लखनऊ : राजधानी के गुडंबा इलाके में सेकंडहैंड कारों के कारोबार में एक बड़ा फ्रॉड का मामला प्रकाश में आया है. दरअसल, लखनऊ के एक कारोबारी ने सेकंडहैंड कारों का कारोबार शुरू किया. एक करोड़ में मुंबई की एक कंपनी से 65 गाड़ियों का लखनऊ भेजने का सौदा तय हुआ. सौदा तय होने के बाद कारोबारी ने मुम्बई की कंपनी के खाते में एक करोड़ रुपये जमा भी करा दिए. लेकिन, मुम्बई की कंपनी ने लखनऊ सिर्फ चार कार ही भेजे. पीड़ित की तहरीर पर गुडंबा थाने में तीन जालसाजों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
एक करोड़ की जालसाजी
गुडंबा के नूर प्लाजा निवासी मनोज सिंह इंपीरियल एसोसिएट के नाम से कारोबार करते हैं. मनोज सिंह के मुताबिक, गुडंबा का ही रहने वाला गजनफर अली सेकंड हैंड कार का व्यापार करता है. मनोज और गजनफर में पहचान थी. गजनफर ने मनोज को ऑफर दिया कि सेकंडहैंड कार बेचने के कारोबार में मोटा मुनाफा होता है. उसने पुरानी कारों में होने वाले मुनाफे की पूरी डिटेल भी बताई. मनोज गजनफर के झांसे में आ गए.
65 कार का सौदा किया, भेजीं सिर्फ चार
मनोज के मुताबिक, गजनफर उन्हें लेकर मुंबई गया. उसने बीएनएस इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी के प्रोपराइटर निजामुद्दीन से मुलाकात करवाई. निजामुद्दीन ठाणे कौसा का रहने वाला है. उसके साथ शिवाजी कॉलोनी नागपुर का रोशन मनोहर बंधारे भी कारोबार करता था. मनोज के मुताबिक, बातचीत के दौरान बीएनएस इंटरप्राइजेज से 65 गाड़ियों का सौदा तय हुआ. सौदा तय होने के बाद मनोज ने निजामुद्दीन की कंपनी के खाते में एक करोड़ रुपये जमा करा दिए, इसके बाद गाड़ियों की डिलीवरी लखनऊ में होनी थी.
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आरोप है कि जालसाजों ने 65 गाड़ियों का सौदा करने के बाद सिर्फ चार गाड़ियां ही भेजीं, वहीं इन गाड़ियों के कागज भी पूरे नहीं भेजे थे. आरोप है कि दो गाड़ियों के कागज कई बार मांगने के बाद भी नहीं दिए, इसी वजह से दोनों गाड़ियां खड़े-खड़े गैराज में कबाड़ हो गईं. मनोज का आरोप है कि 16 मार्च को उन्होंने तीनों जालसाज से गाड़ी भेजने की बात की तो वे टालमटोल करने लगे. दबाव बनाने की कोशिश की तो उन्हें जान से मारने की धमकी दे डाली. प्रभारी निरीक्षक गुडंबा फरीद अहमद के मुताबिक, मनोज की तहरीर पर तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की छानबीन की जा रही है.