लखनऊ: केजीएमयू में आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों ने गुरुवार को भी प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कुलपति-कुलसचिव कार्यालय का घेराव किया और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की. कर्मचारियों का आरोप है कि कोरोना काल में पहले उनसे ड्यूटी कराई गई और अब जब संक्रमण की रफ्तार कम होने पर तैनाती के 40 दिन बाद उन्हें नौकरी से हटाने की नोटिस दी गई है.
20 अप्रैल को हुई नियुक्ति, 31 मई को नौकरी का आखिरी दिन
केजीएमयू में 20 अप्रैल को 70 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती एजेंसी के माध्यम से की गई थी. इसमें स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय व टेक्नीशियन शामिल हैं. अब इन कर्मचारियों को 31 मई तक ही काम करने करने के लिए कहा गया है. इन कर्मचारियों से कहा गया है कि अब 31 मई के बाद अब इन कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने की जरूरत नहीं है. कर्मचारियों से कहा गया है कि, केजीएमयू प्रशासन विभागों में कुछ कर्मचारियों की तैनाती की अनुमति देता है तो उन्हें स्थानानतरित किया जाएगा, बाकी कर्मचारी दूसरे संस्थानों में नौकरी तलाश लें.
इस बात से आउटसोर्सिंग कर्मचारी भड़क उठे. नाराज कर्मचारी लगातार दूसरे दिन भी गांधी वार्ड के बाहर जुटे और यहां हंगामा जमकर हंगामा किया. इसके ऑउटसोर्स कर्मचारियों मार्च निकालकर प्रशासनिक भवन पहुंच गए, जहां उन्होंने कुलपति-कुलसचिव कार्यालय के बाहर प्रदर्श किया. कर्मचारियों का आरोप है कि तैनाती के वक्त एजेंसी ने कोई भी नियुक्त पत्र नहीं दिया. बांड व एजेंसी की तैनाती संबंधी पत्र भी नहीं दिया. उस वक्त एजेंसी के कर्मचारियों ने नियुक्ति पत्र एक सप्ताह में देने का वादा किया था. अब नौकरी से हटाने का मौखिक आदेश दिया गया है. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि 31 मई तक आउंटसोर्सिंग कर्मचारियों की आवश्यकता है. फिर जरूरत के हिसाब से उन्हें रखा जाएगा.