ETV Bharat / state

UP में हुआ एक लाख 88 हजार करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश - टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी निवेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद यूपी में औद्योगिक निवेश को लाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया है. वहीं अब उनके प्रयासों का असर दिखने लगा है. बीते साढ़े तीन वर्षों में एक लाख 88 हजार करोड़ रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश की धरती पर हो रहा है.

यूपी में बढ़ा औद्योगिक निवेश.
यूपी में बढ़ा औद्योगिक निवेश.
author img

By

Published : Jan 30, 2021, 12:58 PM IST

लखनऊ : राज्य में कारोबारी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी के प्रयासों का असर अब दिखने लगा है. उद्योग विभाग के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. इन आंकड़ों के अनुसार बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में एक लाख 88 हजार करोड़ रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश की धरती पर हो रहा है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में करीब 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है. इन दो सेक्टर में हो रहे इतने भारी निवेश से यह साफ हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में अब बड़े -बड़े उद्यमियों की कारोबार में पैसा लगाने को लेकर हिचक पूरी तरह से दूर हो गई है.

राज्य के औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद जिस तरह से यूपी में औद्योगिक निवेश को लाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया. अलग-अलग सेक्टरों के लिए निवेश फ्रेंडली नीतियां बनाईं, उसके चलते ही आज यूपी में देश और विदेश की बड़ी -बड़ी कंपनियां अपनी यूनिट स्थापित करने में रुचि दिखा रही हैं.

सीएम योगी के प्रयासों का दिख रहा असर
मालूम हो कि सीएम योगी ने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए करीब दर्जन भर अलग-अलग विभागों की नीतियां बनवाईं. इसमें करीब 186 सुधारों को लागू किया. इसके चलते ही बीते साढ़े तीन वर्षों में 156 कंपनियों ने 48 हजार 707 करोड़ रुपये का निवेश कर यूपी में उत्पादन शुरु किया है, इन कंपनियों में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है.

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में करीब 32 हजार करोड़ का निवेश
आलोक टंडन के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश को लेकर यूपी में बेहतर काम हुआ है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 21 कंपनियों ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके आलावा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में करीब 32 हजार करोड़ रुपए का निवेश 30 से अधिक कंपनियों ने किया है. आलोक टंडन बताते हैं कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निवेश करने वाली कंपनियों में स्पर्श इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 600 करोड़ रुपए और रिमझिम इस्पात ने 550 करोड़ का निवेश कानपुर देहात में किया है. केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड ने 300 करोड़ का निवेश नोएडा में, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लखनऊ में 205 करोड़ का निवेश किया है. एमएम फॉरगिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 150 करोड़ का निवेश बाराबंकी में किया है. इन सभी कंपनियों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है.

इन कंपनियों ने किया निवेश
इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के मामले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 10 हजार करोड़ रुपए, वीवो मोबाइल्स ने 7,429 करोड़ रुपए, ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दो हजार करोड़ रुपए, होलीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एक हजार 772 करोड़ रुपए, सनवोडा इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,500 करोड़ रुपए, केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 358 करोड़ और लिआनचुआंग (एलसीई) ने 281 करोड़ का निवेश नोएडा में करके कार्य शुरू कर दिया है. सबसे ज्यादा निवेश 15 हजार 963 करोड़ रुपए की लागत से रिन्यूअल एनर्जी में 18 कंपनियों ने किया है. इनमें से मीरजापुर जिले में 250 करोड़ रुपए की लागत से एमप्लस एनर्जी साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और टेलीकॉम की दो कंपनियों रिलायंस जीओ इंफोकॉम लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ रुपए तथा बीएसएनएल ने पांच हजार करोड़ रुपए का निवेश कर कार्य शुरू कर दिया है.

टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी निवेश
आलोक टंडन के मुताबिक, टेक्सटाइल के क्षेत्र में यूपी में बेहतर रिजल्ट मिले हैं. चार कंपनियों ने 6,320 करोड़ का निवेश किया है. इसमें कानपुर टेक्सटाइल के बड़े हब के रूप में उभर रहा है. कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने कानपुर देहात में 200 करोड़ रुपए, कानपुर में ही एक और कंपनी आरपी पॉली पैक्स ने 150 करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है. इसके अलावा नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन क्लस्टर गौतमबुद्धनगर में 5000 करोड़ रुपए और क्लेस्टो यार्न बलरामपुर में 970 करोड़ के निवेश से उत्पादन शुरू करने की स्थिति में है. गोरखपुर में टेक्सटाइल हब बनाये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है. अन्य क्षेत्र में भी भारी निवेश हो रहा है, जिसके चलते अब यूपी में निवेश करने को देश और विदेश के बड़े कारोबारियों की रुझान बढ़ रही है.

