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UP में छात्रों के लिए कब खुलेंगे स्कूल, नहीं साफ है स्थिति - बच्चों को स्कूल आने की इजाजत नहीं

प्रदेश में 1 जुलाई से स्कूलों को खोल दिया गया है. छात्र-छात्राओं के लिए ऑफलाइन कक्षाएं कब से और कैसे संचालित की जाएंगी. इसको लेकर मंथन जारी है. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि उनके सर्वे के मुताबिक कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार हैं, वहीं अनेटेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई ही जारी रखी जाए.

UP में छात्रों के लिए कब खुलेंगे स्कूल?
UP में छात्रों के लिए कब खुलेंगे स्कूल?
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Published : Jul 3, 2021, 3:44 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीती 1 जुलाई से सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों और कॉलेजों को खोल दिया गया. हालांकि अभी बच्चों को स्कूल आने की इजाजत नहीं दी गई है. सिर्फ शिक्षकों और कर्मचारियों को बुलाने की अनुमति दी गई है. पढ़ाई ऑनलाइन ही संचालित की जाएगी. स्कूलों पर छात्र छात्राओं के लिए ऑफलाइन कक्षाएं कब से और कैसे संचालित की जाएंगी? इसको लेकर सरकार और शासन की तरफ से अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.

इस मुद्दे पर स्कूल के संगठनों में भी मतभेद नजर आ रहा है. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन के दावे हैं कि उनके एक सर्वे में अभिभावकों की ओर से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति जताई गई है. स्कूल भी अपने स्तर पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करके क्लासेस शुरू करने के लिए तैयार है. दूसरी ओर, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से मौजूदा हालातों में ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखते हुए आगे समीक्षा करके इस मुद्दे पर फैसला लिए जाने की बात कही गई है.

जानकारी देते संवाददाता आशीष त्रिपाठी.
यह है अनेटेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का पक्ष
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि स्कूल शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए खोले गए हैं. उनके विद्यालय में पहुंचने से प्रशासनिक कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे. अभी तक घर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही थी. लेकिन, उनके नतीजे ठीक नहीं थे. सरकार का यह प्रयास सराहनीय है. जहां तक बच्चों की पढ़ाई की बात है तो ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं. बेहतर पढ़ाई हो रही है. कोरोना को लेकर थर्ड वेव आने वाली है और यह बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. इन हालातों में आगे की स्थितियों को ध्यान में रखकर ही ऑफलाइन क्लासेस विचार किया जाएगा.
इनका दावा, 48% अभिभावकों ने दी है सहमति
लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का दावा है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं. बीते दिनों एसोसिएशन के स्तर पर एक ऑनलाइन सर्वे कराया गया. जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि 48% अभिभावकों ने जुलाई में बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमति जताई है. लखनऊ प्री- स्कूल एसोसिएशन के सचिव तुषार चेतवानी का कहना है कि प्री स्कूल में 2 साल से 5 साल तक के बच्चे होते हैं. इनके लिए ऑनलाइन क्लासेस करना इतना आसान नहीं है. प्री स्कूल में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों को कक्षाओं में बुलाया जा सकता है.
यह हैं प्री-स्कूल एसोसिएशन के सर्वे के नतीजे
लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन की ओर से बीते दिनों यहां एक सर्वे कराया गया था. इस सर्वे में 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों के करीब 600 अभिभावकों की राय ली गई.

  • 1 से 6 साल की उम्र के बच्चों के करीब 48.4% अभिभावकों की ओर से जुलाई में प्री स्कूल खोले जाने अपने बच्चों को भेजने पर सहमति जताई.
  • 17% अभिभावकों की ओर से अगस्त में स्कूल खोलने की बात कही गई.
  • 45.5% अभिभावक चाहते हैं कि ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहे.

