लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग (सेंटर ऑफ एक्सलेन्स) ने 5 जनवरी से 18 जनवरी तक दो साप्ताहिक ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया. वहीं इस आयोजन का समापन आज सोमवार को हुआ है. आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का उद्घाटन 5 जनवरी को नवनीत सहगल मुख्य सचिव (खादी और ग्राम उद्योग) ने किया था. इस कार्यक्रम का विषय 'उद्यम अनुसंधान' (Entrepreneurial Research) था. कुलपति, प्रोफेसर आलोक कुमार राय इस कार्यक्रम के संरक्षक रहे. वाणिज्य विभाग के प्रमुख प्रो. अवधेश कुमार इस कार्यक्रम के संयोजक तथा प्रो.राम मिलन ने सह-संयोजक के रूप में कार्य किया. जबकि डॉ. गीतिका कपूर कार्यक्रम की आयोजक सचिव रहीं.
16 प्रतिष्ठित विद्वानों ने कार्यक्रम में दिया योगदान
फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में देश भर के लगभग 65 प्रतिभागियों ने भाग लिया. लगभग 16 प्रतिष्ठित विद्वानों ने कार्यक्रम में योगदान दिया. जो कि प्रमुख रूप से IEDUP, ICAI, AMU, BHU, DU, SRMU, IBS, जयपुरिया कॉलेज और लखनऊ विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमिता के क्षेत्र से सम्बन्धित है. ऑनलाइन (एफ डी पी) में सरकार ने उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, नमूना पद्धति, एसपीएसएस (SPSS), ई-सामग्री (ई-कंटेन्ट), प्लैगरिजम (Plagiarism), क्लस्टर विश्लेषण (cluster analysis) आदि विषयों पर चर्चा की गई.
शिक्षाविदों और उद्योग के महत्व पर जोर
एफ. डी. पी. समापन समारोह के मुख्य अतिथि आलोक कुमार (अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास और आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, यूपी) रहे. इस दौरान आलोक कुमार ने समापन सत्र की सभा को संबोधित करते हुए नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और उद्योग के महत्व पर जोर दिया. वहीं विकास परियोजना की सफलता के लिए सबको एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया.
ODOP योजना की सराहना
इस दौरान उन्होंने दो सप्ताह की एफ डी पी (FDP) की तथा उत्तर प्रदेश सरकार के ओ डी ओ पी (ODOP) योजना की सराहना की. उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में स्टार्ट-अप (start-up) के विकास के लिए यूपी सरकार इको-सिस्टम के विकास और स्थापना के लिए गहन रूप से काम कर रही है.
कानूनों के कार्यान्वयन को आसान बनाने की कोशिश
MSME को बढ़ावा देने के लिए, POST COVID-19 युग में उत्तर प्रदेश सरकार ने MSME को नियंत्रित करने वाले कानूनों के कार्यान्वयन को आसान बनाने की कोशिश की है. लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के लिए सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि यूपी के कई जिलों में स्टार्ट-अप को विकसित करने से सम्बन्धित कारणों को पता करने की आवश्यकता है. क्योंकि इस तरह की परियोजनाओं से सरकार को अपनी कार्यकारिणी में सुधार करने में मदद मिलेगी. ऑनलाइन एफ डी पी एक बहुत सफल कार्यक्रम रहा, जो कि प्रतिभागियों कि उत्कृष्ट प्रतिक्रिया से दर्शित हुआ.