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वैक्सीन से लेकर टेस्टिंग तक, प्रभारी अधिकारी ने किया संपूर्ण मंथन

लखनऊ में कोरोना को लेकर प्रभारी अधिकारी कोविड-19 रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी सभागार में समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने टेस्टिंग से लेकर वैक्सिनेशन आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई.

बैठक लेते प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब
बैठक लेते प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब
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Published : May 12, 2021, 5:21 AM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी के संबंध में प्रभारी अधिकारी कोविड 19 डॉ रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. इस बैठक में आइसोलेशन रोगियों का फॉलो अप टेस्टिंग और वैक्सिनेशन आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई. बैठक में प्रभारी अधिकारी ने बताया कि होम आइसोलेशन के संबंध में दवा वितरण से लेकर चिकित्सकीय परामर्श तक सीएचसी स्तर से ही की जा रही है.

अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग
होम आइसोलेशन रोगियो को पोर्टल पर होम आइसोलेशन अलॉटमेंट करने का काम अभी भी कमाण्ड सेंटर के द्वारा ही किया जा रहा है. कमाण्ड सेंटर का मुख्य कार्य केवल कोविड रोगियों को हास्पिटल में भर्ती कराना, एम्बुलेंस का आवंटन, कोविड सम्बंधित शिकायत/जानकारी उपलब्ध कराना आदि है. पोर्टल पर पाज़ीटिव रोगी को होम आइसोलेशन का एलॉटमेंट करने के लिए निर्देश दिया गया है, जिसके लिए मंगलवार को प्रभारी अधिकारियों ने समस्त होम आइसोलेशन प्रभारियों की ट्रेनिंग कराई. ट्रेनिंग में उनको किस प्रकार से रोगियों से बात करके पोर्टल पर होम आइसोलेशन एलॉटमेंट की फीडिंग करना है यह बताया गया.

इसे भी पढ़ें:कोरोना से जीत रहे जंग, 'सुपर इंफेक्शन' से हारे

सीएचसी को जारी किया गया स्पष्टीकरण
प्रभारी अधिकारी द्वारा समस्त टेस्टिंग सेंटरों की समीक्षा सीएचसी वार की गई. संज्ञान में आया कि शहरी क्षेत्र में अलीगंज, ऐशबाग़, रेडक्रास व सिल्वर जुबली सीएचसी द्वारा बहुत कम टेस्टिंग की जा रही हैं. अधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि 4 सीएचसी का स्पष्टीकरण जारी किया जाए. साथ ही निर्देश दिया कि सभी सीएचसी आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या को तत्काल बढ़ाएं.

'प्रतिदिन 10 हजार टेस्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए'
प्रभारी अधिकारी ने निर्देश दिया कि सीएचसी के अतिरिक्त समस्त अर्बन पीएचसी में भी टेस्टिंग सेंटर शुरू करने के लिए कार्ययोजना बना कर प्रस्तुत की जाए, ताकि वहां भी टेस्टिंग शुरू की जा सके. उन्होंने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित लक्षण के अनुसार प्रतिदिन 10 हजार टेस्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए, ताकि रोगियों को चिन्हित करके ससमय उनको उपचार उपलब्ध कराया जा सके, और इस बात का भी सत्यापन हो सके कि जिस क्षेत्र से वर्तमान में कम केस आ रहे हैं, वहां वास्तव में उन जगहों पर संक्रमण कम हुआ है या नहीं. उन्होंने बताया कि लोगों को फैसिलिटेट किया जाए. आरआरटी लोगों के बीच जाए उनसे संवाद करे. उनको समझाए की डरने की कोई बात नहीं है.

