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यहां पर प्रदर्शन चल रहा है. इसके चलते उन्हें घंटों का इंतजार करना पड़ा. बच्चे के पिता संतोष कुमार ने बताया कि बच्चे की तबीयत बेहद नाजुक है. अस्पताल में जब से आए हैं तब से कोई न कोई दिक्कत हो रही है. अभी तक मरीज को भर्ती नहीं कर पाए हैं. बच्चे की तबीयत काफी खराब है. बहुत डर लग रहा है. हाथ पैर जोड़ रहे हैं लेकिन कोई हमारी विनती सुनने को तैयार नहीं है. वहींं, रायबरेली से शैलजा चतुर्वेदी अपने पति का इलाज करने के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंची. शैलजा ने बताया कि सुबह से यहां पर प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन के चलते अभी तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया है.


कंपनी को केजीएमयू प्रशासन ने ठहाराया जिम्मेदार
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की वेतन कटौती के लिए कंपनी जेम वेंचर्स को केजीएमयू प्रशासन ने जिम्मेदार ठहराया है. एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि केजीएमयू प्रशासन कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है. संविदा कर्मचारी की ओर से बताई गई समस्या को गंभीरता से लिया है और उसका हर स्तर पर समाधान कराया जाएगा. संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था ज़ेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं. ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है. इसकी जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत भुगतान करें.

यह भी पढ़ें : KGMU लखनऊ की चिकित्सा व्यवस्था ठप, कर्मचारियों ने ओपीडी में जड़ा ताला

लखनऊ: KGMU के इंटर्न डॉक्टरों ने वाइस चांसलर को ज्ञापन सौंपकर रखी मांगे

Last Updated : Dec 21, 2023, 7:40 AM IST
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