लखनऊ: राजधानी के लोकभवन में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कोरोना के आंकड़ों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना के 5,259 एक्टिव केस हैं. वहीं अब तक 8,904 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं. यूपी में कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर 61 फीसदी है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से कुल 435 लोगों की मृत्यु हुई है. इस प्रकार प्रदेश में अबतक कोरोना के 14,598 मामले सामने आ चुके हैं. प्रदेश में 5,261 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. वहीं फैसिलिटी क्वॉरंटाइन में 7,540 लोगों को रखा गया है. इन लोगों के सैंपल ले लिए गए हैं जिन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि सोमवार को प्रदेश में 13,966 सैंपल की जांच की गई है.
16 लाख श्रमिकों को किया गया ट्रैक
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि प्रदेश में आशा वर्कर प्रवासी श्रमिकों के घर जाकर उनके बारे में जानकारी हासिल कर रही हैं. अब तक 16,75,579 प्रवासी कामगारों को ट्रैक किया गया है. इनमें से 1,463 लोगों में कोरोना के लक्षण सामने आए हैं. इन लोगों में सर्दी, खांसी, जुकाम या सांस लेने में दिक्कत देखने को मिली है. आशा वर्कर ने सूचना उपलब्ध कराई है. इस सूचना के आधार पर इन लोगों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है. अब तक 1,017 लोगों की कोरोना जांच के परिणाम आ चुके हैं. इनमें से 164 लोगों की कोरोना जांच पॉजिटिव आई है, वहीं 853 लोग निगेटिव मिले हैं.
कोरोना से लड़ाई के लिए प्रदेश में त्रिस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था
प्रदेश में कोविड-19 से निपटने के लिए की गई चिकित्सीय व्यवस्थाओं के बारे में बताते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में त्रिस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था की गई है. मरीजों के लिए एल-1, एल-2 और एल-3 अस्पतालों की व्यवस्था है. इन अस्पतालों में एक 1,01,236 बेड की व्यवस्था की गई है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभी कोरोना के 5,259 एक्टिव केस हैं. इन लोगों का इलाज चल रहा है.
सामान्य मरीजों को भी मिले इलाज, सरकार उठा रही कदम
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों के अतिरिक्त सामान्य मरीजों को भी इलाज मिलता रहे, इसके लिए भी सरकार ने कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को आवश्यक और आपातकालीन सेवाएं अवश्य उपलब्ध करानी चाहिए. इस क्रम में शासनादेश दिया गया है कि इसके साथ ही निजी अस्पतालों के स्टाफ को इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण भी दिलाया गया है. जिलों में मास्टर ट्रेनर के द्वारा उन अस्पताल के लोगों को भी ट्रेनिंग दी गई, जो कोरोना काल में मरीजों का इलाज करना चाह रहे थे.
3,324 निजी अस्पतालों में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएं
प्रदेश में 3,324 निजी अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. सरकार की कम्युनिटी सर्विस का अच्छा परिणाम सामने आया है. ग्राम निगरानी समितियां, मोहल्ला निगरानी समितियों की कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने और लोगों को जागरूक करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है.