लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीती 1 जुलाई से सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों और कॉलेजों को खोल दिया गया. हालांकि अभी बच्चों को स्कूल आने की इजाजत नहीं दी गई है. सिर्फ शिक्षकों और कर्मचारियों को बुलाने की अनुमति दी गई है. पढ़ाई ऑनलाइन ही संचालित की जाएगी. स्कूलों पर छात्र छात्राओं के लिए ऑफलाइन कक्षाएं कब से और कैसे संचालित की जाएंगी? इसको लेकर सरकार और शासन की तरफ से अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.
इस मुद्दे पर स्कूल के संगठनों में भी मतभेद नजर आ रहा है. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन के दावे हैं कि उनके एक सर्वे में अभिभावकों की ओर से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति जताई गई है. स्कूल भी अपने स्तर पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करके क्लासेस शुरू करने के लिए तैयार है. दूसरी ओर, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से मौजूदा हालातों में ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखते हुए आगे समीक्षा करके इस मुद्दे पर फैसला लिए जाने की बात कही गई है.
- 1 से 6 साल की उम्र के बच्चों के करीब 48.4% अभिभावकों की ओर से जुलाई में प्री स्कूल खोले जाने अपने बच्चों को भेजने पर सहमति जताई.
- 17% अभिभावकों की ओर से अगस्त में स्कूल खोलने की बात कही गई.
- 45.5% अभिभावक चाहते हैं कि ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहे.
स्थिति सामान्य होने के बाद ही शुरू हो ऑफलाइन क्लासेस
लखनऊ अभिभावक विकास परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का कहना है कि स्थितियां अभी ठीक नहीं हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी ने अपनों को खोया है. तीसरी लहर को लेकर लगातार संभावना व्यक्त की जा रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि यह बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. इन हालातों में बेहतर होगा कि स्थितियां सामान्य होने का इंतजार किया जाए उसके बाद भी ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाए.