अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में विदेशी छात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एएमयू में शिक्षा हासिल कर रहे अफगानिस्तान, ईरान और इराक के छात्रों को बिना अनुमति यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर न जाने की गाइडलाइन जारी की है. इससे पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दो बांग्लादेशी छात्रों को निलंबित भी कर चुका है. हालांकि के इस एडवाइजरी के संबंध में ईरान, इराक और अफगानिस्तान के साथ दूसरे विदेशी छात्रों की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है.
एएमयू में विदेशी छात्रों की संख्या : एएमयू में विदेशी छात्रों के एडवाइजर प्रोफेसर अली नवाज जैदी के मुताबिक वर्तमान में एएमयू में 26 देश के कुल 178 छात्र शिक्षा हासिल कर रहे हैं. जिसमें 6 इराक, 6 ईरान और 14 अफगानिस्तान के छात्र और छात्राएं शामिल हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) भारत का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है. जहां हर साल विभिन्न देशों के छात्र उच्च शिक्षा के लिए आते हैं. विशेष रूप से ईरान, इराक और अफगानिस्तान, थाईलैंड यमन, बांग्लादेश जैसे देशों से बड़ी संख्या में छात्र यहां अध्ययन करने आते हैं. यह विश्वविद्यालय न केवल अपने शिक्षण मानकों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों को एक साथ लाने के लिए भी जाना जाता है.
तीन देशों के छात्रों के लिए जारी गाइडलाइन: एएमयू में विदेशी छात्रों के एडवाइजर व डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर अली नवाज जैदी ने बताया कि हम लोग विदेशी छात्रों से मीटिंग करते रहते हैं. हाल ही में ईरान, इराक और अफगानिस्तान के छात्रों के साथ बैठक की गई थी. बैठक में छात्रों से सोशल मीडिया और साइबर साइबर फ्रॉड के साथ वीजा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान कैंपस से बाहर जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन को जानकारी देने की बात रखी गई.
एडवाइजरी का उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी संभावित विवाद को रोकना है. साथ छात्रों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचें. पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए प्रदर्शनों के बाद एएमयू के कुछ मौजूदा और पूर्व छात्रों ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी टिप्पणियां की थीं. इन टिप्पणियों के कारण काफी हंगामा हुआ था.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) के मेंबर डॉ. मुराद अली ने एएमयू में विदेशी छात्रों की घंटी संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी बहुत सारी वजह हैं. जिसके कारण यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों की संख्या कम हो रही है और यह बात सत्य भी है. जहां तक एडवाइजरी की बात है तो इसको पॉजिटिव लेना चाहिए. कई दफा यूनिवर्सिटी प्रशासन इस तरह की एडवाइजरी छात्रों की सेफ्टी सिक्योरिटी के लिए लेता है. यूनिवर्सिटी में शिक्षक, कर्मचारी, छात्रों सभी को बोलने, लिखने की आजादी के साथ कहीं भी जाने की छूट है. हालांकि यह संवैधानिक दायरे और तरीके से हो. यही सारी चीज विदेशी छात्रों पर भी लागू होती है.