लखनऊ : लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में इन दिनों गर्मी पड़ रही है. गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है. अब तक की सबसे ज्यादा डिमांड पहुंच गई है. उपभोक्ताओं की डिमांड पूरी कर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने भी एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. बिजली सप्लाई का पावर कारपोरेशन का जो पहले रिकॉर्ड बना था वह टूट गया है. लगातार बढ़ रही बिजली की मांग से पावर कारपोरेशन के हाथ पांव फूलने लगे हैं, हालांकि पावर कारपोरेशन का दावा है कि शेड्यूल के मुताबिक बिजली की सप्लाई की जा रही है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया है कि 'उत्तर प्रदेश में गर्मी और उमस बढ़ने के कारण विद्युत मांग रिकॉर्ड स्तर 27622 मेगावाट तक पहुंच गई है. इस बढ़ी हुई ऐतिहासिक मांग के अनुरूप उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने विद्युत आपूर्ति कर नया रिकॉर्ड बनाया है. विगत जून में मांग 27,611 मेगावाट गई थी जिसे कारपोरेशन ने पूरा कर एक नया रिकॉर्ड दर्ज कराया था. आज नया रिकार्ड बना है. प्रदेश में सभी क्षेत्रों को निश्चित शिड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. अध्यक्ष ने विद्युत निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी दो माह विद्युत व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण है, इसलिए इस समय आपूर्ति व्यवस्था बाधित न हो सबको शेड्यूल के अनुरूप विद्युत प्राप्त हो इसके लिए पूरी सावधानी बरतें. उन्होंने कहा है कि ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हों तो उन्हें अति शीघ्र बदला जाए. ट्रॉली ट्रांसफार्मर रिजर्व में उपलब्ध रहें. अधिकारी अपना फोन उठाएं, साथ ही 1912 पर आ रही सूचना या शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित करें.'
उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि वे अपना बिल समय से जमा करें. ऐसा कोई नियम विरुद्ध कार्य न करें जिससे विद्युत व्यवस्था संचालन में नकारात्मक प्रभाव पड़े. पावर कारपोरेशन हमेशा विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने का प्रयास कर रहा है.
वहीं इस मामले पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश अधिकतम 29,000 मेगा वाट को टच कर सकता है. हालांकि वर्तमान मांग 29,000 मेगावाट से थोड़ी कम है. यह कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य हो सकता है, जहां पर बिजली उपभोक्ताओं की आवश्यकता के अनुसार सबसे ज्यादा डिमांड निकल कर सामने आ सकती है. अभी तक सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में डिमांड है. इस गर्मी में वहां अधिकतम डिमांड 28,800 मेगावाट तक पहुंची है. परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बीते रविवार के दिन जब अधिकतम डिमांड 28,045 मेगावाट तक पहुंच गई थी उस दौरान रविवार होने के नाते सरकारी ऑफिस बंद थे. यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर रात में बिजली की उपलब्धता उत्तर प्रदेश में होती तो उत्तर प्रदेश की डिमांड 29 हजार मेगावाट को टच कर जाती.'