लखनऊः उत्तर प्रदेश के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (One District One Product) योजना के अंतर्गत खास प्रोडक्ट अब दुनियाभर में धूम मचाएंगे. योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब 2 दर्जन से अधिक देशों को इसलिए चिह्नित किया है. अपर मुख्य सचिव एमएसएमई विभाग नवनीत सहगल के दिशा निर्देशन में निर्यात प्रोत्साहन इकाई ने अलग-अलग दूतावासों से संपर्क करके उत्तर प्रदेश के खास उत्पादों को उन देशों तक पहुंचाने को लेकर बड़ी योजना तैयार की है. इससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश स्थानीय कारोबारियों के लोकल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि देश दुनिया में उत्तर प्रदेश की एक नई पहचान बनेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
इन देशों को भेजा जाएगा प्रोडक्टः शासन से मिली जानकारी के अनुसार आस्ट्रेलिया, टर्की, नाइजीरिया, यूके, यूएई, जर्मनी, कनाडा, जापान, यूएसए, नीदरलैंड स्वीडन को उत्तर प्रदेश के ओडीओपी के खास प्रोडक्ट भेजने की योजना है. इसी तरह ब्राजील, मैक्सिको, बेल्जियम, डेनमार्क, इटली,पोलैंड, स्पेन सिंगापुर, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस इंडोनेशिया, ओमान, कतर जैसे कई अन्य देश भी हैं, जहां पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख उत्पादों को भेजा जाएगा.
यूपी के ये खास प्रोडक्ट भेजे जाएंगेः उत्तर प्रदेश के प्रमुख उत्पादों को अलग-अलग जिन देशों में भेजे जाने को लेकर दूतावासों से संपर्क और संवाद किया गया है. उनमें मुख्य रूप से कन्नौज के इत्र उत्पाद तथा अगरबत्ती और धूपबत्ती जैसे सामान,, आगरा के चमड़े के उत्पाद, मथुरा के भगवान श्री कृष्ण यानी ठाकुर जी की पोशाक, शृंगार मूर्ति एवं अन्य पूजा से संबंधित सामान हैं. फिरोजाबाद के कांच उत्पाद, अलीगढ़ के ताले एवं मेटल क्राफ्ट के सामान, कासगंज के जरी जरदोजी, एटा के घुंघरू घंटी एवं पीतल उत्पाद, आजमगढ़ की काली मिट्टी की कलाकृतियों से बनाए गए तमाम उत्पाद, चित्रकूट के लकड़ी के खिलौने एवं काष्ठ कला के उत्पाद, ललितपुर के जरी सिल्क साड़ी तथा खाद्य प्रसंस्करण के सामान, देवरिया के सजावटी उत्पाद तथा कढ़ाई बुनाई संबंधी अन्य सामान शामिल हैं. इसी तरह बाराबंकी और अंबेडकरनगर के हथकरघा उत्पाद एवं वस्त्र उत्पाद, वाराणसी के रेशम, बनारसी साड़ी, गुलाबी मीनाकारी, जौनपुर के उनादारी उत्पाद व भदोही की कालीन, मुरादाबाद के ताले, सीतापुर की दरी, कानपुर के चमड़े के उत्पाद-होजरी एवं टेक्सटाइल उत्पाद, लखनऊ की चिकनकारी एवं जरी दरजोरी, मेरठ के खेल के सामान सहित तमाम अन्य शहरों के समान भेजे जाने की योजना बनाई गई है.
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इस तरह आगे बढ़ेगी योजनाः भारतीय दूतावास के जरिए इस पूरी योजना को और आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही विदेशी खरीदारों को यूपी में आमंत्रित कर व्यापारिक सम्मेलन आदि कराए जाने की योजना बनाई गई है. इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों के सामने ओडीओपी के उत्पाद पेश किए जाएंगे. यूपी के उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार तलाशने में उत्तर प्रदेश सरकार विदेश मंत्रालय से सहयोग लेगी और इसको लेकर लगातार संपर्क और संवाद किया जा रहा है. ट्रेड से संबंधित इवेंट्स में उत्तर प्रदेश की भागीदारी भी आगे बढ़ाने की बात हुई है. यहां के निर्यातकों को वहां पवेलियन लगाने, अपने उत्पाद की मार्केटिंग करने के लिए भी प्रोत्साहित किए जाने की योजना है. सबसे खास बात है कि इन देशों में निर्यातको की पहुंच बढ़ाने, उत्पादों की प्रदर्शनी लगाए जाने के लिए वीजा, कस्टम क्लीयरेंस आदि जरूरी औपचारिकताओं को भी पूरा कराने का काम सरकार के स्तर पर कराया जाएगा.
हर जिलों में एक्सपोर्ट हब बनाने का काम जारीः उत्तर प्रदेश के संयुक्त निर्यात आयुक्त पवन अग्रवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि 'उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के दौरान भी प्रदेश एक ऐसा राज्य रहा है, जहां से एक्सपोर्ट बढ़ा है. हमारा एक लाख 21 हजार करोड़ रुपये के प्रोडक्ट 2020-21 में निर्यात हुआ है. जबकि 2021-22 में बढ़कर 1 लाख 56 हजार करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है. वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में लगातार निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी के कड़ी में उत्तर प्रदेश के हर जिलों में एक्सपोर्ट हब बनाने का काम किया जा रहा है.' पवन अग्रवाल ने आगे बताया कि 'अब इस साल का हमारा लक्ष्य 2 लाख करोड़ का निर्यात करने का है. इसी के मद्देनजर हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही हमने अलग-अलग दूतावासों संपर्क करते हुए काम करना शुरू कर दिया है. तमाम देशों को चिह्नित कर लिया है, जहां पर ओडीओपी उत्पाद भेजे जाएंगे. तमाम ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश के खास प्रोडक्ट को दुनिया के तमाम देशों में भेजने को लेकर एमओयू आदि हुए हैं. इस काम को लगातार तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.'