ETV Bharat / state

लखनऊ हाईकोर्ट: एपी मिश्रा की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच में दो मामलों को लेकर गुरुवार को सुनवाई हुई. इसमें यूपी पॉवर कॉर्पेारेशन लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक अयोध्या प्रसाद मिश्रा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. वहीं शहर की साफ-सफाई के मुद्दे पर दो अपर मुख्य सचिव समेत कई आला अधिकारी तलब किए गए हैं.

ETV BHARAT
हाईकोर्ट में दो मामलों पर हुई सुनवाई.
author img

By

Published : Mar 5, 2020, 1:36 AM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट बेंच में आज दो मामलों को लेकर सुनवाई की गई. यूपी पावर कॉर्पेारेशन लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक अयोध्या प्रसाद मिश्रा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. आपको बता दें कि एपी मिश्रा नवम्बर 2019 से जेल में बंद हैं.

एपी मिश्रा के वकील ने कोर्ट में दी दलील
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह एकल सदस्यीय पीठ ने एपी मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई की. एपी मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके शाही की बहस को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित किया गया. याची की ओर से उनको गलत तरह तरीके से फंसाये जाने की दलील दी गई है. साथ ही कहा गया है कि उसके खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं मिला हैं.

राज्य सरकार के वकील ने दी दलील
वहीं इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से जमानत याचिका के विरोध में कहा गया है कि मामले में विवेचना पूरी करने के बाद ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. एपी मिश्रा के खिलाफ जांच में ईओडब्ल्यू का आरोप है कि उन्होंने यूपी पावर कॉर्पेारेशन के पूर्व वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला किया है. कर्मचारियों के ट्रस्ट के पूर्व सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता भी इस मामले में उनके साथ सम्मलित हैं. नियमों को दरकिनार करते हुए कर्मचारियों के भविष्य निधि के हजारों करोड़ रुपये डीएचएफएल में निवेश कर घोटाला किया है.

साफ-सफाई को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई
वहीं शहर के साफ-सफाई के मुद्दे पर भी हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई की गई. दो अपर मुख्य सचिव समेत कई आला अधिकारी इस मामले में तलब किए गए. साफ-सफाई पर बार-बार आदेश के बावजूद शहर की दशा नहीं सुधर रही है, जिसको लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई.

गंदगी पर हाईकोर्ट ने असंतोष व्यक्त किया
लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच ने लखनऊ शहर की साफ-सफाई की हालत पर गहरा असंतोष व्यक्त किया. कोर्ट का कहना था कि बार-बार दिए जा रहे आदेशों के बावजूद शहर की दशा नहीं सुधर रही है. इस मामले को लेकर न्यायालय ने आवास एवं नगर नियोजन और शहरी विकास विभागों के अपर मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई पर तलब किया है.

साफ-सफाई के मुद्दे पर आदेश पारित
न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने शहर की साफ-सफाई के मुद्दे पर आदेश पारित किया है. न्यायालय ने अपर मुख्य सचिवों के साथ-साथ नगर आयुक्त लखनऊ नगर निगम, आवास आयुक्त, उपाध्यक्ष एलडीए और चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर को भी अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत तौर पर हाजिर रहने का आदेश दिया है

23 मार्च को होगी मामले की अगली सुनवाई
न्यायालय ने उक्त टिप्पणियों के साथ अधिकारियों को तलब किया. साथ ही निर्देश दिए कि अगली सुनवाई तक कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने वाले अधिकारी उक्त जन समस्याओं के निराकरण के लिए बनाए गए प्रस्ताव के साथ उपस्थित हों. न्यायालय ने पूछा कि क्या प्रदेश के किसी स्थान पर कूड़े के भूमिगत निस्तारण की व्यवस्था के लिए कोई काम चल रहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी.

लखनऊ: हाईकोर्ट बेंच में आज दो मामलों को लेकर सुनवाई की गई. यूपी पावर कॉर्पेारेशन लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक अयोध्या प्रसाद मिश्रा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. आपको बता दें कि एपी मिश्रा नवम्बर 2019 से जेल में बंद हैं.

एपी मिश्रा के वकील ने कोर्ट में दी दलील
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह एकल सदस्यीय पीठ ने एपी मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई की. एपी मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके शाही की बहस को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित किया गया. याची की ओर से उनको गलत तरह तरीके से फंसाये जाने की दलील दी गई है. साथ ही कहा गया है कि उसके खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं मिला हैं.

राज्य सरकार के वकील ने दी दलील
वहीं इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से जमानत याचिका के विरोध में कहा गया है कि मामले में विवेचना पूरी करने के बाद ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. एपी मिश्रा के खिलाफ जांच में ईओडब्ल्यू का आरोप है कि उन्होंने यूपी पावर कॉर्पेारेशन के पूर्व वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला किया है. कर्मचारियों के ट्रस्ट के पूर्व सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता भी इस मामले में उनके साथ सम्मलित हैं. नियमों को दरकिनार करते हुए कर्मचारियों के भविष्य निधि के हजारों करोड़ रुपये डीएचएफएल में निवेश कर घोटाला किया है.

साफ-सफाई को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई
वहीं शहर के साफ-सफाई के मुद्दे पर भी हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई की गई. दो अपर मुख्य सचिव समेत कई आला अधिकारी इस मामले में तलब किए गए. साफ-सफाई पर बार-बार आदेश के बावजूद शहर की दशा नहीं सुधर रही है, जिसको लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई.

गंदगी पर हाईकोर्ट ने असंतोष व्यक्त किया
लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच ने लखनऊ शहर की साफ-सफाई की हालत पर गहरा असंतोष व्यक्त किया. कोर्ट का कहना था कि बार-बार दिए जा रहे आदेशों के बावजूद शहर की दशा नहीं सुधर रही है. इस मामले को लेकर न्यायालय ने आवास एवं नगर नियोजन और शहरी विकास विभागों के अपर मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई पर तलब किया है.

साफ-सफाई के मुद्दे पर आदेश पारित
न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने शहर की साफ-सफाई के मुद्दे पर आदेश पारित किया है. न्यायालय ने अपर मुख्य सचिवों के साथ-साथ नगर आयुक्त लखनऊ नगर निगम, आवास आयुक्त, उपाध्यक्ष एलडीए और चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर को भी अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत तौर पर हाजिर रहने का आदेश दिया है

23 मार्च को होगी मामले की अगली सुनवाई
न्यायालय ने उक्त टिप्पणियों के साथ अधिकारियों को तलब किया. साथ ही निर्देश दिए कि अगली सुनवाई तक कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने वाले अधिकारी उक्त जन समस्याओं के निराकरण के लिए बनाए गए प्रस्ताव के साथ उपस्थित हों. न्यायालय ने पूछा कि क्या प्रदेश के किसी स्थान पर कूड़े के भूमिगत निस्तारण की व्यवस्था के लिए कोई काम चल रहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.