लखनऊ: प्रदेश में यातायात, कोतवाली और गैर सरकारी संस्थाओं में ड्यूटी कर रहे होमगार्डों के लिए अब नई व्यवस्था शुरू हो गई है. अब होमगार्डों की हाजिरी सीधे एनआईसी पर ऑनलाइन दर्ज होगी. उनका मानदेय भी अब ऑटोजेनरेट होगा. इससे होमगार्ड को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं होगा और किसी कारणवश अगर वो अनुपस्थित रहता है तो वह 2 दिन के अंदर एनआईसी पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा सकता है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाराबंकी में यह अभियान शुरू किया गया है और आगे यह सफल रहेगा तो प्रदेश के 75 जनपदों में भी इसे लागू किया जाएगा.
प्रदेश में 90,000 होमगार्ड नियमित रूप से कर रहे हैं ड्यूटी
प्रदेश में होमगार्डों के लिए अब हाजिरी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था को लागू किया जा रहा है. प्रदेश के 90,000 होमगार्ड अब तक मैनुअल तरीके से हाजिरी दर्ज कराते थे. वहीं पिछले दिनों उनके मास्टर रोल में हाजिरी को लेकर एक बड़ा घोटाला भी सामने आया था. अब नई व्यवस्था के तहत होमगार्ड अपनी हाजिरी एनआईसी पर दर्ज करा सकेंगे. किसी कारण उनकी हाजिरी छूट जाती है तो दो दिन के अंदर एनआईसी पर आपत्ति भी दर्ज करा सकेंगे. होमगार्डों को प्रतिदिन ₹702 तनख्वाह मिलती है.
ऑटो जनरेट होगा होमगार्डों का वेतन
प्रदेश में अब होमगार्ड अपनी उपस्थिति सीधे एनआईसी पर ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे. होमगार्ड की उपस्थिति/अनुपस्थिति को एनआईसी के जरिए जिला कमांडेंट से लेकर मंडल मुख्यालय और शासन स्तर पर बैठे अधिकारी भी देख सकेंगे. यह व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी होगी जिससे होमगार्डों का किसी प्रकार से शोषण नहीं होगा.