स्थिति सामान्य होने के बाद ही शुरू हो ऑफलाइन क्लासेस
लखनऊ अभिभावक विकास परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का कहना है कि स्थितियां अभी ठीक नहीं हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी ने अपनों को खोया है. तीसरी लहर को लेकर लगातार संभावना व्यक्त की जा रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि यह बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. इन हालातों में बेहतर होगा कि स्थितियां सामान्य होने का इंतजार किया जाए उसके बाद भी ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाए.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीती 1 जुलाई से सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों और कॉलेजों को खोल दिया गया. हालांकि अभी बच्चों को स्कूल आने की इजाजत नहीं दी गई है. सिर्फ शिक्षकों और कर्मचारियों को बुलाने की अनुमति दी गई है. पढ़ाई ऑनलाइन ही संचालित की जाएगी. स्कूलों पर छात्र छात्राओं के लिए ऑफलाइन कक्षाएं कब से और कैसे संचालित की जाएंगी? इसको लेकर सरकार और शासन की तरफ से अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.

इस मुद्दे पर स्कूल के संगठनों में भी मतभेद नजर आ रहा है. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन के दावे हैं कि उनके एक सर्वे में अभिभावकों की ओर से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति जताई गई है. स्कूल भी अपने स्तर पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करके क्लासेस शुरू करने के लिए तैयार है. दूसरी ओर, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से मौजूदा हालातों में ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखते हुए आगे समीक्षा करके इस मुद्दे पर फैसला लिए जाने की बात कही गई है.

जानकारी देते संवाददाता आशीष त्रिपाठी.
यह है अनेटेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का पक्ष
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि स्कूल शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए खोले गए हैं. उनके विद्यालय में पहुंचने से प्रशासनिक कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे. अभी तक घर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही थी. लेकिन, उनके नतीजे ठीक नहीं थे. सरकार का यह प्रयास सराहनीय है. जहां तक बच्चों की पढ़ाई की बात है तो ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं. बेहतर पढ़ाई हो रही है. कोरोना को लेकर थर्ड वेव आने वाली है और यह बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी. इन हालातों में आगे की स्थितियों को ध्यान में रखकर ही ऑफलाइन क्लासेस विचार किया जाएगा.
इनका दावा, 48% अभिभावकों ने दी है सहमति
लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का दावा है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं. बीते दिनों एसोसिएशन के स्तर पर एक ऑनलाइन सर्वे कराया गया. जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि 48% अभिभावकों ने जुलाई में बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमति जताई है. लखनऊ प्री- स्कूल एसोसिएशन के सचिव तुषार चेतवानी का कहना है कि प्री स्कूल में 2 साल से 5 साल तक के बच्चे होते हैं. इनके लिए ऑनलाइन क्लासेस करना इतना आसान नहीं है. प्री स्कूल में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों को कक्षाओं में बुलाया जा सकता है.
यह हैं प्री-स्कूल एसोसिएशन के सर्वे के नतीजे
लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन की ओर से बीते दिनों यहां एक सर्वे कराया गया था. इस सर्वे में 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों के करीब 600 अभिभावकों की राय ली गई.

  • 1 से 6 साल की उम्र के बच्चों के करीब 48.4% अभिभावकों की ओर से जुलाई में प्री स्कूल खोले जाने अपने बच्चों को भेजने पर सहमति जताई.
  • 17% अभिभावकों की ओर से अगस्त में स्कूल खोलने की बात कही गई.
  • 45.5% अभिभावक चाहते हैं कि ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहे.

स्थिति सामान्य होने के बाद ही शुरू हो ऑफलाइन क्लासेस
लखनऊ अभिभावक विकास परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का कहना है कि स्थितियां अभी ठीक नहीं हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी ने अपनों को खोया है. तीसरी लहर को लेकर लगातार संभावना व्यक्त की जा रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि यह बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. इन हालातों में बेहतर होगा कि स्थितियां सामान्य होने का इंतजार किया जाए उसके बाद भी ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाए.

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