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मोटापा बढ़ा रहा BP और शुगर, पेट की माप इतने सेंटीमीटर से नहीं होना चाहिए ज्यादा, पढ़िए विशेषज्ञ की सलाह - OBESITY SUGAR BLOOD PRESSURE RISK

पुरुषों में पेट की माप 80 सेंटीमीटर, जबकि महिलाओं में 90 सेमी से अधिक होने पर बढ़ जाता है डायबिटीज का खतरा.

मोटापे से फैल रहीं बीमारियां.
मोटापे से फैल रहीं बीमारियां. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2025, 10:54 AM IST

आगरा : देश में डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. 20 से 30 उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐस लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य पहले कभी इस बीमारी से ग्रसित न रहा हो. मोटापा, मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल, नींद पूरी न होना, फास्ट फूड का सेवन और टेंशन इस बीमारी को जन्म देते हैं. पेट की चर्बी भी खतरनाक मानी जा रही है. आगरा में हुए रिसर्च सोसायटी फार स्टडी आफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) यूपीकान में आए विशेषज्ञ ने डायबिटीज पर विस्तार से जानकारी दी.

मोटापा बढ़ा रहा बीमारियां. (Video Credit; ETV Bharat)

शुगर पर शोध करने वाले इस संगठन RSSDI के दो दिवसीय कार्यक्रम में डायबिटीज की रोकथाम और इलाज पर चर्चा-मंथन किया गया. राजकोट से आए विशेषज्ञ डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि पेट का मोटापा अधिक होने से महिला और पुरुष डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं. भारत में डायबिटीज रोगी बढ़ रहे हैं. दुनिया में डायबिटीज का इलाज नहीं कराने वाले मरीज भारत में हैं.

चीन-भारत में सबसे ज्यादा शुगर रोगी : डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि डायबिटीज में हम चीन और भारत की बात करें तो दुनिया में इन दोनों देश में सबसे अधिक डायबिटीज के मरीज हैं. चीन डायबिटीज के मामले में टॉप पर है. भारत और पश्चिमी देशों के लोगों की तुलना करें तो पश्चिमी देशों के लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अधिक होता है. इसकी वजह से वहां पर लोगों में डायबिटीज होता है.

चिकित्सक ने बताया कि अपने यहां पर लोगों का वजन अधिक नहीं होता है, लेकिन पेट का मोटापा अधिक होता है. अपने यहां पर पेट निकला होना या मोटा व्यक्ति अच्छे खानपान या अच्छे परिवार की निशानी माना जाता है. यदि किसी का पेट बाहर नहीं निकला है तो माना जाता है कि वो सुखी नहीं है. मगर, ये पैमाना सही नहीं है. पेट का मोटापा ही डायबिटीज, बीपी और अन्य बीमारी की वजह होता है. इसी से देश में डायबिटीज के रोगी बढ़ रहे हैं.

इतनी होनी चाहिए पेट की माप : डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि मेडिकल की भाषा में किसी व्यक्ति का पेट बाहर निकलने को बेस सर्कमफेंस कहते हैं. ये जर्नली व्यक्ति के नाभि के पास से नापा जाता है. इसकी माप की बात करें तो पुरुषों में 80 सेंटीमीटर से कम और महिलाओं में 90 सेटींमीटर से कम होनी चाहिए. इससे ज्यादा होने पर डायबिटीज होने का खतरा अधिक हो जाता है.

मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक.
मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक. (Photo Credit; ETV Bharat)

खानपान में बदलाव से दूर होगा मोटापा : डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि पेट का मोटापा कम रखने के लिए शारीरिक व्यायाम करें. योगा करें. खानपान में बदलाव के साथ ही तनाव भी कम लें. पूरी नींद लें. इससे पेट का मोटापा कम होगा. इससे ही डायबिटीज जैसी बीमारी से बच सकते हैं.

देशभर से पहुंचे विशेषज्ञ : आयोजन सचिव प्रो. आशीष गौतम ने बताया कि बाजार में कई तरह की नई दवाएं आ गईं हैं. जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित करने के साथ ही वजन भी कम हो जाता है. प्रो. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि एसएन मेडिकल कालेज में टाइप वन डायबिटीज के बच्चों के लिए स्पेशल क्लीनिक संचालित किया जा रहा है. अधिवेशन में टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित बच्चों के स्वजनों को सम्मानित किया गया. इन बच्चों को एसएनएमसी से फ्री इंसुलिन दी जाती है. दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर से विशेषज्ञ आए हैं. जो डायबिटीज की वजह, उपचार और बचने के उपाय पर चर्चा कर रहे हैं.

डायबिटीज बढ़ने के ये हैं 5 कारण : मोबाइल और लैपटाप के ज्यादा इस्तेमाल से स्क्रीन टाइम बढ़ना, आराम तलब जिंदगी, शारीरिक परिश्रम बंद होना, मिठाई का अधिक सेवन, अत्यधिक तनाव लेना, अत्यधकि फास्ट फूड का सेवन आदि कारणों से शुगर बढ़ जाता है.

