लखनऊ : केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन में कटौती होने के कारण बुधवार को प्रदर्शन किया. आउटसोर्सिंग कर्मचारी बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से मिली सैलरी की वजह से केजीएमयू प्रशासन से नाराज हैं. कर्मचारियों के प्रदर्शन के कारण ओपीडी सेवाएं घंटों बाधित रहीं. काउंटर्स को छोड़कर आउटसोर्सिंग कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हो गए. इसके चलते ज्यादातर ओपीडी संचालित नहीं हो सकीं. कर्मचारी गुरुवार को भी धरना प्रदर्शन करेंगे.
कर्मचारियों की इन मांगों पर सहमति |
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बता दें, मेडिकल कॉलेज में परमानेंट स्टाफ से अधिक आउटसोर्सिंग स्टाफ तैनात है. प्रदर्शन में शामिल होने के चलते करीब पांच हजार कर्मचारियों ने कामकाज ठप करने का फैसला लिया है. इसके पीछे का कारण केजीएमयू में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस महीने में पूरा वेतन न मिलना है. कर्मचारियों का कहना है कि उनको जो भुगतान दिया गया है, उसमें बड़ी कटौती की गई है. यह कटौती बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से होने के कारण बताई जा रही है. कर्मचारियों को एक महीने में मिलने वाली चार छुट्टियां का वेतन भी काट लिया गया है.
मरीजों को नहीं मिला इलाज
गोंडा से संतोष कुमार अपने 6 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर आए थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यहां पर प्रदर्शन चल रहा है. इसके चलते उन्हें घंटों का इंतजार करना पड़ा. बच्चे के पिता संतोष कुमार ने बताया कि बच्चे की तबीयत बेहद नाजुक है. अस्पताल में जब से आए हैं तब से कोई न कोई दिक्कत हो रही है. अभी तक मरीज को भर्ती नहीं कर पाए हैं. बच्चे की तबीयत काफी खराब है. बहुत डर लग रहा है. हाथ पैर जोड़ रहे हैं लेकिन कोई हमारी विनती सुनने को तैयार नहीं है. वहींं, रायबरेली से शैलजा चतुर्वेदी अपने पति का इलाज करने के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंची. शैलजा ने बताया कि सुबह से यहां पर प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन के चलते अभी तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया है.
कंपनी को केजीएमयू प्रशासन ने ठहाराया जिम्मेदार
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की वेतन कटौती के लिए कंपनी जेम वेंचर्स को केजीएमयू प्रशासन ने जिम्मेदार ठहराया है. एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि केजीएमयू प्रशासन कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है. संविदा कर्मचारी की ओर से बताई गई समस्या को गंभीरता से लिया है और उसका हर स्तर पर समाधान कराया जाएगा. संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था ज़ेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं. ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है. इसकी जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत भुगतान करें.
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