लखनऊ: लॉकडाउन की वजह से लोग विदेशों में फंस गए थे, जिनकी अब वतन वापसी हो रही है. इसी क्रम में शनिवार रात एक फ्लाइट दुबई से लखनऊ आई, जिससे करीब 188 लोग अपने वतन वापस आए हैं. वतन वापसी के बाद सभी लोग खुश नजर आ रहे हैं. लोगों ने कहा कि अब अपने वतन आ गए हैं. अगर यहां मर भी गए तो कोई गम नहीं.
कोरोना वायरस महामारी के चलते देश के अंदर ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी हर प्रकार का आवागमन रोक दिया गया है. ऐसे में विदेशों में नौकरी कर रहे लोग वहीं फंस कर रह गए थे. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे, जो वहां नौकरी की तलाश में गए थे. सोशल मीडिया के माध्यम से ये सभी लगातार सरकार से घर वापसी की गुहार लगा रहे थे.
ऐसे में भारत सरकार ने उनको वापस स्वदेश लाने का फैसला किया और अब इनकी वतन वापसी हो रही है. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में दुबई से पहली फ्लाइट शनिवार रात लैंड हुई, जिससे दुबई व आसपास के शहरों में रहने वाले करीब 188 लोग अपने वतन वापस आए.
ईटीवी भारत से बात करते हुए वतन वापसी की खुशी उनकी आंखों में साफ देखी जा सकती है. लोगों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वहां भी कामकाज सारा बंद हो गया था और कोरोना वायरस का डर भी सता रहा था.
यात्रियों का कहना था कि उनके जेहन में बस एक ही चीज चल रही थी कि किसी तरह अपने वतन वापस चले जाएं. हर वक्त निगाहें सोशल मीडिया और मीडिया पर टिकी रहती थी कि सरकार अब हम लोगों को वापस लाने का कब फैसला करती है. उनका कहना है कि वतन वापसी से उन्हें बहुत खुशी हो रही है. घर वाले भी उनके काफी खुश हैं. वतन आने के बाद अब मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं.
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वतन वापस आए 98 लोगों को राजधानी के ही मोहनलालगंज में बने राधा स्वामी सत्संग व्यास में क्वारंटाइन किया गया है, जिन्हें 14 दिनों के बाद उनके गृह जनपद भेजा जाएगा.