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UP में 5 निदेशकों के भरोसे चल रहा स्वास्थ्य विभाग, 15 पद खाली

प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग राम भरोसे ही चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग में निदेशकों के 20 पद हैं. इन 20 पदों में से सिर्फ पांच पर ही निदेशक नियुक्त हैं. निदेशकों की कमी के कारण ही स्वास्थ्य महकमे में अव्यवस्थाएं उत्पन्न हो रही हैं, जिसका खामियाजा मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है.

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स्वास्थ्य विभाग में सामने आ रही हैं तमाम दिक्कतें.
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Published : Jan 16, 2020, 6:21 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग अपनी हीला-हवाली के चलते सुर्खियों में बना रहता है. इसके चलते सरकार की भी फजीहत होती है. वर्तमान समय में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में 20 निदेशकों के पद हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ पांच पदों पर ही निदेशकों की नियुक्ति है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग के कार्यों में हीला-हवाली बनी रहती है.

स्वास्थ्य विभाग में सामने आ रही हैं तमाम दिक्कतें.
20 में से 5 पदों पर ही नियुक्त हैं निदेशक
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में निदेशकों के 20 पद हैं, लेकिन इन पदों में सिर्फ 5 पदों पर ही निदेशकों की नियुक्ति की गई है. बाकी पदों का कार्यभार भी इन्हीं पांच निदेशकों के द्वारा ही किया जा रहा है. निदेशकों की कमी का खामियाजा सरकार के साथ-साथ जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में आने वाले मरीजों को भी उठाना पड़ रहा है.


स्वास्थ्य विभाग में सामने आ रही हैं तमाम दिक्कतें

इस वजह से विभागों का क्रियान्वयन भी ढंग से नहीं हो पा रहा. इसके चलते तमाम तरह की दिक्कतें स्वास्थ विभाग में सामने आ रही हैं. सीएचसी, पीएचसी, नर्सिंग, ट्रेनिंग, पैरामेडिकल, डेंटल और सीएमएसडी जैसे प्रमुख विभाग बिना निदेशक के ही चल रहे हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग अपनी हीला-हवाली के चलते सुर्खियों में बना रहता है. इसके चलते सरकार की भी फजीहत होती है. वर्तमान समय में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में 20 निदेशकों के पद हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ पांच पदों पर ही निदेशकों की नियुक्ति है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग के कार्यों में हीला-हवाली बनी रहती है.

स्वास्थ्य विभाग में सामने आ रही हैं तमाम दिक्कतें.
20 में से 5 पदों पर ही नियुक्त हैं निदेशक
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में निदेशकों के 20 पद हैं, लेकिन इन पदों में सिर्फ 5 पदों पर ही निदेशकों की नियुक्ति की गई है. बाकी पदों का कार्यभार भी इन्हीं पांच निदेशकों के द्वारा ही किया जा रहा है. निदेशकों की कमी का खामियाजा सरकार के साथ-साथ जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में आने वाले मरीजों को भी उठाना पड़ रहा है.


स्वास्थ्य विभाग में सामने आ रही हैं तमाम दिक्कतें

इस वजह से विभागों का क्रियान्वयन भी ढंग से नहीं हो पा रहा. इसके चलते तमाम तरह की दिक्कतें स्वास्थ विभाग में सामने आ रही हैं. सीएचसी, पीएचसी, नर्सिंग, ट्रेनिंग, पैरामेडिकल, डेंटल और सीएमएसडी जैसे प्रमुख विभाग बिना निदेशक के ही चल रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य भाग अपनी हिला हवाली चलते कई बार सुर्खियों में बना रहता है। इसके चलते सरकार की भी फजीहत होती है।लेकिन इस हीलावाली की बड़ी वजह स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े निदेशकों के पद है। स्वास्थ्य विभाग में 20 निदेशकों के पद हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ पांच पद पर ही निदेशकों की नियुक्ति है। जिसकी वजह से स्वास्थ विभाग के कार्यों में हिला हवाली बनी रहती है।





Body:उत्तर प्रदेश स्वास्थ विभाग में निदेशकों के 20 पद हैं। लेकिन इन पदों में सिर्फ 5 पदों पर ही निदेशकों की नियुक्ति की गई है। बाकी पदों का कार्यभार भी ने पांच निदेशकों के द्वारा ही किया जा रहा है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश का स्वास्थ विभाग निदेशकों की कमी का खामियाजा सरकार के साथ-साथ जिला अस्पताल सीएससी पीएससी में आने वाले मरीजों को भी उठाना पड़ रहा है।दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य भारत में 20 निदेशकों के अलग-अलग विभागों के पद हैं। इनमें से इनमें से सिर्फ 5 पदों पर ही नियुक्ति की गई है। जिसकी वजह से स्वास्थ विभाग पर अतिरिक्त कार्यभार यह पांच निदेशक ही कर रहे हैं।जिसकी वजह से विभागों का ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा। इसके चलते तमाम तरह की दिक्कतें भी स्वास्थ विभाग में सामने आ रही है। इन विभागों में मुख्यतः सीएचस, पीएचसी,नर्सिंग ,ट्रेनिंग ,पैरामेडिकल ,डेंटल, सीएमएसडी जैसे प्रमुख विभाग है। जो बिना निदेशक के ही चल रहे हैं। इनका कार्यभार इन पांच निदेशकों को ही अतिरिक्त भार के तौर पर दे दिया गया है। जिसकी वजह से आए दिन इन विभागों से संबंधित तमाम शिकायतें भी सामने आती रहती हैं। बीते दिनों भी उत्तर प्रदेश की सीएचसी व पीएचसी से डॉक्टरों के नियमित सेवा ना देने के मामले सामने आए थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन डॉक्टरों को अनियमितताएं देखते हुए सेवा मुक्त भी किया गया था। लेकिन इस कार्यवाही के बावजूद भी स्वास्थ विभाग ने अभी तक यह जरूरी नहीं समझा है कि इन विभागों को निदेशकों की नियुक्ति कर दी जाए।

बाइट- डॉ ज्ञान प्रकाश, महानिदेशक,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य





Conclusion:उम्मीद है आने वाले दिनों में स्वास्थ विभाग में खाली पड़े पदों पर स्वास्थ विभाग की नजर पड़ेगी और शासन प्रशासन द्वारा जल्द ही इन पदों पर नियुक्ति करके बेहतर सेवाएं इन विभागों द्वारा भी मिलने पाएंगी।

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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