लखनऊः भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ का 35 वां दीक्षांत समारोह शनिवार को ऑनलाइन आयोजित किया गया. इस दौरान मैनेजमेंट गुरुओं ने कोर्स पूरा करने वाले छात्र-छात्राओं को सफलता के मंत्र दिए.
दूसरों की सराहना करना सीखें
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि जन्मेजय सिन्हा ने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण है कि किसी के काम की कैसे सराहना की जाए. उसकी खूबियों को पहचानना सीखें और उसे अपने जीवन में उतारें. उसके काम की हमेशा सराहना की जाए. उन्होंने बताया कि ये एक बहुत ही साधारण क्रिया है. लेकिन इससे किसी के दिल में आजीवन जगह बना सकते हैं. ऐसे ही सफल मंत्रों की वजह से भावी प्रबंधन के गुरु न केवल अपने क्षेत्र में जगह बना सकते हैं, बल्कि किसी के दिल में भी जगह बना सकते हैं.
आईआईएम निर्देशिक प्रोफेसर अर्चना शुक्ला ने कहा कि गत वर्ष संस्थान के लिए ये उपलब्धि रही कि पब्लिक पॉलिसी के लिए ये संस्थान एक केंद्र के रूप में विकसित किया गया. रायशुमारी और शोध के लिए इस केंद्र को प्रमुखता से वरीयता मिली. आईआईएम लखनऊ के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने कहा कि इस महामारी ने हमको एक महत्वपूर्ण सीख दी है कि कैसे एक साथ मिलकर काम किया जा सकता है और इस महामारी के खिलाफ लड़ा जा सकता है.
इनके नाम रहे मेडल
एक दीक्षांत समारोह में कुल 646 छात्र-छात्राओं को मेडल और डिग्रियां बांटी गई.
पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट
- विकास सतीश अग्रवाल को चेयरमैन गोल्ड मेडल मिला.
- सौहार्द गुप्ता को डायरेक्टर मेडल मिला.
- राधिका को पीजीपी मेडल से सम्मानित किया गया.
- जी कौशिक को बुद्धि राज मेडल से सम्मानित किया गया है.
- पीयूष केडिया को हरिशंकर सिंघानिया मेडल से पुरस्कृत किया गया.
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पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट
- सब्यसाची को चेयरमैन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.