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लखनऊ: विरोध प्रदर्शन के चलते कम हुई पर्यटकों की संख्या, हुसैनाबाद ट्रस्ट को लाखों का घाटा

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Published : Jan 1, 2020, 12:25 PM IST

बीते दिनों हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली है. इससे हुसैनाबाद ट्रस्ट को लाखों का नुकसान हुआ है.

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विरोध प्रदर्शन के चलते कम हुई पर्यटकों की संख्या.


लखनऊ: बीते दिनों राजधानी में सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. शहर में अमन और चैन की स्थिति कायम करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ी थी. इस दौरान लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली. हुसैनाबाद ट्रस्ट को करीब 5 लाख का घाटा हुआ.

जानकारी देते एडीएम.

राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी देखने को मिली. 19 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के बाद पूरे हफ्ते लखनऊ में पर्यटक कम दिखे. इस बीच अगर आंकड़ों की बात करें तो करीब 10,000 पर्यटक इस दौरान लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट से संबंधित सभी इमारतों को देखने नहीं आ सके.

पर्यटकों के न आने के बाद इमामबाड़ा के अंदर गाइड करने वाले गाइडों की भी आमदनी कम हुई. दूसरी ओर, दैनिक मजदूरी करने वाले तांगा चालक भी इससे प्रभावित दिखे.

इसे भी पढें:-भाजपा आरक्षण पर कर रही ढोंग, सत्ता पक्ष ने किया हंगामा: अहमद हसन

जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हुआ था, उस दौरान पूरे हफ्ते पर्यटक कम आये. अगर संख्या की बात करें तो करीब 10,000 पर्यटक यहां पर नहीं पहुंच सके. हालांकि अब स्थितियां सामान्य है और पुनः पर्यटक लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने लगे हैं.
-संतोष कुमार,एडीएम


लखनऊ: बीते दिनों राजधानी में सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. शहर में अमन और चैन की स्थिति कायम करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ी थी. इस दौरान लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली. हुसैनाबाद ट्रस्ट को करीब 5 लाख का घाटा हुआ.

जानकारी देते एडीएम.

राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी देखने को मिली. 19 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के बाद पूरे हफ्ते लखनऊ में पर्यटक कम दिखे. इस बीच अगर आंकड़ों की बात करें तो करीब 10,000 पर्यटक इस दौरान लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट से संबंधित सभी इमारतों को देखने नहीं आ सके.

पर्यटकों के न आने के बाद इमामबाड़ा के अंदर गाइड करने वाले गाइडों की भी आमदनी कम हुई. दूसरी ओर, दैनिक मजदूरी करने वाले तांगा चालक भी इससे प्रभावित दिखे.

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जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हुआ था, उस दौरान पूरे हफ्ते पर्यटक कम आये. अगर संख्या की बात करें तो करीब 10,000 पर्यटक यहां पर नहीं पहुंच सके. हालांकि अब स्थितियां सामान्य है और पुनः पर्यटक लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने लगे हैं.
-संतोष कुमार,एडीएम

Intro: एंकर

स्पेशल

नवाबों के शहर लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के चलते लखनऊ में स्थिति तनावपूर्ण थी ।और माहौल इतना बिगड़ गया था । की शहर में अमन और चैन की स्थिति कायम करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ी थी। इस दौरान लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली ,और इमारतों में सन्नाटा सा छाया रहा । किसी पर्यटक को विरोध प्रदर्शन का खौफ था, तो किसी को इस बात का भी डर था ,कि कहीं इस विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस हमें गिरफ्तार ना कर ले, लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की सुगबुगाहट पूरे हफ्ते बनी रही । इस बीच हुसैनाबाद ट्रस्ट को करीब 500000 का घाटा हुआ ।विरोध प्रदर्शन से पहले करीब 1700 पर्यटक हुसैनाबाद ट्रस्ट में इमामबाड़ा, भूलभुलैया, घंटाघर,पिक्चर गैलिरी आये थे ।वहीं यह संख्या विरोध प्रदर्शन के दिन से कम हो गई,


Body: वी ओ

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राजधानी लखनऊ के चैनो अमन को 19 दिसंबर का दिन याद रहेगा ।क्योंकि 19 दिसंबर के दिन हुए विरोध प्रदर्शन के चलते तमाम आगजनी पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शन के चलते माहौल खराब हो गया था ।इस बीच लखनऊ की पुलिस भी पस्त पड़ गई थी। इसके दौरान लखनऊ के स्थानीय लोगों पर तो इसका असर दिखा ही वही राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या भी काफी कम रही। 19 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के बाद पूरे हफ्ते लखनऊ में पर्यटक कम दिखे इस बीच अगर आंकड़ों की बात करें तो करीब 10000 पर्यटक इस दौरान लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट से संबंधित सभी इमारतों को देखने नहीं आ सके। पर्यटक ना आने के बाद इमामबाड़ा के अंदर गाइड करने वाले गाइडों की भी आमदनी कम हुई। वहीं दूसरी ओर दैनिक मजदूरी करने वाले इक्का चालक भी ।इससे प्रभावित दिखे इक्का चालक का कहना है। कि जहां विरोध प्रदर्शन से पहले हम एक हजार से लेकर 800 रुपये की दैनिक मजदूरी कर लिया करते थे ।वही हिंसा के बाद माहौल खराब हो गया जिसके चलते पर्यटक नहीं आ सके, और इसका असर हमारे ऊपर भी पड़ा है ।और तो और हम उस वक्त अपने घोड़े को भी चारा खिलाने के लायक पैसे नहीं जुटा पाए, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो जाएंगी तो सब ठीक हो जाएगा

husenabad trust


Conclusion: डिस्क्रिप्शन
फिलहाल नागरिकता संशोधन कानून विरोध प्रदर्शन से हुए प्रभावित हुसैनाबाद ट्रस्ट के सचिव और पश्चिम लखनऊ के एडीएम संतोष कुमार बेस्ट ने बताया कि जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हुआ था ।उस दौरान पूरे हफ्ते पर्यटक कम आये अगर संख्या की बात करें तो करीब 10000 पर्यटक यहां पर नहीं पहुंच सके लेकिन अब स्थितियां सामान्य है ।और पुनः पर्यटक लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को देखने आने लगे हैं ।



संवाददाता सत्येंद्र शर्मा 8193 8640 12

वाइट । अब्दुल रज़्ज़ाक, इक्का चालक

वाइट ,संतोष कुमार वैश्य ,एडीएम पश्चिम लखनऊ

आंकड़े करीब 1 लाख की इनकम आती थी प्रतिदिन

इस बीच करीब 5 लाख का हुआ घाटा

10000 पर्यटक नहीं पहुंच सके

विरोध प्रदर्शन से पहले आये थे 1700 पर्यटक


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