मेरठ: बोर्ड की परीक्षाएं शुरु होने वाली है. ऐसे में परिक्षा की तैयारी कर रहे छात्र - छात्राओं पर सिलेबस के साथ साथ कोर्स को कंप्लीट करने का भी प्रेशर बना हुआ है. इस प्रेशर को डील करने से बच्चे काफी तनाव ले रहे हैं. ऐसे में बच्चों की इस परेशानी का समाधान देने का प्रयास मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की तरफ से हो रहा है. आइए जानते है कि वह कैसे छात्रों की परेशानियों को दूर कर रहे है.
आगामी दिनों में दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है. ऐसे में कई ऐसे स्टूडेंट्स, जिन्हें कई बार परीक्षा को लेकर घबराहट या अन्य कोई परेशानी होती है. लेकिन, अब इसका भी समाधान ऐसे स्टूडेंट्स को घर बैठे दिया जा रहा है. विशेष रूप से पश्चिमी यूपी के मेरठ में स्थित मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र स्टूडेंट्स के लिए बड़ा मददगार साबित हो रहा है.
माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक ओमकार शुक्ला बताते हैं कि अगले माह बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. तमाम छात्र-छात्राओं की प्रयोगात्मक परीक्षा भी शुरू हो जाएंगी, उनके लिए भी परीक्षक नियुक्त किये जा चुके हैं. वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षा भी अगले माह 22 फरवरी से शुरू होकर 12 मार्च को खत्म होंगी. परीक्षा देने वाले छात्रों को अगर किसी भी तरह की समस्या आती है, तो मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की टीम के सदस्य मार्गदर्शन करते हैं.
छात्रों के लिए हेल्प डेस्क उपलब्ध: एग्जाम के प्रेशर को डील करने की टिप्स देते हुए डॉक्टर शिवराज सिंह बताते हैं कि अगर परीक्षा देनी है तो फिर पहले एक स्टडी प्लान बनाएं. अपने आप को पॉजिटिव बनाए रखें. नकारात्मकता से पूरी तरह से दूर रहें. पढ़ाई करने जब बैठे तो पूरी तरह से फोकस होकर पढ़ाई करें. साथ ही बीच बीच एक छोटा सा ब्रेक भी लेते रहें. बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार ही पढ़ें. डॉक्टर शिवराज बताते हैं कि देखने में आया है कि कई बार बच्चे रात में पढ़ना पसंद करते हैं. जबकि अभिभावक बच्चों पर सुबह पढ़ने का दवाब बनाते है. ऐसे में सलाह दी जाती है कि जब बच्चों को पढ़ने में सहूलियत होती है तो वे उसी समय पढ़ें, लेकिन पढ़ें जरूर.
इस तरह करें तैयारी: मनोवैज्ञानिक डॉक्टर शिवराज बताते हैं कि सामान्यत ऐसा पाया जाता है कि जैसे जैसे परीक्षा नजदीक आती जाती हैं ध्यान की समस्या आ जाती है, छात्र ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते. इसके निवारण के लिए सलाह दी जाती है कि थोड़ी-थोड़ी देर में 25 से 30 मिनट बाद ब्रेक लेते रहें. ब्रेक ज्यादा लंबा न हो, 3 से 5 मिनट तक विराम ले सकते हैं. इसके साथ ही कोशिश करें कि जो पढ़ रहे हैं अगर पर्याप्त समय है तो लिख कर भी देखते रहें. परीक्षा को एक उत्सव के रूप में देखिए, रात को जल्दी सोये, कोशिश करे परिजन साथ में हो.
परिणाम के बारे में ध्यान न दें. बल्कि टाइम टेबल बनाकर पढ़ें.समय प्रबंधन (टाईम मैनेजमेंट) का पालन करें, नई चीजों, टॉपिक को पढ़ने के बजाय रिवीजन करें.
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए, परीक्षा को बोझ नहीं माने, अभिभावकों को भी चाहिए कि वो बच्चों पर अतिरिक्त दबाव न दें. अधिक पूछे जाने वाले सवालों में एक यह भी है जिसमें स्टूडेंट्स का कहना है कि थकान रहती हैं, नींद आती हैं. इसका समाधान मनोवैज्ञानिक बताते हैं, अपने खाने-पीने का ध्यान रखें.
फास्ट फूड व जंक फूड खाने से बचें, बेहतर है स्वास्थ्य वर्धक, सुपाच्य एवं मौसमी सब्जी और फल का सेवन करें. वहीं अधिक नींद आने का कारण पढ़ाई में कम इंट्रेस्ट भी हो सकता है. इसके लिए पढ़ने के दोरान ब्रेक लें, पॉजिटिव रहें. बीच बीच में थोड़ा पानी पीते रहें. परीक्षा की तैयारी करते समय रिवीजन करें. कठिन टॉपिक जो पहले पढ़े हुए हैं, उनको याद करें जिससे कॉन्फिडेंस बढ़ेगा.
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