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श्रीलंका में बुर्के पर बैन लगाने पर यह है मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों की राय

ईस्टर के दिन हुए हमलों के बाद श्रीलंका ने बुर्के पर प्रतिबंध की योजना पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, भारत की मुस्लिम औरतें और बुद्धजीवियों समेत मुस्लिम धर्मगुरु श्रीलंका के इस विचार पर सहमत नहीं नज़र आ रहे हैं.

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Published : Apr 26, 2019, 12:15 AM IST

मौलाना सैफ अब्बास, शिया धर्मगुरु

लखनऊ : ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमले में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे. वहीं, जांच एजेंसियों को शक है कि श्रीलंका हमले में कुछ महिलाओं के शामिल होने के भी संकेत मिले हैं, जिसके चलते श्रीलंका में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है तो वहीं, भारत की मुस्लिम औरतें और बुद्धजीवियों समेत मुस्लिम धर्मगुरु श्रीलंका के इस विचार पर सहमत नहीं नजर आ रहे हैं.

मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों ने बुर्के पर प्रतिबंध पर रखी अपनी राय.

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने श्रीलंका के फैसले का किया विरोध

  • शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि यह सिर्फ इस्लाम को बदनाम करने की साजिश है. सीसीटीवी कैमरों में साफ देखा गया था कि बम से उड़ाने वाले लड़के थे और वो अपनी पीठ पर बैग लिए थे न कि बुर्के के वेश में. इसलिए अगर बैन करना है तो बैग पहनने को पहले बैन करने की बात की जाए.
  • सैफ अब्बास का कहना है कि आतंकवादी टी शर्ट भी पहने थे तो क्या टीशर्ट पहनना भी बैन की जाएगी?
  • सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन का कहना है कि किसी चीज को जबरदस्ती लागू करना सही कदम नहीं है क्योंकि जो आदमी हमला करने आया था, वो बुर्का पहन कर नहीं आया था, लिहाजा, बुर्का बैन करना सही नहीं है.
  • बुद्धिजीवी डॉक्टर साबरा हबीब का मानना है कि बुर्का महिलाएं अपनी पसन्द से पहनती हैं. इसको पहनना या न पहनना थोपा नहीं जा सकता, क्योंकि पर्दा करना कभी भी खत्म नहीं हो सकता है. यह फैसला सिर्फ वक्ती हो सकता है, ज्यादा समय के लिए नहीं.

गौरतलब है कि श्रीलंका से पहले भी कई मुल्कों में बुर्के पर बैन लगाने की बात सामने आई है. वहीं, डेनमार्क, उत्तर-पश्चिम चीन और ऑस्ट्रिया में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध पहले से लगा हुआ है. ऐसे में अगर श्रीलंका में भी बुर्के पर बैन लगता है तो इस कड़ी में एक नाम और जुड़ जाएगा.

लखनऊ : ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमले में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे. वहीं, जांच एजेंसियों को शक है कि श्रीलंका हमले में कुछ महिलाओं के शामिल होने के भी संकेत मिले हैं, जिसके चलते श्रीलंका में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है तो वहीं, भारत की मुस्लिम औरतें और बुद्धजीवियों समेत मुस्लिम धर्मगुरु श्रीलंका के इस विचार पर सहमत नहीं नजर आ रहे हैं.

मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों ने बुर्के पर प्रतिबंध पर रखी अपनी राय.

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने श्रीलंका के फैसले का किया विरोध

  • शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि यह सिर्फ इस्लाम को बदनाम करने की साजिश है. सीसीटीवी कैमरों में साफ देखा गया था कि बम से उड़ाने वाले लड़के थे और वो अपनी पीठ पर बैग लिए थे न कि बुर्के के वेश में. इसलिए अगर बैन करना है तो बैग पहनने को पहले बैन करने की बात की जाए.
  • सैफ अब्बास का कहना है कि आतंकवादी टी शर्ट भी पहने थे तो क्या टीशर्ट पहनना भी बैन की जाएगी?
  • सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन का कहना है कि किसी चीज को जबरदस्ती लागू करना सही कदम नहीं है क्योंकि जो आदमी हमला करने आया था, वो बुर्का पहन कर नहीं आया था, लिहाजा, बुर्का बैन करना सही नहीं है.
  • बुद्धिजीवी डॉक्टर साबरा हबीब का मानना है कि बुर्का महिलाएं अपनी पसन्द से पहनती हैं. इसको पहनना या न पहनना थोपा नहीं जा सकता, क्योंकि पर्दा करना कभी भी खत्म नहीं हो सकता है. यह फैसला सिर्फ वक्ती हो सकता है, ज्यादा समय के लिए नहीं.

गौरतलब है कि श्रीलंका से पहले भी कई मुल्कों में बुर्के पर बैन लगाने की बात सामने आई है. वहीं, डेनमार्क, उत्तर-पश्चिम चीन और ऑस्ट्रिया में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध पहले से लगा हुआ है. ऐसे में अगर श्रीलंका में भी बुर्के पर बैन लगता है तो इस कड़ी में एक नाम और जुड़ जाएगा.

Intro:ईस्टर के दिन हुए हमलो के बाद श्रीलंका ने बुर्के पर प्रतिबंध की योजना पर अमल की तैयारी शुरू करदी है। श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमले में 300 से ज़्यादा लोग मारे गए थे वहीं जांच एजेंसियों को शक है कि श्रीलंका हमले में कुछ महिलाओं के शामिल होने के भी संकेत मिले है जिसके चलते श्रीलंका में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है तो वहीं भारत की मुस्लिम औरतो और बुद्धजीवियों समेत मुस्लिम धर्मगुरु श्रीलंका के इस विचार पर सहमत नही नज़र आ रहे है।


Body:जहाँ एक ओर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि यह सिर्फ इस्लाम को बदनाम करने की बात है क्योंकि सीसीटीवी कैमरों में साफ देखा गया था कि बम से उड़ाने वाले लड़के थे और वो अपनी पीठ पर बैग लिए थे न कि बुर्के के वेश में इसलिए अगर बैन करना है तो बैग पहनने को पहले बैन करने की बात की जाए। सैफ अब्बास का कहना है कि आतंकवादी टीशर्ट भी पहने थे तो क्या टीशर्ट पहनना भी बैन की जाएगी? वहीं सोशल एक्टिविस्ट ताहिरा हसन का कहना है कि किसी चीज़ को ज़बरदस्ती लागू करना सही कदम नही है क्योंकि जो आदमी हमला करने आया था वो बुर्का पहन कर नही आया था लिहाज़ा बुर्का बैन करना सही नही है। बुद्धिजीवी डॉक्टर साबरा हबीब का मानना है कि बुर्का महिलाएं अपने पसन्द से पहनती है इसको पहनना या ना पहनना थोपा नही जा सकता क्योंकि पर्दा करना कभी भी खत्म नही हो सकता है यह फैसला सिर्फ वक्ती हो सकता है ज़्यादा समय के लिए नही।

बाइट1- मौलाना सैफ अब्बास, शिया धर्मगुरु
बाइट2- ताहिरा हसन, समाजसेवी
बाइट3- डॉक्टर साबरा हबीब, बुद्धिजीवी


Conclusion:गौरतलब है कि श्रीलंका से पहले भी कई मुल्कों में बुर्के पर बैन लगाने की बात सामने आई है वहीं डेनमार्क, उत्तर पश्चिम चीन और ऑस्ट्रिया में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध पहले से लगा हुआ है ऐसे में अगर श्रीलंका में भी बुर्के पर बैन लगता है तो इस कड़ी में एक नाम और जुड़ जाएगा।
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