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जेल से छूट कर आया डॉक्टर मरीजों से करने लगा वसूली, जांच के आदेश

राजधानी लखनऊ में जेल से छूटने के बाद एक डॉक्टर कोरोना मरीजों से मनमानी पैसा वसूलने लगा. जब इसकी जानकारी सीएमओ को हुई तो उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं.

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Published : May 21, 2021, 10:28 AM IST

doctor recovered money from patients
जेल से छूट कर आया डॉक्टर मरीजों से करने लगा वसूली.

लखनऊ: सीएमओ दफ्तर में बनी कोरोना सेल में एनएचएम के तहत एक डॉक्टर तैनात था. वह कुछ माह पहले दूसरे के नाम से फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटर चलाने के मामले में जेल गया था. जेल से छूटने के बाद जब वापस वह घर लौटा तो नए अस्पताल का पंजीकरण कराकर कोरोना मरीजों से वसूली करने लगा. सीएमओ ने पूर्व की घटना की जानकारी से इंकार किया. साथ ही प्रकरण की जांच के आदेश दिए.

क्या है पूरा मामला
पांच माह पहले बहराइच निवासी डॉ श्याम मदेशिया को माल के जहटा रोड पर उनके नाम से जेपी डायग्नोस्टिक चलाने की जानकारी मिली. उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया. इसमें सीएमओ कार्यालय में तैनात डॉ अनिल पांडेय समेत चार लोगों को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया. वहीं लौटकर डॉ अनिल पांडेय ने जानकीपुरम में जेपी अस्पताल का पंजीकरण करा लिया. साथ ही उसे आयुष्मान योजना से सम्बद्ध करा लिया. उसका अस्पताल कोविड पैनल में भी शामिल हो गया. ऐसे में उसने मरीजों से मनमानी फीस वसूलनी शुरू कर दी.

इसे भी पढ़ें: यात्री मास्क लगाने में सुस्त, बस स्टेशन पर व्यवस्थाएं दुरुस्त

मामले की शिकायत होने पर सीएमओ दफ्तर में खलबली है. कारण, डॉक्टर के साथ इस खेल में कई कर्मी भी शामिल हैं. सीएमओ डॉ संजय भटनागर ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं थी. प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं.

लखनऊ: सीएमओ दफ्तर में बनी कोरोना सेल में एनएचएम के तहत एक डॉक्टर तैनात था. वह कुछ माह पहले दूसरे के नाम से फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटर चलाने के मामले में जेल गया था. जेल से छूटने के बाद जब वापस वह घर लौटा तो नए अस्पताल का पंजीकरण कराकर कोरोना मरीजों से वसूली करने लगा. सीएमओ ने पूर्व की घटना की जानकारी से इंकार किया. साथ ही प्रकरण की जांच के आदेश दिए.

क्या है पूरा मामला
पांच माह पहले बहराइच निवासी डॉ श्याम मदेशिया को माल के जहटा रोड पर उनके नाम से जेपी डायग्नोस्टिक चलाने की जानकारी मिली. उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया. इसमें सीएमओ कार्यालय में तैनात डॉ अनिल पांडेय समेत चार लोगों को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया. वहीं लौटकर डॉ अनिल पांडेय ने जानकीपुरम में जेपी अस्पताल का पंजीकरण करा लिया. साथ ही उसे आयुष्मान योजना से सम्बद्ध करा लिया. उसका अस्पताल कोविड पैनल में भी शामिल हो गया. ऐसे में उसने मरीजों से मनमानी फीस वसूलनी शुरू कर दी.

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मामले की शिकायत होने पर सीएमओ दफ्तर में खलबली है. कारण, डॉक्टर के साथ इस खेल में कई कर्मी भी शामिल हैं. सीएमओ डॉ संजय भटनागर ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं थी. प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं.

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