लखनऊ: नगर निगम में आउटसोर्सिंग से तैनात कर्मी कर निर्धारण व नामान्तरण के नाम पर लोगों से धन उगाही शुरू कर रहे हैं. इसके बाद भी जिम्मेदार अफसरों ने कार्यदायी संस्था के तहत काम करने वाले कर्मियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे रखी है. ऐसे ही एक प्रकरण में कर निर्धारण करने के नाम पर भवन स्वामी से 12 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में आकाश शर्मा के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इससे पहले कई शिकायतें आने के बाद आकाश को हटाया जा चुका है, लेकिन उसकी धन उगाही लगातार जारी है.
जोनल अधिकारी, जोन-4 की ओर से अवगत कराया गया कि कार्यदायी संस्था के माध्यम से बिल वितरण, अतिक्रमण, चालक, हेल्पर आदि के रूप में कई कर्मी पूर्व में रखे गये थे. इसी क्रम में आकाश शर्मा उर्फ श्रेष्ठ शर्मा को भी कार्य पर रखा गया था. लेकिन, आकाश शर्मा ने नगर निगम सीमा के अन्तर्गत भवनों के कर निर्धारण व नामान्तरण के नाम धन उगाही शुरू कर दी. इसकी शिकायत मिलने पर आकाश को हटा दिया गया था. इसके बाद भी एक शिकायत में पाया गया कि आकाश शर्मा क्षेत्र में घूमकर भवनों के कर निर्धारण/नामान्तरण के नाम पर लोगों से पैसा वसूल रहा है.
जोनल अधिकारी का कहना है कि इससे सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. खरगापुर स्थित एक भवन के कर निर्धारण के नाम पर 12000 रुपए की धनराशि भवन स्वामी से ली गई है. जिसको एक माह बाद भी मांगे जाने पर भवन स्वामी को वापस नहीं किया गया और न ही कर निर्धारण के लिए आवेदन नगर निगम लखनऊ में प्रस्तुत किया गया. वर्तमान में नगर निगम में भवन स्वामियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन स्व गृहकर निर्धारण किए जाने की सुविधा उपलब्ध है. आकाश शर्मा की ओर से उपरोक्त सुविधा का अनुचित लाभ उठाकर ऑनलाइन कर निर्धारण करते हुए मूल भवन स्वामी के मोबाइल नंबर दर्ज न करते हुए अपने भाई अर्जुन का मोबाइल नंबर दर्ज करा दिया. जिससे भवन स्वामी को किसी प्रकार की सूचना प्राप्त नहीं हो रही थी. इसकी जानकारी होने पर आकाश शर्मा उर्फ शेष्ठ शर्मा के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए थाना गोमतीनगर में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है.
गृहकर का गलत बिल भेजे जाने पर व्यापारी नाराज: उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल, जूते वाली गली का प्रतिनिधिमंडल संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय गुप्ता के नेतृत्व में गुरुवार को लालबाग नगर निगम कार्यालय में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह से मिला. उनसे जूते वाली गली अमीनाबाद के व्यापारियों को गलत मूल्यांकन के गृहकर बिल भेजे जाने की शिकायत की. प्रतिनिधियों में कोषाध्यक्ष मयंक टंडन, उपाध्यक्ष मो. गयास, सदस्य सौरभ टंडन शामिल रहे. संजय गुप्ता ने बताया कि मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को जानकारी दी गई कि जूते वाली गली अमीनाबाद मात्र चार मीटर चौड़ी है.
लेकिन इसका मूल्यांकन 12 मीटर वाली सड़क के रेट से करके बिल भेजा जा रहा है, जो कि अनुचित है. व्यापारियों ने लिखित रूप से ज्ञापन देते हुए बताया कि जूते वाली गली का गृहकर का मूल्यांकन 1.75 पैसे से किया जा रहा है. जबकि 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क के तहत आने की वजह से इसका मूल्यांकन एक रुपए से होना चाहिए. जो नगर निगम की नियमावली में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है. जबकि आसपास की अन्य गलियों का मूल्यांकन एक रुपये से ही हो रहा है. अधिकारी अशोक सिंह ने व्यापारियों की समस्याओं का निदान करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
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