'कॉल करके यह पता किया जाए कि सुविधाएं मिली हैं या नहीं'
ट्रेंनिग में प्रभारी अधिकारी ने बताया गया कि धनात्मक रोगी से कॉल करके यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके यहां शासन द्वारा जारी होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी सुविधाएं हैं या नहीं. यदि रोगी के द्वारा बताया जाता है कि उसके यहां सभी सुविधाएं हैं तो उसे पोर्टल पर होम आइसोलेशन एलॉट कर दिया जाए. यदि रोगी द्वारा बताया जाता है कि उसके यहां प्रोटोकॉल के अनुरूप मूल सुविधाए नहीं हैं, वह इंस्टिट्यूटनल क्वारंटाइन में जाना चाहता है तो उसे कमाण्ड सेंटर द्वारा एल1 फेसेलिटी में भर्ती कराया जाए.

जनपद में एल 1 फैसेलिटी के बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
जनपद में एल 1 फैसेलिटी के बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. साथ ही निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी अपने अपने क्षेत्रों में शत प्रतिशत होम आइसोलेशन रोगियों व कोविड लक्षण वाले रोगियों को दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे. इस दौरान प्रभारी अधिकारी ने टेस्टिंग व वैक्सिनेशन आदि बिन्दुओ की गहन समीक्षा की. प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि टेस्टिंग के कार्य को युद्धस्तर पर चलाया जाए. सभी सीएचसी पर दो दो टेस्टिंग सेंटर बनाए जाएं और एंटीजन एवं आरटीपीसीआर टेस्ट करना सुनिश्चित किया जाए और उनकी लोकेशन मीडिया के माध्यम से आमजनमानस तक पहुचाई जाए, ताकि लोग अपने क्षेत्र में आसानी से टेस्ट करा सके.

प्राथमिकता के आधार पर लगाई जाए दूसरी डोज
प्रभारी अधिकारी ने वैक्सिनेशन के सम्बंध में निर्देश दिया कि 45 वर्ष से अधिक की आयु के वह लोग जिनका पहला डोज़ मिल चुकी है, दूसरी डोज लगना है उनको प्राथमिकता के आधार पर दूसरी डोज लगवाई जाए. साथ ही निर्देश दिया कि वैक्सिनेशन के लिए अब रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो रहे हैं, जिसमें 45 वर्ष से अधिक के लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए 45 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए समस्त अर्बन पीएचसी पर वैक्सिनेशन हेल्पडेस्क बनाई जाए और उनके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में मदद की जाए. बैठक में मुख्यविकास अधिकारी प्रभास कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय भटनागर व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

लखनऊ: कोरोना महामारी के संबंध में प्रभारी अधिकारी कोविड 19 डॉ रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. इस बैठक में आइसोलेशन रोगियों का फॉलो अप टेस्टिंग और वैक्सिनेशन आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई. बैठक में प्रभारी अधिकारी ने बताया कि होम आइसोलेशन के संबंध में दवा वितरण से लेकर चिकित्सकीय परामर्श तक सीएचसी स्तर से ही की जा रही है.

अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग
होम आइसोलेशन रोगियो को पोर्टल पर होम आइसोलेशन अलॉटमेंट करने का काम अभी भी कमाण्ड सेंटर के द्वारा ही किया जा रहा है. कमाण्ड सेंटर का मुख्य कार्य केवल कोविड रोगियों को हास्पिटल में भर्ती कराना, एम्बुलेंस का आवंटन, कोविड सम्बंधित शिकायत/जानकारी उपलब्ध कराना आदि है. पोर्टल पर पाज़ीटिव रोगी को होम आइसोलेशन का एलॉटमेंट करने के लिए निर्देश दिया गया है, जिसके लिए मंगलवार को प्रभारी अधिकारियों ने समस्त होम आइसोलेशन प्रभारियों की ट्रेनिंग कराई. ट्रेनिंग में उनको किस प्रकार से रोगियों से बात करके पोर्टल पर होम आइसोलेशन एलॉटमेंट की फीडिंग करना है यह बताया गया.

