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चाचा शिवपाल को अलग थलग करने की कवायद है अखिलेश की यह चिट्ठी

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का चाचा शिवपाल के लिए विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी. जिसपर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Progressive Samajwadi Party) शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनकी सीट पहले से आरक्षित है.

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अखिलेश यादव का चाचा शिवपाल के लिए विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनकी सीट पहले से आरक्षित है
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Published : Sep 14, 2022, 6:17 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) ने चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को विधानसभा में सदन के अंदर प्रथम पंक्ति पर बैठने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है. सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को सदन के अंदर अलग-थलग कर सपा विधायकों की लॉबी से दूर करने का निर्णय लिया है. शिवपाल सिंह यादव से पूरी तरह से दूरी बनाने को लेकर यह पत्र लिखा गया है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अंदर और सियासी गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं.


बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में मिली पराजय के बाद से अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच लगातार नाराजगी देखने को मिल रही है. जिसमे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Progressive Samajwadi Party) शिवपाल सिंह यादव ने भी समाजवादी पार्टी से पूरी तरह दूरी बना ली है. सिर्फ कहने भर के लिए वह समाजवादी पार्टी से विधायक हैं. सबसे खास बात यह है कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने सदन के अंदर अपने भतीजे अखिलेश यादव पर तंज कसे थे. इसके अलावा उन्होंने अखिलेश यादव पर कई तरह के सवाल भी खड़े किए थे.

यह बोले सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय.

विधानसभा का मानसून सत्र 19 सितंबर से
अब जब मानसून सत्र 19 सितंबर से शुरू हो रहा है, तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सोची-समझी रणनीति और पार्टी नेताओं के सुझाव पर शिवपाल सिंह यादव को सपा विधायकों की लॉबी से पूरी तरह दूर करने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि शिवपाल सिंह यादव पार्टी के वरिष्ठ विधायक हैं. इसके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ऐसी स्थिति में उनके बैठने के लिए सदन में प्रथम पंक्ति पर सीट आरक्षित की जाए.


समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार से शिवपाल सिंह यादव भतीजे अखिलेश यादव से नाराज हैं. उसी तरह समय-समय पर उन पर निशाना भी साधते रहते हैं. इससे भाजपा को भी सपा पर हमलावर होने का मौका मिल जाता है. ऐसी स्थिति में मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर वह अगर कोई बात सपा नेतृत्व को लेकर सपा लॉबी में रहते हुए कहें तो इससे अच्छे संदेश नहीं जाते हैं. इससे बचने के लिए अखिलेश यादव ने उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश करते हुए और सपा विधायकों की लॉबी से दूर रखने को लेकर उनकी सीट अलग से आरक्षित करने की मांग की है.


इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह भी है कि शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश द्वारा सीट आरक्षित करने की मांग के बाद निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जहां उनकी सीट पहले से आरक्षित है वह वहीं बैठ कर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे. इससे एक तरह से उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल समाजवादी पार्टी कि विधायकों वाली लॉबी में ही बैठकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.

हालांकि वह खुद यह बात कह रहे हैं कि उनकी सीट आगे दी जाए लेकिन अब अखिलेश की चाल में वह फंसना नहीं चाहते हैं. कुल मिलाकर अखिलेश यादव ने उन्हें सपा विधायकों से दूर करने की कोशिश की है. अब देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Speaker Satish Mahana) इस पूरे मामले में क्या फैसला लेते हैं.

यह भी पढ़ें- सपा नेता आजम खान को दिल का दौरा पड़ा, सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती

समाजवादी पार्टी के विधान सभा में मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने कहा कि यह कहना गलत है कि उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश करते हुए प्रथम पंक्ति पर सीट आरक्षित करने की मांग की गई है. वह वरिष्ठ विधायक हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. इस नाते उनकी वरिष्ठता को देखते हुए ही अगली पंक्ति पर पर सीट आरक्षित करने की मांग की गई है. इसके अलावा और इसके कोई मायने नहीं हैं.


ये भी पढ़ेंः डेढ़ माह में कटा 22 हजार का चालान तो ऑटो ड्राइवर ने दे दी जान

लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) ने चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को विधानसभा में सदन के अंदर प्रथम पंक्ति पर बैठने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है. सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को सदन के अंदर अलग-थलग कर सपा विधायकों की लॉबी से दूर करने का निर्णय लिया है. शिवपाल सिंह यादव से पूरी तरह से दूरी बनाने को लेकर यह पत्र लिखा गया है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के अंदर और सियासी गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं.


बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में मिली पराजय के बाद से अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच लगातार नाराजगी देखने को मिल रही है. जिसमे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Progressive Samajwadi Party) शिवपाल सिंह यादव ने भी समाजवादी पार्टी से पूरी तरह दूरी बना ली है. सिर्फ कहने भर के लिए वह समाजवादी पार्टी से विधायक हैं. सबसे खास बात यह है कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने सदन के अंदर अपने भतीजे अखिलेश यादव पर तंज कसे थे. इसके अलावा उन्होंने अखिलेश यादव पर कई तरह के सवाल भी खड़े किए थे.

यह बोले सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय.

विधानसभा का मानसून सत्र 19 सितंबर से
अब जब मानसून सत्र 19 सितंबर से शुरू हो रहा है, तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सोची-समझी रणनीति और पार्टी नेताओं के सुझाव पर शिवपाल सिंह यादव को सपा विधायकों की लॉबी से पूरी तरह दूर करने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि शिवपाल सिंह यादव पार्टी के वरिष्ठ विधायक हैं. इसके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ऐसी स्थिति में उनके बैठने के लिए सदन में प्रथम पंक्ति पर सीट आरक्षित की जाए.


समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार से शिवपाल सिंह यादव भतीजे अखिलेश यादव से नाराज हैं. उसी तरह समय-समय पर उन पर निशाना भी साधते रहते हैं. इससे भाजपा को भी सपा पर हमलावर होने का मौका मिल जाता है. ऐसी स्थिति में मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर वह अगर कोई बात सपा नेतृत्व को लेकर सपा लॉबी में रहते हुए कहें तो इससे अच्छे संदेश नहीं जाते हैं. इससे बचने के लिए अखिलेश यादव ने उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश करते हुए और सपा विधायकों की लॉबी से दूर रखने को लेकर उनकी सीट अलग से आरक्षित करने की मांग की है.


इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह भी है कि शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश द्वारा सीट आरक्षित करने की मांग के बाद निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जहां उनकी सीट पहले से आरक्षित है वह वहीं बैठ कर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे. इससे एक तरह से उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल समाजवादी पार्टी कि विधायकों वाली लॉबी में ही बैठकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.

हालांकि वह खुद यह बात कह रहे हैं कि उनकी सीट आगे दी जाए लेकिन अब अखिलेश की चाल में वह फंसना नहीं चाहते हैं. कुल मिलाकर अखिलेश यादव ने उन्हें सपा विधायकों से दूर करने की कोशिश की है. अब देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Speaker Satish Mahana) इस पूरे मामले में क्या फैसला लेते हैं.

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समाजवादी पार्टी के विधान सभा में मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने कहा कि यह कहना गलत है कि उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश करते हुए प्रथम पंक्ति पर सीट आरक्षित करने की मांग की गई है. वह वरिष्ठ विधायक हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. इस नाते उनकी वरिष्ठता को देखते हुए ही अगली पंक्ति पर पर सीट आरक्षित करने की मांग की गई है. इसके अलावा और इसके कोई मायने नहीं हैं.


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