लखनऊ: राजधानी में आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने विकास दुबे एनकाउंटर पर सवार उठाए हैं. साथ ही पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए राष्ट्रीय मानवधिकार में शिकायत कर जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से विकास दुबे के सरेंडर करने के बाद पुलिस ने उसका एनकाउंटर किया है, वह कई सवाल खड़े करता है. पुलिस को जितने अधिकार दिए गए हैं, उससे कहीं बढ़कर कार्य किए जा रहे हैं.
नूतन ठाकुर ने उठाए सवाल
कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे को सुबह पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. इसके बाद से ही विपक्ष विकास के एनकाउंटर पर सवाल उठा रहा है. वहीं इस घटना में शामिल उसके 4 साथियों को भी मुठभेड़ में पहले ही मार गिराया था, जबकि उसके दो साथी मुठभेड़ में घायल हैं. बता दें विकरू गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या करने के बाद 5 लाख का इनामी विकास दुबे फरार हो गया था और पुलिस की कई टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थीं.
मध्यप्रदेश में हुई थी गिरफ्तारी
मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर में विकास दुबे को अरेस्ट किया गया था. मध्यप्रदेश पुलिस ने बताया कि सुबह के समय जब विकास दुबे मंदिर में दर्शन करने आया था, तो मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने उसकी पहचान की. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
एनकाउंटर में मारा गया
शुक्रवार सुबह जब एसटीएफ टीम कानपुर पहुंची तो उसी समय भौति बाईपास के पास पुलिस की गाड़ी अचानक पलट गई. वहीं पुलिस का कहना है कि विकास दुबे पुलिस के हथियार लेकर भागने कोशिश करने लगा और पुलिस पर फायर करने लगा. इस पर जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे मारा गया.