लखनऊ: इंसान के लालच ने नशे के जाल को इतना फैला दिया है कि दुनिया के कई देशों में युवा पीढ़ी नशे के कारण बर्बाद हो रही है. नशे का ये कारोबार युवाओं को तो बर्बाद कर ही रहा है, साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर क्राइम का बढ़ता ग्राफ भी चिंता का विषय है. नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ 26 जून यानी आज के दिन को 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की गई. सीएम योगी ने भी इस मौके पर ट्वीट कर प्रदेश को 'नशा मुक्त प्रदेश' बनाने की अपील की है.
सीएम ने की अपील
सीएम योगी ने 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' के मौके पर ट्वीट कर नशे के प्रति लोगों को जागरुक किया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'नशा, नाश का मूल है. यह स्वास्थ्य और सामाजिक प्रतिष्ठा को क्षय करता है. आइए, आज अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर हम सभी नशे के दुष्प्रभावों के प्रति समाज को जागरूक कर उत्तर प्रदेश को 'नशा मुक्त प्रदेश' बनाने के लिए संकल्पित हों.'
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 26, 2021
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आइए, आज अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर हम सभी नशे के दुष्प्रभावों के प्रति समाज को जागरूक कर उत्तर प्रदेश को 'नशा मुक्त प्रदेश' बनाने के लिए संकल्पित हों।
यूपी में बढ़ रहा नशे का कारोबार
यूपी में भी नशे का काला कारोबार खूब फैल रहा है. राष्ट्रीय सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नशीले पदार्थों के शिकार लोगों की सर्वाधिक संख्या यूपी में है. 2019 में आई राष्ट्रीय सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में लगभग 73 लाख लोग गांजे की लती हैं, जिसमें से 28 लाख लोग यूपी के हैं. वहीं अगर बात की जाए अफीम और हेरोईन की तो देश भर में 77 लाख लोग इन दोनों नशीले पदार्थों के लती हैं जिसमें 11 लाख लोग यूपी के हैं.
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समय रहते प्रभावी कदम उठाने की जरूरत
यूपी में नशे का जाल बुरी तरह फैलता जा रहा है. नशे को लेकर हुए तमाम सर्वे में सामने आया है कि यूपी में युवाओं में नशे की लत बहुत तेजी से बढ़ रही है. जिसको लेकर समय रहते प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है.
'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस'
हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. यह दिन नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त करने और उनकी अवैध तस्करी को रोकने के प्रति समर्पित है. 7 दिसंबर, 1987 को संकल्प 42/112 को अपनाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. इस दिन को एक संकल्प के रूप में प्रचारित किया गया है नशे के फैलते जाल के खिलाफ ताकि नशा मुक्त समाज के प्रति जागरुकता को बढ़ाया जा सके.
2021 की थीम
हर साल इस दिन के लिए एक थीम तय की जाती है, इस साल इसकी थीम ''ड्रग्स पर तथ्य साझा कर जीवन बचाएं'' हैं. इस बार सबूतों के आधार पर नशे के खिलाफ जागरुकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया गया है. इस बार का उद्देशय नशे के बढ़ते जाल को रोकने में आने वाली चुनौतियों को सूचनाओं के आदान-प्रदान से सामना करना है.
यूएनओडीसी (United Nations Office on Drugs and Crime) वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2020 के अनुसार, 2018 में विश्व स्तर पर 269 मिलियन लोगों ने ड्रग्स का इस्तेमाल किया, जो कि 2009 की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है और यह अनुमान लगाया गया है कि 35 मिलियन लोग नशीली दवाओं के उपयोग संबंधी विकारों से पीड़ित हैं.