लखनऊ : 'बिना चोट लगे या गिरे कूल्हे की हड्डी टूटने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है. महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है. यह समस्या गठिया की वजह से बढ़ी है. बदलती जीवनशैली व खानपान हड्डियों को कमजोर बना रहा है. महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी का रोग) की चपेट में आ रही हैं. यह एक प्रकार का गंभीर गठिया रोग है.' यह जानकारी आर्थराइटिस फाउंडेशन के सचिव डॉ. संदीप कपूर ने दी. वह सोमवार को फाउंडेशन की तरफ से गोमतीनगर स्थित एक अस्पताल में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
डॉ. संदीप कपूर ने बताया कि '60 साल से अधिक उम्र की दो से तीन फीसदी महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या देखने को मिल रही है. अचानक कमर के नीचे हिस्से में दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत होती है. जांच में फ्रैक्चर का पता चलता है, जबकि मरीज संग परिवारीजन चोट लगने या गिरने जैसी बात को सिरे से नकारते हैं. वह बताते हैं कि हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इस वजह से हल्का झटका लगने पर फ्रैक्चर हो जाता है.'
नियमित कसरत करें : डॉ. संदीप कपूर बताते हैं कि 'हड्डी की मजबूती का ध्यान रखें. कसरत करें. पैदल चलें. साइकिल चलाएं. धूप में टहलें. हरी सब्जियों का सेवन करें. फास्ट फूड से तौबा करें. महिलाएं नियमित तीन से चार किलोमीटर पैदल चलें. वजन पर काबू रखें. इससे काफी हद तक ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम कर सकते हैं.'
25 हजार रुपये तक छूट : फाउंडेशन की तरफ से अस्पताल में चिकित्सा शिविर लगाया गया है. पंजीकरण पूरी तरह से फ्री है. डॉ. संदीप कपूर के मुताबिक 'जरूरतमंद को जांच व घुटना प्रत्यारोपण में 25 हजार रुपये तक की छूट प्रदान की जाएगी. फाउंडेशन की तरफ से शिविर नौ फरवरी तक आयोजित किया जाएगा.'
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