लखनऊ: विश्व रक्तदान दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा इस दिन को रक्तदान दिवस के रूप में घोषित किया गया है. वर्ष 2004 में इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना. इसके साथ रक्तदाताओं के सुरक्षित जीवन रक्षक रक्त के दान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना भी है. लेकिन इसमें जो आंकड़े सामने आए हैं, इनमें मालूम चला है, कि लड़कियां इस रक्तदान में पीछे रहती हैं. इसको लेकर तमाम तरह की वजह सामने आई हैं.
डॉ तूलिका चंद्र ने दी जानकारी...
- केजीएमयू की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ तूलिका चंद्र ने बताया कि पुरुषों के मुकाबले लड़कियों में रक्तदान की जागरूकता कम है.
- डॉ तूलिका चंद्र ने बताया कि 2% महिलाएं या लड़कियां रक्तदान करती हैं.
- लड़कियों की कम जागरूकता को देखते हुए उन्होंने कहा कि लड़कियों का वजन भी कम होता.
- पीरियड्स में काफी ब्लीडिंग हो जाती है, इसके कारण भी वह कमजोर हो जाती हैं, इसलिए रक्तदान करने से गुरेज करती हैं.
रक्तदान के फायदे...
- तंदुरुस्त व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है.
- स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर खून होता है.
- रक्तदान से पुरानी आरसीबी सेल निकल जाती है, दोबारा खून तेजी से बढ़ने लगता है.
- नियमित रक्तदान से व्यक्ति में बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ती है, व्यक्ति के रक्त में 12.5 ग्राम या इससे अधिक हीमोग्लोबिन का स्तर हो.
- 18 से 65 साल का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है.
- रक्तदान के दौरान व्यक्ति का रक्त लगभग 350 से साले 400 मिलीलीटर लिया जाता है.
यह लोग नहीं कर सकते रक्तदान...
हर कोई रक्तदान नहीं कर सकता है. इसके लिए तमाम तरह के नियम कायदे है. जिनको लेकर एडवाइजरी भी समय-समय पर जारी की जाती है. इसके अंतर्गत बताया जाता है कि हाइपरटेंशन, बुखार, पीलिया, ऑपरेशन वाले मरीज, अस्थमा, एचआईवी पॉजिटिव, मिर्गी के मरीज रक्तदान नहीं कर सकते हैं. इसी के साथ गर्भावस्था के दौरान महिलाएं भी रक्तदान नहीं कर सकती हैं.
प्रदेश में 15 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत है, लेकिन 10 लाख यूनिट ही हर बार मिल पाता है. इससे कई ऐसे केस सामने आते हैं, जिनको खून न मिलने की वजह से मौत हो जाती हैं. मौत के आंकड़ों को लेकर डॉ तूलिका चंद्र ने कहा कि आंकड़े बता पाना तो मुश्किल है, लेकिन हमारे प्रदेश में इसकी रिपोर्टिंग नहीं होती है, जिसकी वजह से यह आंकड़े सामने नहीं आ पाते.