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सीएचसी को जारी किया गया स्पष्टीकरण
प्रभारी अधिकारी द्वारा समस्त टेस्टिंग सेंटरों की समीक्षा सीएचसी वार की गई. संज्ञान में आया कि शहरी क्षेत्र में अलीगंज, ऐशबाग़, रेडक्रास व सिल्वर जुबली सीएचसी द्वारा बहुत कम टेस्टिंग की जा रही हैं. अधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि 4 सीएचसी का स्पष्टीकरण जारी किया जाए. साथ ही निर्देश दिया कि सभी सीएचसी आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या को तत्काल बढ़ाएं.

'प्रतिदिन 10 हजार टेस्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए'
प्रभारी अधिकारी ने निर्देश दिया कि सीएचसी के अतिरिक्त समस्त अर्बन पीएचसी में भी टेस्टिंग सेंटर शुरू करने के लिए कार्ययोजना बना कर प्रस्तुत की जाए, ताकि वहां भी टेस्टिंग शुरू की जा सके. उन्होंने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित लक्षण के अनुसार प्रतिदिन 10 हजार टेस्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए, ताकि रोगियों को चिन्हित करके ससमय उनको उपचार उपलब्ध कराया जा सके, और इस बात का भी सत्यापन हो सके कि जिस क्षेत्र से वर्तमान में कम केस आ रहे हैं, वहां वास्तव में उन जगहों पर संक्रमण कम हुआ है या नहीं. उन्होंने बताया कि लोगों को फैसिलिटेट किया जाए. आरआरटी लोगों के बीच जाए उनसे संवाद करे. उनको समझाए की डरने की कोई बात नहीं है.

'कॉल करके यह पता किया जाए कि सुविधाएं मिली हैं या नहीं'
ट्रेंनिग में प्रभारी अधिकारी ने बताया गया कि धनात्मक रोगी से कॉल करके यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके यहां शासन द्वारा जारी होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी सुविधाएं हैं या नहीं. यदि रोगी के द्वारा बताया जाता है कि उसके यहां सभी सुविधाएं हैं तो उसे पोर्टल पर होम आइसोलेशन एलॉट कर दिया जाए. यदि रोगी द्वारा बताया जाता है कि उसके यहां प्रोटोकॉल के अनुरूप मूल सुविधाए नहीं हैं, वह इंस्टिट्यूटनल क्वारंटाइन में जाना चाहता है तो उसे कमाण्ड सेंटर द्वारा एल1 फेसेलिटी में भर्ती कराया जाए.

जनपद में एल 1 फैसेलिटी के बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
जनपद में एल 1 फैसेलिटी के बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. साथ ही निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी अपने अपने क्षेत्रों में शत प्रतिशत होम आइसोलेशन रोगियों व कोविड लक्षण वाले रोगियों को दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे. इस दौरान प्रभारी अधिकारी ने टेस्टिंग व वैक्सिनेशन आदि बिन्दुओ की गहन समीक्षा की. प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि टेस्टिंग के कार्य को युद्धस्तर पर चलाया जाए. सभी सीएचसी पर दो दो टेस्टिंग सेंटर बनाए जाएं और एंटीजन एवं आरटीपीसीआर टेस्ट करना सुनिश्चित किया जाए और उनकी लोकेशन मीडिया के माध्यम से आमजनमानस तक पहुचाई जाए, ताकि लोग अपने क्षेत्र में आसानी से टेस्ट करा सके.

प्राथमिकता के आधार पर लगाई जाए दूसरी डोज
प्रभारी अधिकारी ने वैक्सिनेशन के सम्बंध में निर्देश दिया कि 45 वर्ष से अधिक की आयु के वह लोग जिनका पहला डोज़ मिल चुकी है, दूसरी डोज लगना है उनको प्राथमिकता के आधार पर दूसरी डोज लगवाई जाए. साथ ही निर्देश दिया कि वैक्सिनेशन के लिए अब रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो रहे हैं, जिसमें 45 वर्ष से अधिक के लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए 45 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए समस्त अर्बन पीएचसी पर वैक्सिनेशन हेल्पडेस्क बनाई जाए और उनके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में मदद की जाए. बैठक में मुख्यविकास अधिकारी प्रभास कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय भटनागर व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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