लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रदूषण पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए साल 2026 तक अपने बस बेड़े में ढाई हजार इलेक्ट्रिक बसें शामिल करेगा. जून 2028 तक पांच हजार इलेक्ट्रिक बसों को रोडवेज बस बड़े में शामिल करने का उत्तर प्रदेश सरकार ने लक्ष्य रखा है. इन इलेक्ट्रिक बसों को यूपी से एनसीआर और दिल्ली रूट पर चलाया जाएगा. दिल्ली में सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें ही जाएंगी. इसके अलावा साधारण डीजल और सीएनजी की बसें इस रूट से हटा दी जाएंगी. दरअसल, हाल ही में कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की तरफ से हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को 2026 तक यूपी से सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों को ही दिल्ली एनसीआर के अंदर भेजने के लिए कहा गया है. ऐसा फैसला दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए लिया गया है. फिलहाल, अभी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में जो बसें जाएंगी, वह भी सीएनजी और यूरो 6 मॉडल की ही होंगी. इससे नीचे के मॉडल वाली बसें यूपी के विभिन्न जिलों से एनसीआर और दिल्ली क्षेत्र के लिए बंद कर दी गई हैं. इसके बाद परिवहन निगम ने तैयारी शुरू कर दी है. परिवहन निगम 100 इलेक्ट्रिक बसें अपनी खरीदेगा. इसके अलावा अभी जल्द ही 250 अन्य इलेक्ट्रिक बसों का अनुबंध करने की तैयारी में जुट गया है.
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने हाल ही में कहा है कि '30 जून 2028 तक पांच हजार इलेक्ट्रिक बसों को परिवहन निगम के बेड़े में शामिल किये जाने का प्रस्ताव है. इन बसों को एनसीआर और महत्वपूर्ण धार्मिक, ऐतिहासिक व पर्यटन स्थलों में संचालित किया जाएगा. 100 इलेक्ट्रिक बसों को लखनऊ और गाजियाबाद में संचालित किया जाएगा. उसके अलावा 250 अनुबंधित बसों को गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ क्षेत्र को दिया जाएगा. 2028 के बाद एनसीआर क्षेत्र में डीजल और सीएनजी के बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, इसलिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कराना भी जरूरी है नहीं तो काफी दिक्कत बढ़ जाएगी, इसलिए इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर अब पूरा जोर दिया जा रहा है. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 100 इलेक्ट्रिक बसों के टेंडर निकाले गए हैं. इनमें से 50 बसें लखनऊ रीजन को मिलेंगी और 50 बसें गाजियाबाद रीजन को दी जाएंगी. इन्हीं दो परिक्षेत्र के विभिन्न डिपो से एनसीआर क्षेत्र और दिल्ली की सीमा के अंदर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ और गाजियाबाद से बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा.
परिवहन निगम ने इलेक्ट्रिक बसों पर किया फोकस : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पूरा फोकस इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर ही कर लिया है. यूपीएसआरटीसी की तैयारी है कि 2026 तक हर हाल में ढाई हजार नई इलेक्ट्रिक बसें यूपीएसआरटीसी की फ्लीट में शामिल कर ली जाएं, जबकि 2028 तक पांच हजार बसों का टारगेट पूरा करना है. 2026 के बाद हरहाल में उत्तर प्रदेश के सभी रीजन से एनसीआर क्षेत्र और दिल्ली को जाने वाली बसें सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें ही हों. सीएनजी और यूरो 6 बसों का संचालन इलेक्ट्रिक के अलावा करने की जरूरत पड़े तभी किया जाए. फिलहाल, जल्द 100 इलेक्ट्रिक बसें रोडवेज की और ढाई सौ इलेक्ट्रिक बसें कॉन्ट्रैक्ट पर यूपीएसआरटीसी के साथ जोड़ने की तैयारी है, जिससे दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में अभी से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर दिया जाए.
यात्रियों को मिलेगा एसी बस से सफर का मौका : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'रोडवेज के बस बेड़े में जो बसें शामिल की जाएंगी, वह अब इलेक्ट्रिक होंगी. अधिकतर बसें वातानुकूलित होंगी. यानी आने वाले दिनों में यात्री एसी इलेक्ट्रिक बसों से एनसीआर क्षेत्र और दिल्ली के लिए लखनऊ से भी सफर कर सकेंगे. इससे गर्मियों में उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी.'
क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक प्राविधिक व प्रवक्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि 'बोर्ड से पास होने के बाद अब साढ़े तीन सौ इलेक्ट्रिक बसों को जल्द से जल्द बस बेड़े में शामिल करना है. 100 इलेक्ट्रिक बसें जो परिवहन निगम की अपनी होगी, उनका टेंडर निकाला गया है, साथ ही ढाई सौ बसें जो कॉन्ट्रैक्ट पर संचालित होंगी उनके लिए भी तैयारी शुरू हो गई है. कुल साढ़े तीन सौ इलेक्ट्रिक बसें जितना जल्द हो सकेगा बस बेड़े से जोड़कर यात्रियों को सफर में सहूलियत दी जाएगी. इलेक्ट्रिक बसें एसी होंगी या नॉन एसी, यह कहना अभी जल्दबाजी है, लेकिन एसी बसें काफी संख्या में होंगी और नॉन एसी इलेक्ट्रिक बसें भी बेड़े में शामिल होंगी. 2026 तक ढाई हजार इलेक्ट्रिक बसें लाने का लक्ष्य है, साथ ही परिवहन मंत्री ने भी साफ तौर पर कहा है कि जून 2028 तक पांच हजार इलेक्ट्रिक बसें रोडवेज की फ्लीट में शामिल की जाएंगी. इन्हें दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के अलावा अन्य जनपदों में संचालित किया जाएगा.'