लखनऊ: राजस्थान के करौली में जमीन विवाद में एक पुजारी को जिंदा जलाकर मार देने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि उत्तर प्रदेश के गोंडा में दबंगों ने जमीन विवाद में एक पुजारी को गोली मार दी. पुजारी सम्राट दास जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है. हालांकि पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दो लोगों को हिरासत में भी ले लिया है. इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में विपक्ष को योगी सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. समाजवादी पार्टी हो या फिर कांग्रेस दोनों ने ही प्रदेश सरकार पर अपराध के बढ़ते ग्राफ पर हमला बोला है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने पुजारी को गोली मारने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि गोंडा की घटना एक बार फिर बताती है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सिर्फ शब्दकोश में रह गई है. यूपी में बहनें, महिलाएं, व्यापारी, किसान और मजदूर सुरक्षित नहीं हैं. आम नागरिक की सुरक्षा की भी कोई गारंटी नहीं है. मुख्यमंत्री जी संत समाज से आते हैं और अब साधु संतों की जान खतरे में है. उत्तर प्रदेश में अब तो एक जाति विशेष के लोग ही सारा तांडव कर रहे हैं. यह सब कुछ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रहा है.
'दिन की शुरुआत अपराध के साथ'
कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि जिस तरह से गोंडा में दबंगों ने जमीन कब्जा करने के लिए पुजारी को गोली मारी है, उससे उत्तर प्रदेश चिंतित है. लोग कहते हैं कि पूरे देश में दिन की शुरुआत चाय के साथ होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अपराध के साथ होती है. इसके पहले भी बुलंदशहर, अयोध्या, मथुरा, मेरठ, बाराबंकी, कासगंज सहित कई जगहों पर पुजारियों की गोली मारकर हत्या की गई. पुलिस अभी तक इन मामलों में खुलासा नहीं कर सकी है. यूपी पूरी तरह से पुलिसिया कंट्रोल में नहीं बल्कि अपराधिया कंट्रोल में है. जिस प्रदेश का मुखिया स्वयं एक साधु हो उस प्रदेश में साधुओं के साथ इतना बड़ा अन्याय हो रहा है. कांग्रेस पार्टी सवाल पूछती है कि आखिर यूपी का कौन सा विभाग, कौन सा संस्थान, कौन सा प्रतिष्ठान अपराधियों की पकड़ से दूर है. सरकार श्वेत पत्र जारी कर बताए.
'इस्तीफा दें मुख्यमंत्री'
कांग्रेस नेता अंशू अवस्थी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार में कानून व्यवस्था की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है. उत्तर प्रदेश में सरकार के जो क्रियाकलाप हैं वह अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं. अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. अपराधी बेलगाम हैं. जब कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं तो यह सरकार कानून व्यवस्था को सुधारने के बजाए सीधे विपक्ष को टारगेट कर रही है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी कुर्सी पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के जंगल राज के चलते न बेटियां सुरक्षित हैं न साधु सुरक्षित हैं, न व्यापारी सुरक्षित और न ही आम नागरिक सुरक्षित हैं.