लखनऊ: कोरोना वायरस फैलने की दर लॉकडाउन-1 की अपेक्षा लॉकडाउन-2 में ज्यादा रही. आंकड़े बता रहे हैं कि राजधानी लखनऊ की कोरोना संक्रमण से बचाव के मामले में स्थिति अच्छी नहीं रही. हालांकि प्रदेश के सर्वाधिक संक्रमित मरीजों वाले जिलों में लखनऊ तीसरे नंबर पर है. वहीं पहले चरण के लॉकडाउन में करीब 74 मरीज थे, लेकिन दूसरे चरण में यह संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई.
राजधानी बना कोरोना का गढ़, सख्या पहुंची 237
राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 200 पार कर चुकी है. 25 मार्च से जारी लॉकडाउन से पहले राजधानी में सिर्फ 9 पॉजिटिव नंबर थे. प्रथम चरण का लॉकडाउन खत्म होते-होते यह आंकड़ा करीब 74 तक पहुंच गया. वहीं लॉकडाउन-2 के 17 दिन की अवधि में दोगुने रफ्तार से ज्यादा करीब 154 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं. राजधानी में तीन मई तक 237 मरीज चिन्हित हुए थे. इनमें से 74 मरीज अन्य जिलों और राज्यों के हैं, जिनका इलाज यहां चल रहा है.
संपूर्ण लॉकडाउन को करीब 40 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया है. उम्मीद थी कि इस दौरान हालात सुधरेंगे, पर ऐसा नहीं हो सका. लॉकडाउन-2 घोषित होने के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. हालांकि इस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार अधिकारी लोगों से संवाद कर रहे हैं, जबकि राज्य सरकार इसकी गंभीरता को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से बातचीत कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हर स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या के आंकड़ों में कमी लाने का प्रयास कर रहे हैं. इसको लेकर तमाम रणनीतियां बनाई जा रही हैं. वह जल्द ही इस पर काबू पा लेंगे.