लखनऊ : राज्य में कारोबारी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी के प्रयासों का असर अब दिखने लगा है. उद्योग विभाग के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. इन आंकड़ों के अनुसार बीते करीब साढ़े तीन वर्षों में एक लाख 88 हजार करोड़ रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश की धरती पर हो रहा है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में करीब 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है. इन दो सेक्टर में हो रहे इतने भारी निवेश से यह साफ हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में अब बड़े -बड़े उद्यमियों की कारोबार में पैसा लगाने को लेकर हिचक पूरी तरह से दूर हो गई है.

राज्य के औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद जिस तरह से यूपी में औद्योगिक निवेश को लाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया. अलग-अलग सेक्टरों के लिए निवेश फ्रेंडली नीतियां बनाईं, उसके चलते ही आज यूपी में देश और विदेश की बड़ी -बड़ी कंपनियां अपनी यूनिट स्थापित करने में रुचि दिखा रही हैं.

सीएम योगी के प्रयासों का दिख रहा असर
मालूम हो कि सीएम योगी ने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए करीब दर्जन भर अलग-अलग विभागों की नीतियां बनवाईं. इसमें करीब 186 सुधारों को लागू किया. इसके चलते ही बीते साढ़े तीन वर्षों में 156 कंपनियों ने 48 हजार 707 करोड़ रुपये का निवेश कर यूपी में उत्पादन शुरु किया है, इन कंपनियों में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है.

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में करीब 32 हजार करोड़ का निवेश
आलोक टंडन के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश को लेकर यूपी में बेहतर काम हुआ है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 21 कंपनियों ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके आलावा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में करीब 32 हजार करोड़ रुपए का निवेश 30 से अधिक कंपनियों ने किया है. आलोक टंडन बताते हैं कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निवेश करने वाली कंपनियों में स्पर्श इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 600 करोड़ रुपए और रिमझिम इस्पात ने 550 करोड़ का निवेश कानपुर देहात में किया है. केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड ने 300 करोड़ का निवेश नोएडा में, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लखनऊ में 205 करोड़ का निवेश किया है. एमएम फॉरगिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 150 करोड़ का निवेश बाराबंकी में किया है. इन सभी कंपनियों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है.

इन कंपनियों ने किया निवेश
इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के मामले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 10 हजार करोड़ रुपए, वीवो मोबाइल्स ने 7,429 करोड़ रुपए, ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दो हजार करोड़ रुपए, होलीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एक हजार 772 करोड़ रुपए, सनवोडा इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,500 करोड़ रुपए, केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 358 करोड़ और लिआनचुआंग (एलसीई) ने 281 करोड़ का निवेश नोएडा में करके कार्य शुरू कर दिया है. सबसे ज्यादा निवेश 15 हजार 963 करोड़ रुपए की लागत से रिन्यूअल एनर्जी में 18 कंपनियों ने किया है. इनमें से मीरजापुर जिले में 250 करोड़ रुपए की लागत से एमप्लस एनर्जी साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और टेलीकॉम की दो कंपनियों रिलायंस जीओ इंफोकॉम लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ रुपए तथा बीएसएनएल ने पांच हजार करोड़ रुपए का निवेश कर कार्य शुरू कर दिया है.

टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी निवेश
आलोक टंडन के मुताबिक, टेक्सटाइल के क्षेत्र में यूपी में बेहतर रिजल्ट मिले हैं. चार कंपनियों ने 6,320 करोड़ का निवेश किया है. इसमें कानपुर टेक्सटाइल के बड़े हब के रूप में उभर रहा है. कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने कानपुर देहात में 200 करोड़ रुपए, कानपुर में ही एक और कंपनी आरपी पॉली पैक्स ने 150 करोड़ रुपए का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है. इसके अलावा नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन क्लस्टर गौतमबुद्धनगर में 5000 करोड़ रुपए और क्लेस्टो यार्न बलरामपुर में 970 करोड़ के निवेश से उत्पादन शुरू करने की स्थिति में है. गोरखपुर में टेक्सटाइल हब बनाये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है. अन्य क्षेत्र में भी भारी निवेश हो रहा है, जिसके चलते अब यूपी में निवेश करने को देश और विदेश के बड़े कारोबारियों की रुझान बढ़ रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.