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यह भी पढ़ें : डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद नारी साग, विज्ञानिकों के अनुसार विटमिन और मिनरल्स का है पावर हाउस, एनीमिया से करें बचाव

आगरा : देश में डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. 20 से 30 उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐस लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य पहले कभी इस बीमारी से ग्रसित न रहा हो. मोटापा, मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल, नींद पूरी न होना, फास्ट फूड का सेवन और टेंशन इस बीमारी को जन्म देते हैं. पेट की चर्बी भी खतरनाक मानी जा रही है. आगरा में हुए रिसर्च सोसायटी फार स्टडी आफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) यूपीकान में आए विशेषज्ञ ने डायबिटीज पर विस्तार से जानकारी दी.

मोटापा बढ़ा रहा बीमारियां. (Video Credit; ETV Bharat)

शुगर पर शोध करने वाले इस संगठन RSSDI के दो दिवसीय कार्यक्रम में डायबिटीज की रोकथाम और इलाज पर चर्चा-मंथन किया गया. राजकोट से आए विशेषज्ञ डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि पेट का मोटापा अधिक होने से महिला और पुरुष डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं. भारत में डायबिटीज रोगी बढ़ रहे हैं. दुनिया में डायबिटीज का इलाज नहीं कराने वाले मरीज भारत में हैं.

चीन-भारत में सबसे ज्यादा शुगर रोगी : डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि डायबिटीज में हम चीन और भारत की बात करें तो दुनिया में इन दोनों देश में सबसे अधिक डायबिटीज के मरीज हैं. चीन डायबिटीज के मामले में टॉप पर है. भारत और पश्चिमी देशों के लोगों की तुलना करें तो पश्चिमी देशों के लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अधिक होता है. इसकी वजह से वहां पर लोगों में डायबिटीज होता है.

चिकित्सक ने बताया कि अपने यहां पर लोगों का वजन अधिक नहीं होता है, लेकिन पेट का मोटापा अधिक होता है. अपने यहां पर पेट निकला होना या मोटा व्यक्ति अच्छे खानपान या अच्छे परिवार की निशानी माना जाता है. यदि किसी का पेट बाहर नहीं निकला है तो माना जाता है कि वो सुखी नहीं है. मगर, ये पैमाना सही नहीं है. पेट का मोटापा ही डायबिटीज, बीपी और अन्य बीमारी की वजह होता है. इसी से देश में डायबिटीज के रोगी बढ़ रहे हैं.

इतनी होनी चाहिए पेट की माप : डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि मेडिकल की भाषा में किसी व्यक्ति का पेट बाहर निकलने को बेस सर्कमफेंस कहते हैं. ये जर्नली व्यक्ति के नाभि के पास से नापा जाता है. इसकी माप की बात करें तो पुरुषों में 80 सेंटीमीटर से कम और महिलाओं में 90 सेटींमीटर से कम होनी चाहिए. इससे ज्यादा होने पर डायबिटीज होने का खतरा अधिक हो जाता है.

मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक.
मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक. (Photo Credit; ETV Bharat)

खानपान में बदलाव से दूर होगा मोटापा : डॉ. प्रताप जेठवानी ने बताया कि पेट का मोटापा कम रखने के लिए शारीरिक व्यायाम करें. योगा करें. खानपान में बदलाव के साथ ही तनाव भी कम लें. पूरी नींद लें. इससे पेट का मोटापा कम होगा. इससे ही डायबिटीज जैसी बीमारी से बच सकते हैं.

देशभर से पहुंचे विशेषज्ञ : आयोजन सचिव प्रो. आशीष गौतम ने बताया कि बाजार में कई तरह की नई दवाएं आ गईं हैं. जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित करने के साथ ही वजन भी कम हो जाता है. प्रो. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि एसएन मेडिकल कालेज में टाइप वन डायबिटीज के बच्चों के लिए स्पेशल क्लीनिक संचालित किया जा रहा है. अधिवेशन में टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित बच्चों के स्वजनों को सम्मानित किया गया. इन बच्चों को एसएनएमसी से फ्री इंसुलिन दी जाती है. दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर से विशेषज्ञ आए हैं. जो डायबिटीज की वजह, उपचार और बचने के उपाय पर चर्चा कर रहे हैं.

डायबिटीज बढ़ने के ये हैं 5 कारण : मोबाइल और लैपटाप के ज्यादा इस्तेमाल से स्क्रीन टाइम बढ़ना, आराम तलब जिंदगी, शारीरिक परिश्रम बंद होना, मिठाई का अधिक सेवन, अत्यधिक तनाव लेना, अत्यधकि फास्ट फूड का सेवन आदि कारणों से शुगर बढ़ जाता है.

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यह भी पढ़ें : डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद नारी साग, विज्ञानिकों के अनुसार विटमिन और मिनरल्स का है पावर हाउस, एनीमिया से करें बचाव

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